पीला रंग देखते ही लगता है डर? कहीं आप तो नहीं हैं Xanthophobia के शिकार?
आपने अलग अलग phobias के बारे ज़रूर सुना होगा। किसी विशेष वस्तु या स्थिति से भयंकर डर लगने को phobia कहते हैं, जिससे व्यक्ति को गंभीर डर या चिंता होने लगती है। ऐसा ही phobia है Xanthophobia। जैंथोफोबिया पीले रंग के प्रति अत्यधिक भय या घृणा को कहते हैं। यह शब्द दो ग्रीक शब्दों से लिया गया है: "जैंथोस" का अर्थ है पीला और "फोबोस" का अर्थ है भय। जिन लोगों को पीला रंग देखते ही अजीब सी बेचैनी होने लगती है या डर लगने लगता है उन्हें Xanthophobia का शिकार माना जाता है।
Xanthophobia के लक्षण क्या हैं?
जैंथोफोबिया के लक्षण अलग अलग प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन इस phobia के कुछ सामान्य लक्षण हैं:
पीले रंग से बहुत ज़्यादा डर या घृणा
पीले रंग की वस्तुओं या स्थानों से बचने की कोशिश करना
पीले रंग के संपर्क में आने पर चिंता, पसीना आना, या दिल की धड़कन तेज़ होना
पीले रंग के बारे में सोचने से पैदा होने वाली बेचैनी या परेशानी
पीला रंग देख कर हाथों में चिपचिपाहट या सांस लेने में दिक्कत होना
जैंथोफोबिया के शिकार लोगों पर इस चीज़ का असर इस हद तक है की पीले रंग का सामना करने के डर से वो घर से भी बाहर नहीं निकलते। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि जैंथोफोबिया बचपन के अनुभवों, family history या इस रंग से जुड़े किसी हादसे के परिणामस्वरूप हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति बचपन में पीले रंग से जुड़े किसी अप्रिय अनुभव से गुजरता है तो बाद में पीले रंग के प्रति ऐसा भय विकसित कर सकता है।
जैंथोफोबिया का सबसे आम इलाज थेरेपी है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) व्यक्ति को पीले रंग के बारे में अपने विचारों और भावनाओं को चुनौती देने और बदलने में मदद करती है। इसके अलावा जानकारी थेरेपी व्यक्ति को पीले रंग के बारे में तथ्य और जानकारी प्रदान करती है, जिससे उन्हें अपने डर को कम करने में मदद मिल सकती है। थेरेपी के अलावा, आपके lifestyle में कुछ बदलाव और दवाओं की मदद से भी आप इसे कम कर सकते हैं।