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क्यों होती है फूड एलर्जी, जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके

खाने के प्रति एलर्जी का होना, यानी फूड एलर्जी एक ऐसी स्थिति है, जहां आपका शरीर किसी खास खाने को पहचानने से इनकार कर देता है और इसके खिलाफ एक मजबूत प्रतिक्रिया देता है। यह समस्या आज के समय में तेजी से बढ़ रही है। खासतौर पर युवा पीढ़ी में फूड एलर्जी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
क्यों होती है फूड एलर्जी, जानिए इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीके
फूड एलर्जी (Food Allergy) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हमारा शरीर कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के प्रति असामान्य प्रतिक्रिया करता है। यह समस्या आजकल तेजी से बढ़ रही है और बच्चों से लेकर युवाओं तक किसी को भी प्रभावित कर सकती है। एक हालिया शोध के अनुसार, लगभग 10% लोग किसी न किसी प्रकार की फूड एलर्जी से पीड़ित हैं। इस लेख में हम फूड एलर्जी के कारण, इसके लक्षण, और इससे बचने के उपायों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
क्या है फूड एलर्जी?
जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी विशेष खाने को शरीर के लिए हानिकारक समझने लगता है, तो वह उस खाने के खिलाफ प्रतिक्रिया करता है। यह प्रतिक्रिया एलर्जी के रूप में दिखाई देती है। इस स्थिति में शरीर का इम्यून सिस्टम खाने में मौजूद प्रोटीन को 'शत्रु' मानकर उससे लड़ने की कोशिश करता है। परिणामस्वरूप, त्वचा पर चकत्ते, गले में खुजली, सांस लेने में दिक्कत, या अन्य गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं।
फूड एलर्जी के लक्षण
खाने के बाद त्वचा पर खुजली या चकत्ते।
होंठ, जीभ या गले में सूजन।
गले में खुजली, कर्कश आवाज या निगलने में परेशानी।
सांस लेने में तकलीफ या सीने में जकड़न।
उल्टी, मतली या पेट में ऐंठन।
त्वचा का पीला या नीला पड़ जाना।
चक्कर आना या बेहोशी।
फूड एलर्जी क्यों होती है?
फूड एलर्जी का मुख्य कारण हमारा इम्यून सिस्टम है। शरीर में मौजूद इम्युनोग्लोबुलिन ई (IgE) नामक प्रोटीन का काम शरीर में हानिकारक तत्वों की पहचान करना होता है। जब हम कोई ऐसा खाद्य पदार्थ खाते हैं, जिसे हमारा इम्यून सिस्टम स्वीकार नहीं करता, तो यह प्रोटीन उस खाने के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिक्रिया करता है। यही प्रतिक्रिया एलर्जी का कारण बनती है। 90% फूड एलर्जी खाद्य पदार्थों के कारण होती है, जैसे दूध, दही, पनीर, मूंगफली, बादाम, काजू, मछली, झींगा, सीप,गेहूं, सोया,सफेद भाग या पूरा अंडा।
फूड एलर्जी के प्रमुख कारण
पहले से मौजूद एलर्जी: अगर किसी को पहले से ही अस्थमा, एक्जिमा या मौसमी एलर्जी है, तो फूड एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है।
आनुवंशिकता: अगर परिवार में किसी को एलर्जी की समस्या है, तो इसका असर बच्चों पर भी पड़ सकता है।
बचपन में कमजोर इम्यून सिस्टम: छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है।
खराब या बासी खाना: लंबे समय तक रखे गए फूड्स में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं।
ज्यादा संवेदनशीलता: कुछ लोग कुछ खास खाने के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं, जैसे मूंगफली, दूध या सीफूड।
फूड एलर्जी से बचाव के तरीके
फूड एलर्जी को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। पैक्ड फूड खरीदते समय उसके लेबल पर एलर्जेंस की जानकारी चेक करें। किस खाने से एलर्जी होती है, यह पहचानने के लिए फूड डायरी मेंटेन करें। एलर्जी टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। गंभीर एलर्जी के मामलों में डॉक्टर द्वारा सुझाए गए एपिनेफ्रिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करें। बासी या लंबे समय तक रखा हुआ खाना खाने से बचें, और साथ ही फूड एलर्जी के बढ़ते खतरे पर विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि आजकल फूड एलर्जी के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि हमारी जीवनशैली बदल गई है। फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन बढ़ गया है। साथ ही, बच्चों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए पर्याप्त पोषण का अभाव भी एक बड़ी वजह है। एक हालिया शोध में पाया गया है कि शहरी इलाकों में फूड एलर्जी के मामले ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक हैं। इसका मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रदूषण, प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन, और जीवनशैली की तेज रफ्तार है।

फूड एलर्जी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। सही जानकारी, सतर्कता और डॉक्टर की सलाह से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह समझना जरूरी है कि हर किसी का शरीर अलग है और जो एक व्यक्ति के लिए सामान्य है, वही दूसरे के लिए हानिकारक हो सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और खाने के प्रति अपने शरीर की प्रतिक्रियाओं को पहचानें।
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