महाराष्ट्र के इस दरगाह पर होगा एक्शन! सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया कोलाबा की तरह यह भी आतंकियों के लिए सेफ लैंडिंग !
बता दें कि मीरा भयंदर म्युनिसियल कॉरपोरेशन क्षेत्र में स्थित एक अवैध दरगाह पर महाराष्ट्र सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है। इसकी भी लोकेशन समुद्र के बिल्कुल करीब है। खबरों के मुताबिक बीते 4-5 सालों में इस दरगाह पर काफी तेजी से अवैध गतिविधियां बढ़ी है। यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा और पर्यावरण उल्लंघन की वजह से इस पर कार्रवाई का प्लान तैयार किया है।

साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में पूरा देश हिल गया था। इसमें कई सौ लोगों की मौत हुई थी। समुद्री रास्ते से पाकिस्तान से आए आतंकियों के लिए लैंडिंग स्पॉट कोलाबा बना था। उसी रास्ते से अजमल आमिर कसाब और उसके साथियों ने महानगरी में दहशत मचाई थी। उस खूनी खेल से महाराष्ट्र सरकार के हाथ पांव फूल गए थे। इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोलाबा की तरह ही एक और आतंकी स्पॉट का खुलासा किया है। फडणवीस ने जल्द ही इस पर एक्शन लेने की बात कही है।
महाराष्ट्र में आतंकियों के लिए कोलाबा की तरह एक और सेफ लैंडिंग
बता दें कि मीरा भयंदर म्युनिसियल कॉरपोरेशन क्षेत्र में स्थित एक अवैध दरगाह पर महाराष्ट्र सरकार बड़ा एक्शन लेने जा रही है। इसकी भी लोकेशन समुद्र के बिल्कुल करीब है। खबरों के मुताबिक बीते 4-5 सालों में इस दरगाह पर काफी तेजी से अवैध गतिविधियां बढ़ी है। यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा और पर्यावरण उल्लंघन की वजह से इस पर कार्रवाई का प्लान तैयार किया है। यह कम्युनल सेंसटिविटी और प्रशासनिक सख्ती के बीच एक जटिल संतुलन को भी उजागर करती है। इस दरगाह को मई 2025 तक ध्वस्त करने की तैयारी चल रही है। महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसको लेकर आदेश भी पारित कर दिया है।
साल 2011 में पुलिस को लिखे पत्र में दी गई थी चेतावनी
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2011 में मीरा भयंदर के कलेक्टर को लिखे गुप्त पत्र में भी इस दरगाह को सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया गया है। दरअसल, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आतंकी फिर से साल 2008 की तरह समुद्र के रास्ते मुंबई में घुस सकते हैं। यह आतंकवादी खुद की सुरक्षा के लिए भी इस दरगाह में छुप सकते हैं। मुंबई पुलिस ने इस पर चिंता जाहिर की है। 26/11 हमला एक बहुत बड़ा उदाहरण है। इस हमले में आतंकवादी अजमल और उसके साथी कोलाबा के समुद्री तट से ही मुंबई में पहुंचने में कामयाब हुए थे। ऐसे में यह दरगाह भी आतंकियों के लिए "सेफ लैंडिंग स्पॉट" के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि,यह केवल एक आशंका है या कोई खुफिया जानकारी है। बीते 14 सालों से इस दरगाह से जुड़ी कोई भी गतिविधि सामने नहीं आई है। लेकिन फिर भी सावधानी के तौर पर या आने वाले समय में कोई घटना ना हो। इसको ध्यान में रखकर इस दरगाह पर कार्रवाई की बात हो रही है।
दरगाह के पास काफी ज्यादा अतिक्रमण
हालांकि, एक और वजह भी सामने आई है। जिसमें बताया जा रहा है कि दरगाह के पास काफी ज्यादा अतिक्रमण बढ़ रहा है। इस जगह पर लगातार पेड़ो की कटाई कर अवैध मकान बनाए जा रहे हैं। यह भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चिंता का विषय है। वहीं दरगाह के पास 70,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में अतिक्रमण मैंग्रोवस काटकर पत्थर और बालू से जमीन को भरा जा रहा है। यह भी नियमों का एक उल्लंघन है। मैंग्रोवस कोस्टल इकोसिस्टम का एक अहम हिस्सा होता है। जिससे समुद्री कटाव को रोका जाता है। इसकी कटाई व निर्माण पर बीते दिनों सख्त कार्रवाई व चेतावनी भी दी गई है। लेकिन उसके बावजूद अतिक्रमण बढ़ा है। खास तौर से कोविड काल के बाद इसकी गतिविधियां ज्यादा बढ़ी हैं।