लोकसभा के बाद राज्यसभा में किरेन रिजिजू ने पेश किया 'वक्फ संशोधन विधेयक'
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं है।

लोकसभा से पारित होने के बाद 'वक्फ संशोधन बिल' को गुरुवार को दोपहर एक बजे राज्यसभा में पेश किया गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इसके जरिए धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं है।
#BudgetSession2025
— SansadTV (@sansad_tv) April 3, 2025
Minister @KirenRijiju moves The Waqf (Amendment) Bill, 2025 and The Mussalman Wakf (Repeal) Bill, 2024 in #RajyaSabha, as passed in #LokSabha. @MOMAIndia #WaqfAmendmentBill2025 #WaqfBill #WaqfBoard #WaqfBill2025
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केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा, "वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में छोटे-बड़े एक करोड़ सुझाव मिले हैं। संयुक्त संसदीय समिति ने 10 शहरों में जाकर विधेयक को लेकर लोगों की राय जानी और 284 संगठनों से बातचीत की गई। आज की स्थिति में, 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां हैं। 2006 में, अगर सच्चर समिति ने 4.9 लाख वक्फ संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान लगाया था, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि ये संपत्तियां अब कितनी आय उत्पन्न कर रही होंगी। आज आप मार्केट रेट के हिसाब से अनुमान लगा सकते हैं।"उन्होंने बताया कि सच्चर कमेटी ने कहा था कि बंद कमरे में जो होता है, उसे बाहर आना चाहिए। महिलाओं और बच्चों के लिए खास कदम उठाना चाहिए। मैं कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दलों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील करता हूं।"
किरेन रिजिजू ने कहा, "देश की आजादी के बाद 1954 में वक्फ को लेकर राज्यों में बोर्ड का गठन हुआ। 1995 में इसे लेकर विस्तृत कानून आया। वक्फ को लेकर स्पष्ट कानून आए। साल 2013 में यूपीए सरकार ने चुनाव के वक्त वक्फ कानून में कुछ बदलाव किए। उस वक्त भी जेपीसी का गठन हुआ, जिसमें 13 सदस्य थे। इस बार 31 सदस्य थे। उस बार जेपीसी की 22 बैठकें हुई और इस बार 36 बैठकें। उस समय 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा हुई और इस बार 25 राज्यों के साथ ही कई अन्य संगठनों और सांसदों से चर्चा की गई। साथ ही करोड़ों लोगों के सुझाव मिले। पहले समिति ने सिर्फ जम्मू, श्रीनगर और लेह का ही दौरा किया। लेकिन, इस बार 10 शहरों में समिति के सदस्यों ने दौरा किया।"
मंत्री रिजिजू ने आगे कहा, "ये सवाल ही नहीं उठता है कि मुसलमानों के धार्मिक मामलों या वक्फ के मामलों में गैर मुस्लिम का कोई दखल होगा। अगर कोई मुसलमान खुद ट्रस्ट बनाकर अपनी संपत्ति का प्रबंधन करना चाहता है तो उसे वक्फ बोर्ड में शामिल करने की जरूरत नहीं है। इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। अगर कोई अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड को देता है तो उस संपत्ति का ही प्रबंधन वक्फ बोर्ड करता है और वक्फ बोर्ड सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन के लिए है, इसमें धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप का कोई सवाल नहीं है। वक्फ संपत्ति की देखरेख करने वाले मुतवल्ली पर निगरानी करने के लिए वक्फ बोर्ड बनाया गया है।"