शरीर से बाहर निकालने के बाद भी धड़कता है दिल?
दिल हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो लगातार रक्त पंप करता है। दिल का काम होता है पूरे शरीर में ब्लड और oxygen पहुँचाना। दिल को शरीर से बाहर निकालने पर रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है जिससे की दिल को oxygen मिलना बंद हो जाता है। Oxygen न मिलने के कारण दिल की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं और अंत में दिल का धड़कना बंद हो जाता है।
लेकिन क्या आपको पता है की शरीर से बाहर निकालने पर दिल कुछ देर तक धड़कता हुआ देखा गया है? जी हाँ, दिल की धड़कन शरीर से बाहर भी चल सकती है लेकिन सिर्फ कुछ देर के लिए। इसकी वजह है एक प्राकृतिक पेसमेकर जिसे मेडिकल टर्म में साइनोएट्रियल (SA) नोड कहा जाता है।
क्या होता है साइनोएट्रियल (SA) नोड का काम?
SA नोड का काम होता है इलेक्ट्रिकल इंपल्स पैदा करना जिससे heart ब्लड पंप करता है। जब दिल शरीर से अलग हो जाता है तब भी कुछ देर के लिए SA नोड इन इलेक्ट्रिकल इंपल्स को बनाना जारी रख सकता है। जिस वजह से धड़कन चलती रहती है। लेकिन यह धड़कन एक सीमित समय तक ही चल सकती है। शरीर से अलग होने के बाद blood supply बंद हो जाता है जिससे दिल को oxygen मिलना बंद हो जाता है। इसी तरह धीरे धीरे धड़कन कमज़ोर हो जाती है और फिर पूरी तरह से बंद हो जाती है।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में, दिल कुछ देर तक धड़कता रह सकता है। लैब में विशेष तकनीकों के इस्तेमाल से दिल की धड़कन को कई घंटों तक बनाए रख सकते है। Heart transplant के केस में यह प्रक्रिया काम आती है। ऐसा करते समय बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत होती है।