मोनालिसा की खूबसूरती पर भड़कीं सुप्रिया श्रीनेत ने ये क्या कह दिया ?
महाकुंभ में मोनालिसा अपनी खूबसूरती की वजह से रातों-रात स्टार बन गई हैं लेकिन वायरल होने के बाद से बढ़ती भीड़ की वजह से वो परेशान है, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी मोनालिसा की ख़ूबसूरती पर तंज कसा है

45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है, करोड़ों श्रध्दालु अभी तक संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, इस बीच सोशल मीडिया पर महाकुंभ से जुड़े तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं, कभी कोई बाबा का वीडियो वायरल हो रहा तो कभी बाबाओं से पिटते वीडियो बनाने वालों का वीडिया वायरल हो रहा, इन्हीं सबके बीच एक चेहरा और इंटरनेट पर छाया रहा है, जो इंदौर की माला बेचने वाली मोनालिसा का है, महाकुंभ से वायरल हुई मोनालिसा को लेकर तमाम ख़बरें लगातार आ रही है, क्योंकि मोनालिसा अपनी नीली आंखों और सादगी के कारण इंटरनेट पर सेंसेशन बनी हुई है, हालांकि यही खूबसूरत उनके लिए परेशानी भी बन गई है और अब मोनालिसा की इसी ख़ूबसूरती से कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को भी दिक़्क़त होने लगी है, यही कारण है कि वो महाकुंभ पर इसी के सहारे सवाल उठाकर योगी सरकार को बदनाम करना चाहती है, ऐसा सोशल मीडिया पर यूज़र्स कह रहें हैं,
सुप्रिया श्रीनेत ने एक ट्वीट करते हुए एक क़िस्सा साझा किया और लिख कुंभ का महात्म बचपन से ही देखा है मेरी दादी की पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हुई, स्वतंत्रता सेनानी परिवार से थीं - अंग्रेज़ों ने पिता को कई बार जेल भेजा तो जीवन का बहुत लंबा समय उन्होंने इलाहाबाद जो अब प्रयागराज कहलाता है में ही बिताया। कुंभ की कहानियाँ उन्हीं से पहली बार सुनी थीं कुंभ और अर्धकुंभ के भव्य आयोजनों में - सनातन संस्कृति, साधुओं, नागा बाबाओं, अध्यात्म, और आस्था का अद्भुत रूप भी देखा है।
लेकिन इस बार कुंभ में - सोशल मीडिया और मीडिया के ज़माने में धार्मिक परंपराओं और आत्मदर्शन से हटकर सारा फोकस किसी IIT वाले बाबा, किसी नीली आँखों की शिष्या, किसी माला बेचने वाली सुंदरी जैसी चीज़ों पर है - अध्यात्म पर पूरी तरह भोंडी भौतिकता हावी है।
कोई बाबा मल खाने और 8 महीने से मंजन ना कहने पर कुछ कहता है तो उसके सामने यूट्यूबर्स की लाइन लग जाती है. लेकिन कुंभ आए साधुओं की तपस्या, उनके ज्ञान, अखाड़ों की विशेषता, धार्मिक दर्शन पर कोई विशेष चर्चा सुनाई नहीं दे रही।
सुप्रिया श्रीनेत ने ये ट्वीट करते हुए वायरल कंटेंट के सहारे ये बताने की कोशिश कर रहीं हैं कि, महाकुंभ में अध्यात्म पर भौतिकता हावी है, ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगों ने कांग्रेस, राहुल गांधी और सुप्रिया श्रीनेत की ज़बरदस्त क्लास लगा दी।
Mukeshh Choudhary नाम के यूज़र ने सुप्रिया श्रीनेत की तरफ़ से साझा की गई कहानी पर उन्हें X पर जवाब देते हुए लिखा, नजर का फर्क है जिसे जो देखना है वही दिखाई देगा ! ये सब छोड़ ये बताओ तुम्हारे मालिक को #MahaKumbh से क्या दिक्कत है? कुम्भ पर एक ट्वीट भी नही आया ?
AJ Ayush नाम के यूज़र ने लिखा, जॉर्ज-एंटोनियो की टीम की समस्या महाकुंभ नहीं इतना विशाल सफल महाकुंभ और एक होता हिंदू है..सुप्रिया आप टीवी और यूट्यूब पर महाकुंभ देख रही इसलिए इतना मूर्खतापूर्ण विवरण दे रही जबकि जो लोग इस विशाल धार्मिक समागम में ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद हैं वो अनगिनत नित्य नए अनुभव कर रहे साथ में अपनी धार्मिक चेतना को जागृत कर रहे, दादी की मनोहर कहानियों से निकलो और स्नान करके आओ, मंदिरों को लड़की छेड़ने का स्थान बताने वाले @RahulGandhi कब जा रहे हैं स्नान करने ?
Sanjay Rana ने लिखा, अद्भुत ज्ञान , आज आप को अपनी दादी याद आ गई , सनातन समागम क्या क्या ना याद दिला दे कांग्रेसियों को ! आज के पहले इतना ज्ञान की गंगा बहाते नहीं देखा और कुछ याद आए हो जरूर बताए !
Advocate Vivek Singh लिखते हैं, कांग्रेस को तो महाकुंभ का आयोजन ही अच्छा नहीं लग रहा होगा इसमें कौन सी बड़ी बात है कांग्रेस के लिए, कांग्रेस हमेशा से सनातन के ऊपर प्रश्न करती आई है।
ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने सुप्रिया श्रीनेत को जवाब देते हुए कहा, आपकी दादी के समय मे कुंभ का क्षेत्र वक़्फ़ का था या नही ये भी बता देती, आपकी दादी ने #अयोध्या और #मथुरा #काशी के बारे में कुछ बताया था या नही ये स्थान किनके लिए जाता है ये बताया था
इन स्थान का महत्व आपको बताया था या नही
कुछ इस तरह से सुप्रिया श्रीनेत को लोगों ने जवाब दिया और कहा कि, महाकुंभ में जाकर देखिए संत समागम कैसे हो रहा है, सोशल मीडिया और रील से बाहर निकलोगे तब पता चलेगा महाकुंभ में क्या चल रहा है, वहीं इसके साथ ही लोगों ने राहुल गांधी की भी क्लास लगा दी और पूछने लगे कि वो कब महाकुंभ में स्नान करने जाएंगे
फ़िलहाल मोनालिसा की खूबसूरत और वायरल हो रहे बाबाओं पर टिप्पणी कर रही सुप्रिया श्रीनेत की क्लास लोगों ने ज़बरदस्त तरीक़े से लगाई है