सदन में बहन की गाली देते धरे गये 80 साल के कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं लेकिन लगता है उनकी इस मोहब्बत की दुकान में गालीबाज और धमकीबाज नेताओं को दुकानदार बना कर रखा हुआ है। तभी तो शांति धारीवाल जैसे कांग्रेस के कद्दावर नेता सरेआम सदन की कार्यवाही के दौरान कभी बीसी की गाली देते हुए नजर आए तो कभी आसन पर बैठे सभापति को धमकी देते नजर आए और मजाल है कि कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें पार्टी से निकाला हो। कांग्रेस आलाकमान ने तो उनकी गालियों की निंदा तक नहीं की।
दरअसल शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में अर्बन डेवलपमेंट हाउसिंग डिपार्टमेंट यानि यूडीएच के लिए अनुदान की मांग को लेकर बहस हो रही थी। इस दौरान जब कांग्रेस के अस्सी साल के नेता और कोटा उत्तर से तीसरी बार विधायक बने शांति धारीवाल ने जब बोलना शुरू किया तो सदन में जैसे गालियों की बौछार कर दी। पहली बार शांति धारीवाल ने कांग्रेस राज के दौरान गड़बड़ियों पर लगे आरोपों पर पलटवार करते हुए अपशब्द का इस्तेमाल किया, दूसरी बार उन्होंने फर्जी पट्टे जारी करने के मामले में भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इसके बाद तीसरी बार जब राजस्थान विधानसभा के आसन पर बैठ सभापति संदीप शर्मा ने समय के अभाव के चलते कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल को अपनी बात खत्म करने के लिए कहा तो वहां भी अपशब्द का इस्तेमाल कर दिया और सभापति को कह दिया। तुम तो कोटा के हो बीसी, कोटा में रहना है कि नहीं तुम्हें।
आसन पर बैठ कर विधानसभा की कार्यवाही का संचालन कर रहे सभापति संदीप शर्मा कोटा दक्षिण से बीजेपी विधायक हैं जबकि कांग्रेस नेता शांति धारीवाल भी कोटा की उत्तर विधानसभा सीट से विधायक हैं यही वजह है कि उन्होंने बीसी की गाली देते हुए धमकी भरे अंदाज में यहां तक कह दिया कि तुम तो कोटा के हो बीसी, कोटा में रहना है कि नहीं तुम्हें ये बात शांति धारीवाल ने हालांकि मजाक में कही थी लेकिन फिर भी उन्हें इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए था कि वो सड़क पर नहीं खड़े हैं सदन में खड़े हैं। जहां सड़क छाप भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता। मर्यादा में रहकर बोलना होता है जिससे सदन की गरिमा बरकरार रहे लेकिन अस्सी साल के बुजुर्ग कांग्रेस विधायक इस उम्र में भी विधानसभा में सरेआम गाली देते हुए पकड़े गये। जिस पर सदन में माहौल गरम हो गया निम्बाहेड़ा के बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी ने तो विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी से धारीवाल के गाली गलौज करने के मामले में शिकायत कर दी। जिस पर देवनानी ने भी गहरी नाराजगी जताते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वह खुद इस वीडियो को देखकर सोमवार को अपना फैसला सुनाएंगे।
एक तरफ राहुल गांधी मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल सदन में बहन की गाली देते हैं और मजे की बात तो ये है कि इतना कुछ बोलने के बावजूद कांग्रेस आलाकमान उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता। इसी बात से समझ सकते हैं कि कांग्रेस में उनका क्या कद है।अशोक गहलोत के समय जब कांग्रेस के भीतर बवाल मचा हुआ था उस वक्त तो शांति धारीवाल ने सीधे पार्टी हाईकमान से पंगा ले लिया था। तत्कालीन गहलोत सरकार पर जब खतरा मंडराने लगा था तो उस वक्त दिल्ली से मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बना कर राजस्थान भेजा गया था। जिससे वो विधायकों के साथ बात करके मसले को सुलझा सकें लेकिन शांत धारीवाल ने गहलोत खेमे के करीब अस्सी विधायकों को अपने आवास पर जुटा लिया था जिससे दिल्ली से आए पर्यवेक्षक बिना किसी बैठक के वापस लौटने को मजबूर हो गये थे। ऐसे धाकड़ कांग्रेसी नेता शांति धारीवाल ने जिस तरह से सदन में बहन की गाली दी है।