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CM Dhami की पुलिस के एक फ़ैसले से मचा हड़कंप

Dhami की पुलिस के एक एक्शन से बौखलाए मुसलमान अचानक मचा हड़कंप
CM Dhami की पुलिस के एक फ़ैसले से मचा हड़कंप
CM Yogi Adityanath : उत्तरप्रदेश के CM Yogi Adityanath ने हाल ही में एक ऐसा फ़ैसला लिया जिससे मुसलमानों के बीच हड़कंप मच गया। फ़ैसले में कहा गया कि कांवड़ यात्रा के रूट पर ख़ासकर मुजफ्फनगर में दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगानी होगी। ये फ़ैसला इसलिए लिया गया है ताकि कांवड़ियों की आस्था के साथ कोई विश्वासघात ना हो सके। यूपी सरकार के इस फ़ैसले को लेकर सहारनपुर के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने मीडिया को क्या बताया पहले वो सुनिए।



एक तरफ़ योगी सरकार का फैसला आया तो इस पर राजनीति शुरु हो गई, बहस आगे बढ़ी ही थी कि देखते ही देखते ये फ़ैसला सीएम धामी की तरफ़ से भी ले लिया गया और इसे हरिद्वार में लागू कर दिया गया। जी हां, अब हरिद्वार में भी दुकानों के बाहर दुकानदारों को नेमप्लेट लगानी होगी जिससे ये पता लग सके कि किसी इमरान की दुकान है या अजय की। मतलब हिंदू की है या मुस्लिम की। फिर ये कांवड़ियों पर निर्भर करेगा कि उन्हें अपना सामान किस दुकान से ख़रीदना है।

इतना ही नहीं यूपी की तर्ज़ पर धामी सरकार की तरफ़ से भी हलाला सर्टिफ़ाइड प्रोडक्ट को लेकर फ़ैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफ़ाइड प्रोडक्ट बेचने पर भी दोनों ही सरकारों की तरफ़ से सज़ा की बात कही गई है। ज़ाहिर है पश्चिम की बात करें तो हरिद्वार जाने के रास्ते में मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, मंगलौर जैसी जगह पड़ती हैं जहां पर मुस्लिमों की आबादी ज़्यादा है, कांवड़ियों की आस्था में किसी प्रकार का कोई आघात ना हो, इसीलिए ये फ़ैसला लिया गया है। अब यूपी में इसे लेकर किस तरह से राजनीति हो रही है वो भी देख लीजिए। 


 बसपा प्रमुख मायावती ने लिखा- "यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय"। 

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा- "मुज़फ़्फ़रनगर पुलिस ने जनता के भाईचारे और विपक्ष के दबाव में आकर आख़िरकार होटल, फल, ठेलोंवालों को अपना नाम लिखकर प्रदर्शित करने के प्रशासनिक आदेश को स्वैच्छिक बनाकर जो अपनी पीठ थपथपायी है, उतने से ही अमन-औ-चैन पसंद करनेवाली जनता माननेवाली नहीं है। ऐसे आदेश पूरी तरह से ख़ारिज होने चाहिए। माननीय न्यायालय सकारात्मक हस्तक्षेप करते हुए शासन के माध्यम से ये सुनिश्चित करवाए कि भविष्य में ऐसा कोई भी विभाजनकारी काम शासन-प्रशासन नहीं करेगा।ये प्रेम और सौहार्द से उपजी एकता की जीत है"

उत्तराखंड  दोनों जगहों के मुसलमानों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

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