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अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड हमला, क्या पंजाब में फिर मंडरा रहा है खतरा?

पंजाब के अमृतसर में शनिवार देर रात ठाकुरद्वारा मंदिर पर ग्रेनेड हमला हुआ, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवक मंदिर के बाहर रुके, एक ने ग्रेनेड फेंका और दोनों फरार हो गए।
अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड हमला, क्या पंजाब में फिर मंडरा रहा है खतरा?
पंजाब के अमृतसर में शनिवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। खंडवाला इलाके में स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर पर मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात युवकों ने ग्रेनेड से हमला किया। यह हमला न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए एक भयावह अनुभव था, बल्कि इससे पूरे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, और पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया है।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली साजिश की परतें

सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, रात के 12:35 बजे दो युवक एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर मंदिर के बाहर पहुंचे। उनके हाथ में एक झंडा भी नजर आ रहा था, जो इस घटना को धार्मिक एंगल देने की ओर इशारा कर सकता है। कुछ सेकंड तक मंदिर के बाहर रुकने के बाद, उनमें से एक ने मंदिर की ओर ग्रेनेड फेंका और फिर दोनों तेज रफ्तार में वहां से फरार हो गए।

कुछ ही पलों में मंदिर में जबरदस्त धमाका हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना के समय मंदिर में पुजारी सो रहे थे, लेकिन सौभाग्यवश कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि, धमाके से मंदिर के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचा है और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।

क्या आईएसआई है हमले के पीछे?

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, "इस हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ हो सकता है। नौजवानों को गुमराह कर इस तरह के हमलों के लिए उकसाया जा रहा है। हमारी टीमें हमलावरों की तलाश में जुट गई हैं, और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।"

पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि यह हमला किसी बड़े आतंकी प्लान का हिस्सा तो नहीं था। बीते कुछ महीनों में पंजाब में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या पंजाब को एक बार फिर आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनाने की साजिश की जा रही है? हमले के बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया है। अकाली दल यूथ जिला प्रधान किरनप्रीत सिंह मोनू ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा, "पहले पुलिस चौकियों पर हमले हो रहे थे, अब धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब की कानून-व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।" सिख और हिंदू संगठनों ने भी इस हमले की निंदा की है और मांग की है कि सरकार जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करे और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।

क्या पंजाब में बढ़ रही हैं अस्थिरता फैलाने की कोशिशें?

यह हमला महज एक isolated घटना नहीं है, बल्कि इससे पहले भी पंजाब में कई बार धार्मिक स्थलों और पुलिस चौकियों को निशाना बनाया जा चुका है।
जनवरी 2024: लुधियाना के एक गुरुद्वारे के बाहर संदिग्ध गतिविधि देखी गई थी।
फरवरी 2024: अमृतसर के पास एक पुलिस चेकपोस्ट पर ग्रेनेड हमला हुआ था।
मार्च 2024: अब ठाकुरद्वारा मंदिर पर हमला, जो सीधे धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास हो सकता है।
इन घटनाओं को जोड़कर देखें तो स्पष्ट होता है कि कोई बड़ी साजिश पंजाब को अस्थिर करने की कोशिश में लगी हुई है।

हमले के बाद पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियां इस हमले के पीछे किसी आतंकी संगठन के कनेक्शन की जांच कर रही हैं। बीते कुछ समय में ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे यह आशंका और गहरी हो जाती है कि यह हमला किसी विदेशी षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।

80-90 के दशक की ओर बढ़ रहा पंजाब?

इस घटना के बाद 80-90 के दशक में पंजाब में फैले आतंकवाद की यादें ताजा हो गई हैं। उस दौर में भी इसी तरह के छोटे-छोटे हमलों से पंजाब को अशांत करने की साजिशें की गई थीं। आज के हालात देखकर यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कोई फिर से पंजाब में हिंसा और अलगाववाद को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है? इस हमले के बाद पंजाब पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है और आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने में सफल हो पाएगी?

स्थानीय लोग इस घटना के बाद भयभीत हैं, लेकिन एकजुट भी। उन्होंने साफ कर दिया है कि वे पंजाब में फिर से आतंक का साया नहीं बनने देंगे। अब यह सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे इस हमले की साजिश को बेनकाब करें और दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कटघरे में खड़ा करें।

Source- आईएएनएस
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