2025 Solar Eclipse Dates: 2025 में लगेंगे दो सूर्य ग्रहण, जानें तारीख और कहां-कहां दिखेंगे
2025 में दो आंशिक सूर्य ग्रहण लगने वाले हैं, पहला 29 मार्च और दूसरा 21 सितंबर को। हालांकि ये दोनों ग्रहण भारत में नहीं दिखेंगे, लेकिन दुनिया के अन्य हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा। यह ग्रहण खगोल प्रेमियों के लिए खास होगा, जिसे ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देखा जा सकता है।
2025 का आगमन जल्द ही होने वाला है, और इस नए साल में खगोलीय घटनाओं के शौकीनों के लिए एक खास मौका होगा। साल 2025 में हमें दो आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) देखने को मिलेंगे। पहला ग्रहण 29 मार्च को और दूसरा 21 सितंबर को लगेगा। हालांकि, यह दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे।
क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण?
आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, लेकिन सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता। इस दौरान चंद्रमा की छाया का बाहरी हिस्सा, जिसे "अर्ध-छाया" (Penumbra) कहा जाता है, पृथ्वी पर पड़ती है। इसका नजारा ऐसा होता है जैसे सूर्य का एक हिस्सा छाया में आ गया हो। आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का प्रकाश पूरी तरह नहीं छिपता, इसलिए इसे बिना सुरक्षा उपकरण के देखना खतरनाक हो सकता है। स्पेशल सोलर फिल्टर का उपयोग करना आवश्यक है। इस तरह का ग्रहण अधिकतर पृथ्वी के कुछ खास हिस्सों में ही दिखाई देता है।
29 मार्च 2025: पहला आंशिक सूर्य ग्रहण
2025 का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। यह ग्रहण उत्तरी एशिया, यूरोप के कुछ हिस्सों, उत्तरी और पश्चिमी अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, उत्तरी दक्षिण अमेरिका और आर्कटिक क्षेत्र में दिखाई देगा। सटीक समय और अवधि की जानकारी स्थानीय खगोलीय विभागों या ऑनलाइन प्रसारण के जरिए प्राप्त की जा सकती है। साल का दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को होगा। यह ग्रहण प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी हिस्सों में दिखाई देगा।
2025 में लगने वाले ये दोनों सूर्य ग्रहण दुर्भाग्य से भारत में नहीं देखे जा सकेंगे। लेकिन ग्रहण को देखने के इच्छुक लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर इसे लाइव देख सकते हैं। विभिन्न संगठन और खगोलशास्त्र समूह इन ग्रहणों का सीधा प्रसारण अपनी वेबसाइट, ऐप या यूट्यूब चैनल्स पर करते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
सूर्य ग्रहण को बिना सुरक्षा उपकरण के देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए सोलर फिल्टर या विशेष चश्मों का उपयोग करना जरूरी है। नग्न आंखों से ग्रहण देखने की कोशिश न करें। सूर्य ग्रहण जैसे खगोलीय घटनाएं न केवल वैज्ञानिक शोध के लिए महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि ये प्राचीन काल से ही ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अहम मानी जाती हैं। ग्रहण के दौरान कुछ लोग पूजा-पाठ या ध्यान करने को शुभ मानते हैं, जबकि कई लोग इस समय घर के बाहर न निकलने की सलाह देते हैं। हर सूर्य ग्रहण अपनी तरह का अनोखा होता है और खगोलीय घटनाओं के शौकीनों के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आता है। हालांकि, भारत में ये ग्रहण नहीं दिखेंगे, फिर भी खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले इसे ऑनलाइन देखकर इस खास घटना का आनंद ले सकते हैं।
2025 में लगने वाले दो आंशिक सूर्य ग्रहण खगोलीय घटनाओं के प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अवसर हैं। भले ही ये भारत में न दिखें, लेकिन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए दुनिया के किसी भी कोने से इनका आनंद लिया जा सकता है। ग्रहण के समय सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है।