चारधाम यात्रा के लिए धामी सरकार का प्लान तैयार, होंगी ये सुविधाएं
उत्तराखंड के चारधाम—बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. तीर्थयात्रा के दौरान उमड़ने वाली भीड़ और धामों की सीमित धारण क्षमता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इनकी क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं
देवभूमि उत्तराखंड। जहां हर साल होने वाली चारधाम यात्रा के लिए सिर्फ़ देश के कोने - कोने से ही नहीं विदेश से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हर साल लाखों - करोड़ों लोगों की भीड़ को अच्छी व्यवस्था देने का काम वहां की धामी सरकार कर ही रही है। लेकिन अब इसे और ज़्यादा अच्छा करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां आने वाली भीड़ को देखते हुए बड़ा फ़ैसला लिया है और इनकी क्षमता बढ़ाने की बात कही है। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को दिए साथ ही सीएम ने कहा की।
आने वाली चारधाम यात्रा के लिए अभी से ही सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए सभी प्रक्रियाएं 30 जनवरी, 2025 तक पूरी की जाएं। इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 जनवरी तक चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हितधारकों के साथ बैठक कर उनके सुझाव लिए जाएं। तीर्थ पुरोहितों और स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वो किया जाएं।
इस के साथ ही भारतीय प्रबंधन संस्थान IIM रोहतक के विशेषज्ञों ने भी कई अहम सुझाव दिए हैं। सरकार को सौंपी रिपोर्ट में VIP दर्शन पर यात्रा के पहले 30 दिन तक सख़्ती से पाबंदी लगाने की सिफ़ारिश भी की गई है। उत्तराखंड के इन चारों धामों की यात्रा राज्य के मान सम्मान साथ भी जुड़ी है। इस देखते हुए आगामी चार धाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं पर अभी से काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। धामी सरकार के इ कदम से न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा बल्कि राज्य की पर्यटन अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। जो सुझाव दिए गए हैं उसमें कुछ और सुझाव ये भी हैं कि।
दर्शन-पूजा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हो जरूरी
दर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया जाए। आधार भी अनिवार्य रहे । पूजा-पाठ के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जाए। व्यक्तिगत पूजा के लिए 2100 रुपये और पांच सदस्यों के लिए 11 हजार रुपये शुल्क हो । यात्री को दर्शन के लिए तय तारीख, समय पर जानकारी दी जाए। तय तिथि से तीन दिन पहले मैसेज से मौसम का अपडेट भी दिया जाए। जरूरी जानकारी देने के लिए मंदिर, यात्रा मार्ग पर बड़े LED स्क्रीन लगाए जाएं। छह सदस्यीय स्वायत्तशासी चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन किया जाए। जो व्यवस्थाओं का निरंतर अनुश्रवण करने और सुधार के लिए प्रयास करे। पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था की जाए। यात्रियों को अधिक से अधिक सार्वजनिक वाहन, शटल सेवाएं मुहैया कराई जाएं। इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए।
एक तरफ़ जहां धामी सरकार की प्राथमिकता में चारधाम में होने वाली सभी बातों को ध्यान में रखना है कि उत्तराखंड आने वाले किसी भी यात्री को असुविधा का सामना ना करना पड़े वैसे ही राज्य की सभी समस्याओं पर ऐसे ही ध्यान में रख कर सरकार काम कर रही है।