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Yogi को मिल गया वो दमदार योद्धा जो मिल्कीपुर जिताकर लेगा अयोध्या का बदला !

Milkipur में BJP ने चंद्रभान पासी को उम्मीदवार बनाकर मुकाबला पासी VS पासी का बना दिया.
Yogi को मिल गया वो दमदार योद्धा जो मिल्कीपुर जिताकर लेगा अयोध्या का बदला !
यूपी का अयोध्या जिला जो राम मंदिर को लेकर देश ही नहीं दुनियाभर की सुर्खियों में छाया रहा। अयोध्या से देशभर में बीजेपी ने सनातन का परचम लहराया। धूमधाम से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन कर बीजेपी ने जन-जन तक सनातन का संदेश दिया। भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद बीजेपी आश्वस्त थी कि वह इसके ज़रिए अयोध्या तो क्या पूरे देश का दिल जीतने में कामयाब रही।लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बीजेपी को सबसे बड़ा झटका इसी सीट पर मिला।अयोध्या में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। 
उस हार ने BJP को ऐसा घाव दिया कि पार्टी अब तक उस पर मरहम नहीं लगा पाई। लेकिन अब मिल्कीपुर के जरिए पार्टी जख्म भरने में जुट गई है ।


दरअसल, मिल्कीपुर सीट पर BJP ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए चंद्रभान पासी को टिकट दिया है।जबकि अभी तक टिकट की दावेदारी में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ का नाम सबसे आगे था। लेकिन पार्टी ने यहां पासी चेहरे पर दांव लगाया। यानि अब मुकाबला पासी VS पासी का होगा।सपा ने मिल्कीपुर में फैजाबाद(अयोध्या) सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजित पासी को उम्मीदवार बनाया है।ऐसे में BJP नेतृत्व ने पासी कैंडिडेट के जरिए अखिलेश यादव के PDA मॉडल को मात देने का फॉर्मूला निकाल लिया है। 

कौन हैं चंद्रभान पासी ? 


विरोधियों को अपनी रणनीति से चकमा देने वाली BJP ने मिल्कीपुर में जमीनी कार्यकर्ता को चुना है। चंद्रभान पासी 39 साल के हैं अयोध्या के रुदौली में कपड़े की दुकान चलाते हैं साथ में उनका पेपर का कारोबार भी है।चंद्रभान खुद रुदौली से दो बार जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं वहीं, मौजूद वक्त में उनकी पत्नी यहां पर पंचायत सदस्य हैं। चंद्रभान पासी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

 पासी पर दांव के पीछे ये है BJP की रणनीति ? 


समाजवादी पार्टी ने चुनावों के ऐलान से काफी पहले ही जहां अपने प्रत्याशी की तस्वीर साफ कर दी थी वहीं, BJP ने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। मिल्कीपुर सीट पर चुनाव का ऐलान होने के बाद अब जाकर कैंडिडेट फाइनल किया है हालांकि इसकी तैयारी काफी पहले से चल रही थी। योगी के 6 मंत्री अयोध्या में डेरा डाले हुए थे।जमीनी स्तर पर नेता जुटे हुए थे। रायशुमारी भी तगड़ी की गई और इस लड़ाई को सपा VS बीजेपी की बजाय पासी VS पासी का बना दिया। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर लहर के बीच भी BJP ने लोकसभा चुनाव में ये सीट गंवा दी और बाजी मार ली सपा के अवधेश प्रसाद पासी ने। मिल्कीपुर में भी समाजवादी पार्टी ने अजीत पासी को टिकट दिया है ऐसे में BJP कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

मिल्कीपुर सीट पर करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। एक लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं।जबकि 60 हजार पासी मतदाता हैं ।

अब BJP का सारा फोकस इन्ही पासी मतदाताओं पर है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान भी पासी वोटर्स ने ही निर्णायक भूमिका निभाई थी।

मिल्कीपुर में 5 फरवरी को वोटिंग है जबकि नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। इससे पहले BJP के बूथ स्तर के नेताओं से लेकर मंत्रियों तक ने मोर्चा संभाला हुआ है।पार्टी किसी भी सूरत में इस सीट को हासिल कर अयोध्या की हार के जख्म भरने की कोशिश में जुटी हुई है।

 PDA मॉडल के साथ सपा भी तैयार ।


BJP के साथ साथ समाजवादी पार्टी के लिए भी मिल्कीपुर सीट साख औेर नाक का सवाल है। बीजेपी लहर और राम मंदिर आयोजन के बीच सपा ने अयोध्या सीट बीजेपी से छिनी थी। ऐसे में मिल्कीपुर जीत से सपा अपनी छवि बरकरार रखना चाहेगी। लोकसभा चुनाव की तरह ही सपा मिल्कीपुर में भी अपने PDA यानी पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक मॉडल को ही अपनाएगी।

बहरहाल मिल्कीपुर सीट पर चुनाव दिलचस्प होने वाला है। देखने वाली बात होगी कि यहां सपा का PDA फ़ॉर्मूला चलेगा या BJP का पासी दांव ? 
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