महाकुंभ पर मौलानाओं को साध्वी ऋतम्भरा का जवाब, बोली- वक्फ बोर्ड साजिश के तहत जमीन पर कब्जा कर रहा

मौलाना के इस दावे पर जवाब भी मिल रहा है। साध्वी ऋतंभरा ने मौलाना को करारा जवाब देते हुए कहा कि, जिन्होंने देश को धर्म के आधार पर बांटा, साज़िश के तहत ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रहे हैं, उनसे सभी ज़मीनें सरकार को ले लेनी चाहिए।
वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों को सरकार को ले लेना चाहिए। साध्वी ऋतंभरा के इस बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि, क्या अब योगी सरकार में भी वही हो सकता है जो आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार में किया गया था, यानि वक़्फ़ बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा?
साध्वी का मांग वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीनें सरकार को जाएं क्या योगी सरकार में यूपी में भंग किया जाएगा वक़्फ़ बोर्ड? महाकुंभ का ज़मीन पर दावा ठोक मौलाना ने कर दी सबसे बड़ी भूल?
दरअसल साध्वी ऋतंभरा के बयान के बाद ये बातें इसलिए उठ रही हैं, क्योंकि जिस महाकुंभ के आयोजन के लिए योगी सरकार लंबे वक्त से तैयारी कर रही है, एक-एक बातों का ध्यान सीएम योगी खुद रख रहे हैं, उसी महाकुंभ के आयोजन वाली जगह को वक़्फ़ की संपत्ति बताना मतलब ज़बरदस्ती का विवाद पैदा करना है। और ये बात कुछ मौलाना खुद कह रहे हैं कि, ये बेवजह का विवाद पैदा करना है। ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने महाकुंभ के आयोजन वाली ज़मीन को वक़्फ़ की ज़मीन बताने वालों को जवाब देते हुए कहा कि, जब इस्लाम पैदा भी नहीं हुआ था, तबसे कुंभ लग रहा है।
खैर, अब ये देखना होगा कि महाकुंभ के बाद वक़्फ़ बोर्ड को लेकर राज्य सरकार क्या फ़ैसला करती है, क्योंकि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को JPC में भेज दिया है। संशोधन के बाद ये बिल कब पेश किया जाए इसका पता नहीं, ऐसे में आंध्र प्रदेश सरकार ने जिस तरह से वक्फ बोर्ड को भंग किया, उसी तरह अब कई राज्य सरकारें फ़ैसला ले सकती हैं। ऐसे में साध्वी ऋतंभरा ने जिस तरह से मौलानओं को जवाब देते हुए वक़्फ़ बोर्ड की एक-एक संपत्ति को सरकार के अधीन करने की बात कही है।