सोमनाथ मंदिर के पास 58 बुलडोजर ने ध्वस्त किए 45 इमारतें, 9 धार्मिक स्थल, 102 एकड़ जमीन से हटाया अतिक्रमण
गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास 102 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए राज्य में सबसे बड़ा डिमोलिशन ऑपरेशन चलाया गया। इस अभियान में 58 बुलडोजर और सैकड़ों ट्रैक्टर-डंपर का इस्तेमाल कर 45 रिहायशी इमारतों और 9 धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किया गया। प्रशासन ने पुलिस बल की सुरक्षा में पूरी रात यह कार्रवाई की, जिसमें 320 करोड़ रुपये की जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया।
गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास अवैध अतिक्रमण को लेकर चलाए एक बड़े अभियान ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। सोमनाथ मंदिर की भव्यता को बढ़ाने और इसके आस-पास के क्षेत्रों को साफ़-सुथरा करने के उद्देश्य से सरकार और प्रशासन ने सरकारी ज़मीन पर क़ब्ज़े को हटाने के लिए देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया। यह ज़मीन सालों से अवैध निर्माण का शिकार हो रही थी, जहां 50 से अधिक इमारतें और धार्मिक स्थल बनाए जा चुके थे।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़े की शुरुआत
सोमनाथ मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद 102 एकड़ सरकारी ज़मीन लंबे समय से अवैध निर्माणों का शिकार थी। लोगों ने यहां पर न सिर्फ रिहायशी इमारतें खड़ी कर ली थीं, बल्कि कुछ धार्मिक स्थल भी बनाए जा चुके थे। प्रशासन ने कई बार इस ज़मीन को खाली करने के लिए नोटिस जारी किए थे, लेकिन कब्जाधारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। स्थिति यह हो गई कि यह अवैध अतिक्रमण मंदिर की भव्यता को प्रभावित करने लगा था।
जिसके बाद शुक्रवार देर रात इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए एक अभियान शुरू किया, जिसमें 58 बुलडोजर, सैकड़ों ट्रैक्टर और डंपर तैनात किए गए। पुलिस की भारी फौज, जिसमें 1400 से अधिक जवान शामिल थे, मौके पर सुरक्षा के लिए तैनात रही। प्रशासन ने पूरी रात कड़ी निगरानी के बीच इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। रात के 3 बजे बुलडोजर की गड़गड़ाहट के साथ इस सरकारी ज़मीन पर किए गए अवैध निर्माणों को जमींदोज किया गया। जबकि शनिवार की सुबह तक, मलबा हटाने का काम जारी रहा, और प्रशासन ने दावा किया कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण हटाने का ऑपरेशन था। इस ऑपरेशन के तहत 102 एकड़ की जमीन को खाली करवाया गया, जिसकी बाज़ार में अनुमानित कीमत 320 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस विशाल अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान, प्रशासन ने 9 धार्मिक स्थलों और 45 रिहायशी इमारतों को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन ने पहले से ही सभी कब्जाधारियों को नोटिस जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद ज़मीन खाली नहीं की गई थी। इस अभियान के दौरान, भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी, लेकिन पुलिस ने संयम से काम लिया ।
गिर सोमनाथ के ज़िला अधिकारी डीडी जडेजा ने बताया कि प्रशासन ने काफी पहले से ही इस अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिया था। अतिक्रमणकर्ताओं को समय दिया गया था कि वे स्वेच्छा से ज़मीन खाली कर दें, लेकिन आदेशों का पालन नहीं किया गया। इसलिए मजबूरन प्रशासन को यह कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि यह अभियान सोमनाथ मंदिर के विकास को ध्यान में रखते हुए चलाया गया, ताकि भविष्य में यहां कोई अतिक्रमण न हो सके।
सोमनाथ मंदिर के विकास के लिए बड़े कदम
सोमनाथ मंदिर की भव्यता और आकर्षण को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं तैयार की गई हैं। इन योजनाओं में से एक प्रमुख योजना सोमनाथ कॉरिडोर बनाने की है, जिसकी मंजूरी केंद्र सरकार से पहले ही मिल चुकी है। यह कॉरिडोर उज्जैन कॉरिडोर की तरह होगा, जो धार्मिक पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ मंदिर की महत्ता को और बढ़ाएगा। इस डिमोलिशन ऑपरेशन के बाद कॉरिडोर निर्माण के काम में तेजी आने की पूरी संभावना है।
सोमनाथ कॉरिडोर का महत्व
सोमनाथ मंदिर न केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं। सोमनाथ कॉरिडोर बनने के बाद यहां आने वाले भक्तों को और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और मंदिर परिसर को भव्य और आकर्षक बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से और भी अधिक विकसित हो जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बड़ा फायदा पहुंचेगा।