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तिरुपति लड्डू में घी की मिलावट के खुलासा के बाद, जानें अब किससे हो रही है घी की खरीदारी

तिरुपति लड्डू घी सप्लाई विवाद में आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के लिए घी के सप्लायर को बदल दिया है। पहले मंदिर एआर डेयरी फूड्स से 320 रुपये प्रति किलो के हिसाब से घी खरीदता था, जिसमें मिलावट की शिकायतें थीं। अब कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (नंदिनी ब्रांड) से 475 रुपये प्रति किलो की दर से घी खरीदा जा रहा है।
तिरुपति लड्डू में घी की मिलावट के खुलासा के बाद, जानें अब किससे हो रही है घी की खरीदारी
तिरुपति बालाजी मंदिर, जो देश के सबसे प्रतिष्ठित और अमीर मंदिरों में से एक है, हर साल केवल अपने लड्डू प्रसाद से ही करीब 500 करोड़ रुपये की कमाई करता है। इन लड्डुओं के पीछे का राज केवल उनके स्वाद में नहीं, बल्कि उस घी में भी छिपा है जो प्रसाद बनाने में इस्तेमाल होता है। लेकिन हाल ही में, घी की आपूर्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जो न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहा है, बल्कि सियासी आरोप-प्रत्यारोप का कारण भी बन रहा है।
घी सप्लायर क्यों बदला गया?
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इस बात का खुलासा किया कि लड्डू बनाने में उपयोग हो रहे घी में गुणवत्ता की भारी कमी आ गई थी। पहले घी की आपूर्ति तमिलनाडु की AR डेयरी फूड्स द्वारा की जाती थी, जो 320 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से घी दे रही थी। लेकिन जब इस घी का प्रयोगशाला परीक्षण किया गया, तो उसमें पशु चर्बी और लार्ड (सूअर की चर्बी) के अंश पाए गए।
वैसे आपको बता दे तिरुपति बालाजी के मंदिर विवाद में प्रसिद्ध डेयरी ब्रांड अमूल का नाम भी सामने आया। कई लोगों का सोशल मीडिया पर कहना है कि अमूल ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को घी सप्लाई किया है। हालांकि इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमूल ने इन दावों को पूरी तरह से गलत बताया है। कंपनी ने कहा कि अमूल का घी उच्च गुणवत्ता वाले दूध से ISO प्रमाणित फैक्ट्रियों में बनाया जाता है और FSSAI मानकों का पालन करता है। अमूल ने कहा कि यह बयान उनके खिलाफ चल रहे गलत सूचना अभियान को समाप्त करने के लिए जारी किया गया है।
घी में मिलावट के चलते इसकी गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है, और इसी को लेकर टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामल राव ने कहा कि मंदिर निकाय ने आरोप लगाया है कि घी आपूर्तिकर्ताओं ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया है। जिसके चलते अब टीटीडी सप्लायर बदल रही है। अब मंदिर में कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के नंदिनी ब्रांड से घी की डील की गई है, जो 475 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से घी सप्लाई करेगा।
हालांकि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस पूरे मुद्दे को राजनीतिक रंग देते हुए वर्तमान सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मार्केट में घी की कीमत 500 रुपये किलो थी, तब पिछली सरकार ने खराब क्वालिटी का घी केवल 320 रुपये किलो खरीदा। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने सस्ता और मिलावटी घी खरीदा क्योंकि वह सस्ता था। यह आरोप तब और गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि इसी घी का इस्तेमाल लड्डुओं में किया जा रहा था, जो करोड़ों भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में वितरित होते हैं।

घी की क्वालिटी पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?

इस पूरे विवाद के बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि तिरुपति मंदिर जैसे प्रतिष्ठित स्थल पर प्रसाद के घी की गुणवत्ता की नियमित जांच क्यों नहीं की गई? टीटीडी के अधिकारियों के अनुसार, आंतरिक प्रयोगशाला न होने के कारण नमूनों को बाहर की प्रयोगशालाओं में भेजा गया, जो समय लेने वाला और अव्यवहारिक साबित हुआ। इस मुद्दे ने मंदिर के प्रशासन और सप्लायर के बीच की कमी को भी उजागर किया है, जो भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम कर रहा है। वर्तमान सरकार की ओर से सप्लायर बदलने का फैसला इस विवाद को सुलझाने की दिशा में एक कदम है, लेकिन इसे राजनीतिक हमलों से भी जोड़ा जा रहा है।
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