अपने परिवार को मारने के बाद असद की योगी जी से भावुक अपील "इन मुसलमानों को मत छोड़ना"
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल के पहले दिन एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। मोहम्मद असद नाम के व्यक्ति ने अपने परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी और उसके बाद एक वीडियो जारी कर अपनी मजबूरी बयां की।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल के पहले दिन एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। एक होटल के कमरे में पांच लोगों का शव मिलने की खबर से शहर में सनसनी फैल गई। पुलिस ने इस मामले में मोहम्मद असद नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो इन मौतों का जिम्मेदार माना जा रहा है। असद ने खुद अपने परिवार के सदस्यों की हत्या की और बाद में एक वीडियो जारी कर अपने इस कृत्य का कारण भी बताया।
वीडियो में असद का कबूलनामा
असद द्वारा जारी वीडियो में उसने घटना के पीछे की कहानी को साझा किया। वीडियो में उसने कहा, "अस्सलाम वालेकुम, मेरा नाम मोहम्मद असद है। बस्ती वालों की वजह से तंग आकर मैंने अपने परिवार के खिलाफ यह कदम उठाया। हमारे घर को कब्जा करने के लिए उन लोगों ने हम पर कई अत्याचार किए। ठंड में 10–15 दिन तक फुटपाथ पर सोने को मजबूर होना पड़ा। हमारी किसी ने मदद नहीं की।" असद ने आगे कहा कि उसके पास घर के कागजात मौजूद हैं, और वह अपने घर को मंदिर बनाने और धर्म परिवर्तन करने की योजना बना रहा था। लेकिन बस्ती के लोगों ने उसके घर पर कब्जा कर लिया। उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
असद ने यह भी दावा किया कि बस्ती के कुछ लोग उसके परिवार को बदनाम करने और उसके बहनों को बेचने की साजिश कर रहे थे। उसने कहा, "मैं अपनी बहनों को किसी गलत रास्ते पर जाने नहीं देना चाहता था, इसलिए मैंने मजबूर होकर यह कदम उठाया।" उसने यह भी कहा कि जिन लोगों ने उसके घर और परिवार को नुकसान पहुंचाया, वे समाज में गलत काम करते हैं। असद ने उनके नाम भी बताए और आरोप लगाया कि ये लोग लड़कियों की तस्करी करते हैं।
असद ने अपने बयान में बताया कि वह हिंदू धर्म अपनाने की योजना बना रहा था ताकि उसका परिवार चैन की जिंदगी जी सके। उसने कहा, "हम लोग मंदिर बनाना चाहते थे और धर्म परिवर्तन करना चाहते थे। लेकिन किसी ने हमारी मदद नहीं की। हम पर झूठे आरोप लगाए गए। हमारे पास सारे सबूत हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।" असद ने अपनी वीडियो में बजरंग दल और बीजेपी के नेताओं पर भी आरोप लगाए कि उन्होंने उसकी मदद नहीं की। उसने कहा, "हर मुसलमान गलत नहीं होता। सभी को एक जैसा समझना बंद कीजिए। हमारी मौत के बाद हमें न्याय दिलाना बहुत जरूरी है।"
इस घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि असद का यह बयान उसकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि असद के आरोप कितने सही हैं और घटना के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने कहा कि असद द्वारा दिए गए वीडियो में बताए गए नामों और आरोपों की गहनता से जांच की जाएगी। यह घटना समाज के उस काले पक्ष को उजागर करती है, जहां व्यक्तिगत रंजिश और सामाजिक दबाव किसी को इस हद तक ले जा सकते हैं कि वह अपने ही परिवार को खत्म करने जैसा कदम उठाए। इस घटना ने न केवल लखनऊ, बल्कि पूरे देश में यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारा समाज वास्तव में न्याय और मदद के लिए तैयार है?
पुलिस और प्रशासन को इस घटना से सबक लेते हुए ऐसी परिस्थितियों के समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए। समाज को भी ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आना होगा ताकि कोई और असद जैसी स्थिति में न पहुंचे। असद का वीडियो और उसका कबूलनामा हमें यह सिखाता है कि किसी की मजबूरी और दर्द को समझना कितना जरूरी है। अगर असद और उसका परिवार समय पर मदद पाता, तो शायद यह घटना नहीं होती। न्याय और मानवता के बीच संतुलन बनाना ही इस त्रासदी का असली समाधान है।