Chidambaranand ने Avimukteshwaranand पर साधा निशाना, Yogi का किया समर्थन

13 जनवरी से त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं का सैलाब तीर्थराज प्रयागराज पहुंच रहा था। श्रद्धालुओं की भीड़, कुछ विपक्षियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा था। तभी अचानक मौनी अमवस्या के दिन न जाने किसकी नजर लगी और आस्था के उस क्षेत्र में मातम पसर गया। जैसे ही भगदड़ की खबर विपक्षियों को लगी तब मानो की उनके दोनो हाथों में लड्डू मिल गया गया, फिर क्या था सभी योगी आदित्यनाथ और उनकी व्यवस्था पर सवाल खड़े करने लगे। बोलने लगे की सिर्फ विज्ञापन में खुद को चमकाना जानता है ये योगी प्रशासन। नौबत यहां तक आ गई कि ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जैसे संत भी किसी विपक्षी नेता की तरह सीएम योगी का इस्तीफा मांगने लगे।
विपक्षियों ने तो ये तक भविष्यवाणी कर दी कि अब महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के सैलाब में एक ठहराव आ जाएगा और लोग महाकुंभ से मुंह मोड़ने लगेंगे। लेकिन 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर आए श्रद्धालुओं के सैलाब ने विपक्षियों के साथ साथ अविमुक्तेश्वरानंद भी बोलती बंद कर दी। इसी कड़ी में जब इस मुद्दे पर हमारे संवाददाता ने स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती से बातचीत की तब उन्होंने योगी का खुले दिल से समर्थन किया। और अविमुक्तेश्वरानंद पर निशाना साधते हुए उनके शंकराचार्य वाले पद पर सवाल उठाया, कह दिया कि वो कोई शंकराचार्य नहीं है।