वक्फ बिल पर JDU के बाद जयंत चौधरी की RLD में हलचल, प्रदेश महासचिव ने पार्टी छोड़ी पार्टी
वक्फ बिल पर संसद में पार्टी के समर्थन देने से नाराज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बता दे वीडियो जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री और पार्टी के प्रमुख जयंत चौधरी पर तीखा हमला किया है।

वक्फ संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब कानून बनने से सिर्फ एक कदम की दूरी पर है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल कानून का रूप लेगा। इस बिल को पास कराने में बीजेपी को एनडीए में शामिल घटक दलों का पूर्ण समर्थन मिला। जिसके चलते विपक्ष के विरोध के बावजूद बड़ी ही आसानी से लोकसभा और राज्यसभा में पूर्ण बहुमत के साथ पास हुआ। हालांकि इस बिल के मुद्दे पर बीजेपी का साथ देना घटक दलों को प्रभावित भी कर रहा है। पहले बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू के बाद अब जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल में भी बगावत के सुर उठाने लगे है।
जयंत चौधरी पर लगाए आरोप
वक्फ बिल पर संसद में पार्टी के समर्थन देने से नाराज राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महासचिव शाहजेब रिजवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बता दे वीडियो जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री और पार्टी के प्रमुख जयंत चौधरी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि "जयंत चौधरी अब अपने र से भटक चुके हैं। मुसलमान ने पूरे मन से जयंत चौधरी का समर्थन दिया था लेकिन उन्होंने जब जरूरत पड़ी तो इस बात का ध्यान नहीं रखा।" रिजवी ने आरोप लगाया कि "जयंत चौधरी सेकुलरिज्म की राह से भटक चुके हैं अब उनकी नीति और विचार मुस्लिम समुदाय के हितों के विपरीत दिखाई दे रही है। राजनीति में जयंत चौधरी को जब भी जरूरत पड़ी तो मुसलमान ने बढ़-चढ़कर उनके साथ दिया लेकिन जब वक्फ के मुद्दे पर उन्हें समुदाय का साथ देना चाहिए था तो वो विरोध में खड़े हो गए।" शाहजेब रिजवी ने अपने वीडियो में उन पार्टियों को भी निशाने पर लिया जो एनडीए घटक दल में शामिल है लेकिन उनकी पहचान सेकुलर पार्टी के तौर पर रही है लेकिन वह इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय के समर्थन में दिखाई नहीं दिए। खुद को सेक्यूलर नेता बताने वाले आज मुसलमान को धोखा दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी के 10 विधायक हैं और आरएलडी को इतनी मजबूत स्थिति में लाने में मुसलमान का बहुत बड़ा योगदान है लेकिन अब जरूरत के समय जयंत चौधरी इस बात को भूल चुके हैं। नेताओं को अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि सरकारी तो आती जाती रहेगी।
जेडीयू में भी हुई बगावत
वही बात अगर चुनावी राज्य बिहार की करें तो यहां भी नीतीश कुमार की मुश्किलें चुनाव से पहले बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। जदयू में भी बगावत के और उठ चुके हैं और अब तक पांच नेता नीतीश कुमार का वक्त के मुद्दे पर बीजेपी का समर्थन देने की वजह से पार्टी का साथ-साथ छोड़ दिया है। जदयू में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेश महासचिव तबरेज सिद्दीकी, पूर्वी चंपारण के मोहम्मद कासिम अंसारी, जमुई के नवाज मलिक ने अपने इस्तीफा की घोषणा सोशल मीडिया पर की थी।b इनके अलावा भोजपुर जिले के पार्टी सदस्य मो दिलशान रेन ने भी इस्तीफा दिया। हालांकि इन इस्तीफों पर जेडीयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने फर्जी बताते हुए इसे खारिज किया है।