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बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लॉरेंस गैंग की 17 लाख की सुपारी का बड़ा खुलासा, जानें क्या है यूपी और महाराष्ट्र कनेक्शन?

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। हत्या की साजिश के लिए 17 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से आया। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के स्लीपर सेल ने देश के विभिन्न हिस्सों से पैसा इकट्ठा किया।
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लॉरेंस गैंग की 17 लाख की सुपारी का बड़ा खुलासा, जानें क्या है यूपी और महाराष्ट्र कनेक्शन?
एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला एक बार फिर चर्चा में है। मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दायर की गई चार्जशीट में हत्या की साजिश से जुड़े बड़े खुलासे हुए हैं। खासकर, हत्या के लिए दी गई 17 लाख रुपये की सुपारी की मनी ट्रेल ने सभी को चौंका दिया है। जांच में पता चला है कि इस रकम की सबसे बड़ी फंडिंग उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से हुई है।
महाराष्ट्र और यूपी का कनेक्शन
क्राइम ब्रांच के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े स्लीपर सेल ने इस हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए अलग-अलग माध्यमों से पैसे जुटाए। चार्जशीट में यह स्पष्ट किया गया है कि कर्नाटक बैंक के गुजरात के आणंद ब्रांच में खोले गए एक खाते का इस्तेमाल इस रकम को ट्रांसफर करने के लिए किया गया। यह खाता मुख्य आरोपी सलमान वोहरा के नाम से खोला गया था।

उत्तर प्रदेश में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े स्लीपर सेल ने सीडीएम (कैश डिपॉजिट मशीन) का इस्तेमाल कर कई खातों में पैसा जमा किया। वहीं, महाराष्ट्र से इस फंडिंग की जिम्मेदारी शुभम लोनकर और अनमोल बिश्नोई ने संभाली। इन दोनों राज्यों से आए पैसे की वजह से यह साजिश बड़े स्तर पर संभव हो पाई।
देश के कोने-कोने से जुटाई गई रकम
जांच में यह भी सामने आया है कि सुपारी की 17 लाख रुपये की रकम देश के अलग-अलग हिस्सों से जुटाई गई थी। खास बात यह है कि अब तक विदेश से किसी प्रकार की फंडिंग के सबूत नहीं मिले हैं। क्राइम ब्रांच ने हवाला नेटवर्क के जरिए भी कुछ रकम आरोपियों तक पहुंचने की बात कही है। हालांकि, यूपी से हुई फंडिंग की पूरी कड़ी अब तक नहीं जुड़ सकी है, जबकि महाराष्ट्र की मनी ट्रेल का काफी हद तक पता लगाया जा चुका है।

इस हत्या की साजिश में हवाला नेटवर्क की भूमिका भी उभर कर सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र और यूपी से रकम कर्नाटक बैंक के खाते में ट्रांसफर की गई और फिर उसे आगे लॉरेंस बिश्नोई गैंग तक पहुंचाया गया। क्राइम ब्रांच अब इस नेटवर्क की हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश में जुटी है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले ने देश में राजनीति और अपराध के बीच की गहरी साठगांठ को उजागर किया है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के प्रभाव और उसकी कार्यप्रणाली पर अब जांच एजेंसियां गहराई से काम कर रही हैं। खासकर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से मिली बड़ी फंडिंग ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।
क्या है आगे की जांच की दिशा?
क्राइम ब्रांच ने अब यूपी से हुई फंडिंग की मनी ट्रेल को जोड़ने के लिए स्थानीय नेटवर्क और स्लीपर सेल पर फोकस करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, हवाला ऑपरेटरों की भूमिका और अन्य संदिग्धों की जांच भी तेज कर दी गई है।

यह मामला सिर्फ एक हत्या की साजिश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश में संगठित अपराध और फंडिंग के जटिल नेटवर्क की ओर भी इशारा करता है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग की पहुंच और उनके स्लीपर सेल का सक्रिय होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। आगे की जांच में और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।
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