क्या लैपटॉप बना रहा है युवाओं को बांझ? जानिए इसका गहरा सच
लैपटॉप का लगातार इस्तेमाल पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा असर डाल सकता है। लैपटॉप से निकलने वाली हीट और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) स्पर्म काउंट और क्वालिटी को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च बताती है कि 15 से 20% यंग कपल्स गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं, जिसमें लैपटॉप का इस्तेमाल भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
आज के डिजिटल युग में लैपटॉप हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस का काम हो, पढ़ाई करनी हो या एंटरटेनमेंट का मजा लेना हो, लैपटॉप हर जगह साथ देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है? खासकर मर्दों के लिए, जो अक्सर घंटों तक लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं।दरअसल, लैपटॉप का लगातार उपयोग आपकी मर्दानगी पर नकारात्मक असर डाल सकता है। यह दावा वैज्ञानिक शोधों से भी साबित हो चुका है। लैपटॉप की हीट और उससे निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) मर्दों के स्पर्म काउंट और क्वालिटी को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं इस छिपे हुए खतरे के बारे में विस्तार से।
कैसे लैपटॉप का इस्तेमाल मर्दानगी पर डालता है असर?
जब आप लैपटॉप को अपनी गोद में रखकर काम करते हैं, तो यह आपके पेल्विक एरिया (पेडू) के बेहद नजदीक रहता है। लैपटॉप की हीट और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF) सीधा आपके प्राइवेट पार्ट्स पर असर डालती है। रिसर्च से पता चला है कि लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी स्पर्म काउंट को कम कर सकती है और स्पर्म की मूवमेंट को भी धीमा कर देती है।
लैपटॉप से निकलने वाले रेडिएशन और गर्मी का सीधा असर मर्दों के टेस्टिकल्स पर होता है, जिससे स्पर्म की क्वालिटी प्रभावित होती है। और ये इसकी क्वालिटी में गड़बड़ी पैदा करता है, जो आगे चलकर इनफर्टिलिटी यानी बांझपन का कारण भी बनते है।
कितना खतरनाक है लैपटॉप की हीट और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (EMF)?
लैपटॉप से निकलने वाली हीट और EMF आपके शरीर के लिए हानिकारक होती है। लैपटॉप की बैटरी और प्रोसेसर से पैदा होने वाली गर्मी शरीर के टिश्यूज को नुकसान पहुंचा सकती है। लैपटॉप के नीचे तापमान 40°C तक पहुंच सकता है, जो आपकी स्किन और अंदरूनी टिश्यूज को डैमेज कर सकता है। इसके अलावा, EMF शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (Oxidative Stress) को बढ़ाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एक ऐसी अवस्था है, जिसमें शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचने लगता है। यह स्ट्रेस स्पर्म के DNA को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्पर्म कमजोर हो जाते हैं और गर्भधारण की क्षमता कम हो जाती है।
15 से 20% यंग कपल्स नहीं कर पा रहे गर्भधारण
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 15 से 20% यंग कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से अधिकांश मामलों में मर्दों की स्पर्म क्वालिटी में गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी एक बड़ी वजह लाइफस्टाइल है, जिसमें लैपटॉप का अधिक इस्तेमाल भी शामिल है। एक शोध के अनुसार, जो पुरुष रोजाना 3-4 घंटे से ज्यादा लैपटॉप का उपयोग करते हैं, उनमें स्पर्म काउंट 30% तक कम हो सकता है। यही कारण है कि आजकल युवाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती जा रही है।
क्या हैं इस समस्या से बचने के उपाय?
लैपटॉप को गोद में रखने से बचें: लैपटॉप को हमेशा टेबल पर रखकर इस्तेमाल करें। इससे गर्मी और रेडिएशन का सीधा संपर्क आपके शरीर से नहीं होगा।
कूलिंग पैड का उपयोग करें: लैपटॉप के नीचे कूलिंग पैड लगाएं, जिससे हीट को कम किया जा सके।
शॉर्ट ब्रेक लें: अगर आपको लैपटॉप पर लंबे समय तक काम करना है, तो बीच-बीच में शॉर्ट ब्रेक लें। यह आपके शरीर को रिलैक्स करने में मदद करेगा।
वायरलेस कनेक्शन का कम इस्तेमाल करें: लैपटॉप के साथ वायरलेस डिवाइसेस (Wi-Fi, Bluetooth) के अधिक उपयोग से बचें। ये सभी EMF को बढ़ाते हैं।
प्रोटेक्टिव शील्ड का उपयोग करें: बाजार में कई तरह के प्रोटेक्टिव शील्ड्स आते हैं, जो लैपटॉप की हीट और रेडिएशन को कम कर सकते हैं।
लैपटॉप हमारे काम और लाइफस्टाइल का अहम हिस्सा जरूर बन गया है, लेकिन इसका उपयोग सावधानीपूर्वक करना बेहद जरूरी है, खासकर मर्दों के लिए। अपनी आदतों में थोड़े बदलाव लाकर और सावधानी बरतकर, आप खुद को इस छिपे हुए खतरे से बचा सकते हैं।