Sanatan Board के विरोध में उतरे CM Yogi, अब साधु संतों का क्या होगा अगला कदम ?
महाकुंभ में होने वाली धर्म संसद से पहले RSS-VHP ने सनातन बोर्ड पर असहमति जताई थी अब CM योगी ने भी अपने राष्ट्रवाद के सहारे अपने इरादे बता दिए. उन्होंने सनातन बोर्ड पर कुछ ऐसा बोल दिया कि संतों की मुहीम को झटका लग सकता है.

प्रयागराज में महाकुंभ की धरती पर संतों की धर्म संसद लगने वाली है इस संसद का सबसे बड़ा मुद्दा है सनातन बोर्ड का गठन। संतों ने ठान लिया है कि महाकुंभ की धरती से सनातन बोर्ड का उदय किया जाएगा। लेकिन संतों की इस मुहीम में उनके अपने ही कदम पीछे कर लिए। पहले विश्व हिंदू परिषद ने सनातन बोर्ड पर संतों से सहमति नहीं जताई और अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ऐसा बोल दिया जिससे सनातन बोर्ड बनवाने की मुहीम पर पानी फिरता हुआ दिखा।
पहले विश्व हिंदू परिषद ने खड़े किए हाथ, अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश, सनातन बोर्ड पर बंट गई BJP, साधु संत निराश। 27 जनवरी को प्रयागराज में होने वाली धर्म संसद से पहले विश्व हिंदू परिषद की बैठक में संतों का महाजुटान हुआ। इस बैठक में CM योगी भी शामिल हुए. यहां उन्होंने सनातन को लेकर बड़ा संदेश देते हुए कहा, सनातन धर्म सुरक्षित है तो मठ मंदिर सुरक्षित हैं और देश ही सुरक्षित नहीं तो कोई भी संप्रदाय सुरक्षित नहीं है।
CM योगी ने राष्ट्रवाद के सहारे सनातन पर बड़ा संदेश दे दिया साथ ही इशारों ही इशारों में सनातन बोर्ड को लेकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए। CM योगी से पहले विश्व हिंदू परिषद औऱ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी सनातन बोर्ड पर संतों से अलग अपनी राय रखी। विश्व हिंदू परिषद ने बोर्ड की बजाय ट्रस्ट के जरिए मंदिरों को संचालन पर जोर दिया।
वक्फ बोर्ड पर पहले से ही सियासी लड़ाई छिड़ी हुई है इसी की तर्ज पर साधु संतों ने सरकार से सनातन बोर्ड की भी मांग तेज कर दी। संतो का कहना है कि जब वक्फ बोर्ड हो सकता है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं।
साधु संतों ने सनातन बोर्ड के गठन के लिए संविधान में दर्ज बराबरी के अधिकारी का हवाला दिया। उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय को वक्फ दे रहे हैं औऱ हिंदुओं से मंदिर छिन रहे हैं ये कैसा न्याय है. ?
महाकुंभ के बीच सनातन बोर्ड की मांग से नया संग्राम छिड़ गया। इस मसले पर सरकार की राय संतों से अलग है ऐसे में BJP के लिए ये समय किसी इम्तहान से कम नहीं।देखना होगा CM योगी के इस संदेश पर संत एकमत होंगे या उनकी सनातन बोर्ड की मांग यूं ही बरकरार रहेगी।