शपथ ग्रहण के 24 घंटे के अंदर ही Modi के साथ हो गया खेल, मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं दिग्गज सांसद
दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी सोमवार को ही सुबह सुबह अपने दफ्तर पहुंच कर काम काज भी शुरू कर दिया। लेकिन इसी बीच ऐसी खबर आ गई।जिसे सुनकर खुद मोदी भी हैरान रह जाएंगे।क्योंकि जिस धाकड़ सांसद को रविवार को ही मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। उसी सांसद ने अब ऐलान कर दिया। उसे मंत्री पद नहीं चाहिए।
Narendra Modi : लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद प्रधानमंत्री Narendra Modi ने लगातार तीसरी बार दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की सत्ता संभाल ली। और सोमवार को ही सुबह सुबह अपने दफ्तर पहुंच कर काम काज भी शुरू कर दिया।लेकिन इसी बीच ऐसी खबर आ गई।जिसे सुनकर खुद मोदी भी हैरान रह जाएंगे।क्योंकि जिस धाकड़ सांसद को रविवार को ही मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। उसी सांसद ने अब ऐलान कर दिया। उसे मंत्री पद नहीं चाहिए।
दरअसल इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर भले ही बहुमत ना मिला हो। लेकिन कई राज्य ऐसे है ।जहां उसने इतिहास रच दिया। ओडिशा। में पहली बार बीजेपी सत्ता में आई। अरुणाचल में फिर एक बार सत्ता में लौट आई। तो वहीं दक्षिण राज्य केरल में पहली बार जीत का खाता खोला। जो किसी जीत से कम नहीं है।क्योंकि जनसंघ के दौर से लेकर मोदी राज तक। बीजेपी केरल में एक सीट भी नहीं जीत पाई थी। ये करिश्मा भी हुआ तो इस बार के लोकसभा चुनाव में। जब साउथ के सुपरस्टार सुरेश गोपी ने त्रिशूर सीट पर जीत का भगवा गाड़ कर बीजेपी को पहली बार केरल में जीत दिलाई। यही वजह है कि बीजेपी ने भी उन्हें इस जीत का ईनाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। खुद पीएम मोदी ने उन्हें अपनी टीम में जगह दी। और रविवार को ही पीएम मोदी के साथ ही सुरेश गोपी ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ ग्रहण को अभी चौबीस घंटे भी नहीं हुए थे कि अब खबर आ रही है कि मलयालम एक्टर सुरेश गोपी मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं। एक बयान में बीजेपी सांसद सुरेश गोपी ने कहा । "मेरा मकसद सांसद के रूप में काम करना है, मैंने कुछ नहीं मांगा, मैंने कहा था कि मुझे इस पद की जरूरत नहीं है, मुझे लगता है कि मैं जल्द ही पद से मुक्त हो जाऊंगा, त्रिशूर के मतदाताओं से कोई दिक्कत नहीं है, वे यह जानते हैं और एक सांसद के रूप में मैं उनके लिए वास्तव में अच्छा कार्य करूंगा, मैंने कई फिल्में साइन की है, मुझे किसी भी कीमत पर अपनी फिल्में करनी हैं "
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में केरल से नेताओं को मंत्री बनाया गया है। एक जॉर्ज कुरियन हैं। तो वहीं दूसरे नेता सुरेश गोपी हैं। जिन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है। लेकिन वो अब ये पद छोड़ना चाहते हैं। क्योंकि वो त्रिशूर की जनता के लिए एक सांसद के रूप में काम करना चाहते हैं। मंत्री के रूप में नहीं। राज्यसभा सांसद रहे सुरेश गोपी को पीएम मोदी ने त्रिशूर सीट से चुनाव लड़ाया था।
वामपंथी पार्टी को हराया था
सुरेश गोपी ने 74 हजार 686 वोटों से जीत दर्ज की ।
वामपंथी उम्मीदवार वीएस सुनील कुमार को हरा दिया।
सुरेश गोपी को 4 लाख 12 हजार 338 वोट मिले हैं।
वामपंथी उम्मीदवार को 3 लाख 37 हजार 652 वोट मिले।
केरल में 73 साल बाद पहली बार बीजेपी का खाता खोलने वाले मलयालम एक्टर और बीजेपी सांसद सुरेश गोपी के बारे में आपको बता दें। पीएम मोदी के साथ उनकी किस कदर नजदीकियां रही हैं।ये इसी बात से समझ सकते हैं कि इसी साल जनवरी में जब सुरेश गोपी की बेटी भाग्या सुरेश की बिजनेसमैन श्रेयस मोहन से शादी थी। इस शादी में खुद पीएम मोदी शामिल होने पहुंचे थे।और करीब 25 मिनट तक शादी समारोह में रहे।1965 में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत करने वाले सुरेश गोपी अबतक तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी की लगभग 250 फिल्मों में काम किया है।1992 से 1995 तक उन्हें सुपरस्टार का टैग मिला था। 1998 में उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड और केरल राज्य अवॉर्ड भी मिला था। और अब फिल्मों की वजह से ही मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं।