अपनी टीम में जगह ना मिलना पर ट्रंप से नाराज़ मुसलमानों ने क्या कहा ?
ट्रंप ने अपनी टीम से मुस्लिमों को दूर रखा है..किसी भी मुस्लिम को उन्होंने अपनी टीम में जगह नहीं दी है…इससे माना ये जा रहा है कि वो अपनी कैबिनेट को धार्मिक आधार पर तैयार कर रहे हैं…और उन्होंने मुस्लिमों की अनदेखी की है…अब इससे मुस्लिम वर्ग अमेरिका में ट्रंप से बेहद नाराज़ है…क्योंकि चुनाव के समय मुसलमानों ने ट्रंप का साथ दिया..
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद शपथ से पहले ट्रंप अपनी टीम बनाने में लगे हैं। कई धुरंधर उन्होंने अपनी टीम में शामिल किए हैं। कई तो भारतवंशी भी हैं। और कई ऐसे हैं जो ट्रंप के बेहद करीबी हैं। जिस तरह ट्रंप अपनी कैबिनेट बनाने में लगे हैं उससे ये साफ़ होता है कि वो पिछले कार्यकाल वाली कोई भी गलती नहीं करना चाहते। इसलिए वो फूंक फूंककर कदम रख रहे हैं। और अपनी टीम में ऐसे लोगों को ले रहे हैं। जो अमेरिका के हित में अच्छे से अच्छा काम कर सकें। यानि की इस टीम में उनके करीबी और भरोसेमंद लोग हैं। लेकिन अब कुछ लोग ये सवाल उठा रहे हैं..कि ट्रंप ने अपनी टीम से मुस्लिमों को दूर रखा है। किसी भी मुस्लिम को उन्होंने अपनी टीम में जगह नहीं दी है। इससे माना ये जा रहा है कि वो अपनी कैबिनेट को धार्मिक आधार पर तैयार कर रहे हैं।और उन्होंने मुस्लिमों की अनदेखी की है।अब इससे मुस्लिम वर्ग अमेरिका में ट्रंप से बेहद नाराज़ है। क्योंकि चुनाव के समय मुसलमानों ने ट्रंप का साथ दिया। यहां तक की अमेरिका में ट्रंप के जीतने के बाद मुस्लिम देशों की मीडिया में अलग - अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिली थी। एक अख़बार ने तो कमला हैरिस की हार को उनके कर्मों का फल बता दिया था। और गाजा इज़रायल जंग में मुस्लिमों की अनदेखी की बात कही थी।
चुनाव से पहले भी ट्रंप ने मुस्लिमों से बाइडेन प्रशासन को उनका विरोधी बताया था। डोनाल्ड ट्रंप की टीम के चयन ने मुस्लिम नेताओं के बीच काफी निराशा पैदा की है। ख़बरों के मुताबिक़ ट्रंप ने अपने कैबिनेट में क्रिश्चियन, यहूदी और तीन हिंदू भी है लेकिन किसी भी मुस्लिम को जगह नहीं दी। अगर आंकड़े उठा कर देखें तो अमेरिका में मुस्लिमों की जनसंख्या हिंदुओं की तुलना में ज्यादा है। लेकिन दोनों ही अमेरिका में अल्पसंख्यक हैं। यानि
मुस्लिम : लगभग 3.5 करोड़ (अमेरिका की कुल आबादी का लगभग 1.1%)
हिंदू : लगभग 2.5 करोड़ (अमेरिका की कुल आबादी का लगभग 0.7%)
इसके बावजूद किसी भी मुस्लिम को जगह ना मिलना उनके लिए निराशा की बात है। लेकिन अगर देखें तो ट्रंप ने अबतक किसी भी सिख को भी अपनी टीम में जगह नहीं दी है। जबकि ट्रंप के समर्थन में सिख समुदाय से महत्वपूर्ण जुड़ाव रहा है। सिख समुदाय की तरफ़ से टीम में शामिल होने के लिए इच्छा भी ज़ाहिर की लेकिन बावजूद इसके अब तक ट्रंप की कैबिनेट में कोई सिख शामिल नहीं किया गया है।वहीं अगर हिन्दू समुदाय की बात करें तो हिंदू पिछले डेढ़ दो दशकों से अमेरिका की राजनीति में अहम पोजिशन लेने लगे हैं लेकिन इस बार डोनाल्ड ट्रंप ने तो हिंदू सहयोगियों पर पूरा भरोसा दिखाया जिनका नाता कहीं ना कहीं भारत से भी है है। ट्रंप ने FBI डायरेक्टर पद की जिम्मदारी काश पटेल को दी है। वहीं तुलसी गबार्ड को US Intelligence Cheif नियुक्त किया है। इसी के साथ फिजूल खर्चो को रोकने के लिए बनाए गए नए दक्षता विभाग यानि Department Of Government Efficiency DOGE की जिम्मेदारी एलन मस्क के साथ विवेक रामास्वामी को दी है।
पिछले कार्यकाल में वैसे भी ट्रंप ने ट्कई बार ऐसे बयान दिए जो मुस्लिम समुदाय के खिलाफ समझे गए। उन्होंने कई मुस्लिम-बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में आने से रोक दिया। जिसे “मुस्लिम बैन” के रूप में जाना गया।अब देखना होगा की टीम में तो शामिल करने के लिए मुस्लिम समुदाय को अलग रखा गया लेकिन क्या इस कार्यकाल में मुस्लिमों के लिए ट्रंप नरम नज़र आएंगे या फिर वहीं होगा जो पिछले कार्यकाल में हुआ।