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Kumbh की जमीन Waqf की बताने वाले मौलाना को अयोध्या के साधु-संतों ने दिया करारा जवाब !

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने महाकुंभ मेले की जमीन वक्फ की बताई तो अयोध्या के साधु-संतों ने किया जोरदार पलटवार, किसी ने मौलाना का मुंह काला करने पर पचास करोड़ रुपये देने का ऐलान किया तो किसी ने यहां तक कह दिया कि जब इस्लाम का जन्म भी नहीं हुआ था प्रयागराज में महाकुंभ तबसे लग रहा है
Kumbh की जमीन Waqf की बताने वाले मौलाना को अयोध्या के साधु-संतों ने दिया करारा जवाब !

जिस प्रयागराज की धरती पर भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना के बाद प्रथम यज्ञ संपन्न किया, जिस प्रयागराज के संगम तट पर सदियों से महाकुंभ आयोजित होता आ रहा है, उस प्रयागराज की जमीन पर ही कोई मौलाना आए और दावा ठोक दे कि ये तो वक्फ की जमीन है, तो आप भी सुनकर दंग रह जाएंगे कि आखिर ये कब हो गया और कैसे हो गया। सुनने में आपको जरूर थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन एक मौलाना हैं, शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी, जो आजकल यही ज्ञान देते फिर रहे हैं कि कुंभ तो वक्फ की जमीन पर हो रहा है, जिस पर श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास इस कदर भड़क गए कि इस्लाम धर्म की कुंडली खोल कर रख दी।

दरअसल एक तरफ जहां योगी सरकार उत्तर प्रदेश के जिला प्रयागराज में महाकुंभ को भव्य दिव्य और आलौकिक बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है, तो वहीं दूसरी तरफ साधु संतों की ओर से लगातार ये मांग की जा रही है कि जिस तरह से मुस्लिम समाज के पवित्र स्थल मक्का मदीना में हिंदुओं का जाना मना है, उसी तरह से हिंदुओं के महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री भी पूरी तरह से बैन कर दी जाए। साधु संतों की जोर पकड़ती इस मांग के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का एक बयान आया और उन्होंने साधु संतों की मांग का विरोध करते हुए यहां तक कह दिया कि कुंभ मेला की जहां तैयारियां की जा रही हैं, वो 55 बीघा जमीन वक्फ की है, लेकिन इसके बावजूद मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए कोई आपत्ति नहीं की, मगर दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रहे हैं।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुस्लिमों को भी महाकुंभ में ठेला लगाने की वकालत करते हुए महाकुंभ की जमीन को वक्फ की बताया तो साधु संतों का गुस्सा भड़क गया। अयोध्या के श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने तो इस पर करारा जवाब देते हुए कहा कि इस्लाम का जन्म भी नहीं हुआ था तबसे प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगता आ रहा है।

इतना ही नहीं, अयोध्या की तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर आचार्य परमहंस महाराज इस कदर भड़के हुए हैं कि मौलाना रजवी को 24 घंटे के अंदर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया है। और अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनके मुंह पर कालिख पोतने वालों के लिए 50 करोड़ रुपये ईनाम देने की घोषणा की है।

कुंभ की जमीन को वक्फ की बताने पर अयोध्या के एक और साधु दिवाकराचार्य महाराज भी इस कदर भड़क गए कि उन्होंने यहां तक कह दिया कि मैं तो मौलाना की हिम्मत की दाद देता हूं कि उन्होंने भारत में रह कर इतना बड़ा बयान दिया, क्योंकि अभी भी हिंदू समाज संगठित नहीं होगा तो अब राम कृष्ण शिव ना होंगे तुलसी के अरमानों में और काफिर बन कर बने रहोगे बाबर के तहखानों में।

जिस प्रयागराज में सदियों से महाकुंभ मेला लगता आ रहा है, उस कुंभ क्षेत्र की जमीन को वक्फ का बताने वाले मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी को अयोध्या के साधु संतों ने कुछ इसी तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया है। किसी ने मौलाना का मुंह काला करने पर पचास करोड़ रुपये देने का ऐलान किया तो किसी ने यहां तक कह दिया कि जब इस्लाम का जन्म भी नहीं हुआ था, प्रयागराज में महाकुंभ तबसे लग रहा है। साधु संतों ने जिस तरह से मौलाना रिजवी को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

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