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Anjana Om Kashyap को जूते का पानी पिलाएंगे Afzal Ansari, बेहया तक कह दिया!

हेलिकॉप्टर से लोकसभा चुनाव कवर कर रहीं देश की वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ सड़कछाप भाषा है उस समाजवादी पार्टी के नेता अफजाल अंसारी की जिसे गाजीपुर की जनता ने दो बार सांसद बनाया और अब तीसरी बार अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट दिया है | जो आजकल अपना चुनाव प्रचार करने की बजाए देश के पत्रकारों को धमकी देने और जूता दिखाने का काम कर रहे हैं |
Anjana Om Kashyap को जूते का पानी पिलाएंगे Afzal Ansari, बेहया तक कह दिया!

माफिया मुख्तार अंसारी जबसे मिट्टी में दफन हुआ है, उसके भाई अफजाल अंसारी लगता है बुरी तरह से बौखला गये हैं | और इस बौखलाहट में अब तो जुबानी मर्यादा भी भूलने लगे हैं | वो ये भूल गये हैं कि गाजीपुर की जनता ने उन्हें सांसद बनाया है, वो ये भूल गये हैं कि सपाई मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है | और अगर नहीं भूलते तो कम से कम इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाते कि जिस मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है उस मीडिया को ही कभी धमकी देने पर उतारू हो जाएं, तो कभी जूता दिखाने लग जाएं | दुर्भाग्य से माफिया मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी आजकल यही कर रहे हैं | 


यूपी के जिला गाजीपुर लोकसभा सीट पर सपाई मुखिया अखिलेश यादव को लगता है कोई साफ सुथरी छवि वाला नेता नहीं मिल सका जिसे वो चुनाव लड़ा सकें | इसीलिये जिस माफिया मुख्तार अंसारी पर हत्या रंगदारी जैसे ना जाने कितने मुकदमे दर्ज थे, उस माफिया के भाई अफजाल अंसारी को टिकट देकर मैदान में उतार दिया और फिर कहते हैं हमारी सरकार माफियाओं को पालती पोसती नहीं है | बात यहीं खत्म नहीं होती, जिस अफजाल अंसारी को अखिलेश यादव ने गाजीपुर से टिकट दिया है, उस अफजाल अंसारी की भाषा भी लगता है अब माफियाओं वाली हो गई है | इसीलिये लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया को भी जूता दिखाने से बाज नहीं रहे हैं | देश की जानी मानी पत्रकार अंजना ओम कश्यप का नाम लिये बिना उन्हें बेहया कहने के साथ ही उनसे जूता साफ कराने की बात कर रहे हैं |


हेलिकॉप्टर से लोकसभा चुनाव कवर कर रहीं देश की वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ सड़कछाप भाषा है उस समाजवादी पार्टी के नेता अफजाल अंसारी की जिसे गाजीपुर की जनता ने दो बार सांसद बनाया और अब तीसरी बार अखिलेश यादव ने उन्हें टिकट दिया है | जो आजकल अपना चुनाव प्रचार करने की बजाए देश के पत्रकारों को धमकी देने और जूता दिखाने का काम कर रहे हैं |




दरअसल अंजना ओम कश्यप अप्रैल में यूपी के गाजीपुर जिले में गई थीं, जहां लोकसभा चुनाव को लेकर वहां की जनता से बात कर रही थीं | एक तरफ बीजेपी है दूसरी तरफ अफजाल अंसारी जिनका परिवार माफिया डॉन की तरह जाना जाता है तो आपको क्या लगता है बेहतर सांसद कौन होगा, इस पर महिला ने जवाब दिया, मुख्तार अंसारी अच्छे आदमी थे मेरे लड़के थे उनके पास गये थे तो उनका काम करवाए थे |


ये कौन नहीं जानता कि मुख्तार अंसारी एक दुर्दांत माफिया था जिसे कभी बसपा चुनाव लड़ाया करती थी | तो वहीं अब उसके भाई अफजाल अंसारी को अखिलेश यादव टिकट देकर चुनाव लड़ा रहे हैं | जिन पर कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन इसके बावजूद अंजना ओम कश्यप ने परिवार को माफिया डॉन क्या कह दिया | अफजाल अंसारी तो इस कदर बुरा मान गये कि जूता निकाल लिया | अब आप भी बताइये जिस अफजाल अंसारी ने एक महिला पत्रकार से जूते का पानी साफ करने बात कही | बात यहीं खत्म नहीं होती,  कुछ ही दिनों पहले टाइम्स नाउ के पत्रकार आशुतोष ने जब सवालों की बौछार की तो अफजाल अंसारी इस कदर बौखला गये थे कि पत्रकार को ही धमकी देने लगे और यहां तक कह दिया कि- ‘गाजीपुर में ही घर है और गाजीपुर में ही नौकरी है और चुनाव भर की नौकरी है, अब चुनाव भर का कितना दे दिया है आपको, 4 तारीख के बाद तुम्हारी सूरत तक नजर नहीं आएगी, 40 साल हो गया तुम्हारी कृपा से राजनीति करते हैं|’ जिस पर पत्रकार ने भी मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा कि नेताओं से हमें नसीहत की जरूरत नहीं है क्योंकि नेताओं को बिकते हुए पूरी दुनिया ने देखा है, नेताओें को सदन में बिकते हुए हमने देखा है |


जिस अफजाल अंसारी ने एक महिला पत्रकार को बेहया कह दिया | तो वहीं पत्रकार आशुतोष को धमकी देने पर उतारू हो गये हों | उस अफजाल अंसारी के खिलाफ क्या अखिलेश यादव को एक्शन नहीं लेना चाहिए? क्या उनका टिकट नहीं काटना चाहिए? यकीन मानिये अखिलेश यादव ऐसा कुछ नहीं करेंगे क्योंकि उनकी नजर में अंसारी परिवार माफिया नहीं पाक साफ है | इसीलिये खुद अखिलेश यादव जहां मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके घर दुख बांटने गये थे, तो वहीं उनके भाई धर्मेंद्र यादव मुख्तार की कब्र पर फूल चढ़ाने चले गये थे |


ऐसा लगता है अखिलेश यादव किसी भी तरह से गाजीपुर सीट जीतना चाहते हैं | फिर इसके लिए उन्हें माफिया मुख्तार के भाई को ही टिकट क्यों ना देना पड़े | क्योंकि यहां सवाल मुस्लिम वोट बैंक का भी तो हो सकता है | इसीलिये अखिलेश ने अफजाल को टिकट देने से पहले एक बार भी शायद ये नहीं सोचा होगा कि जिसे वो चुनाव लड़ाने जा रहे हैं उस अफजाल अंसारी समेत उनके परिवार पर कितने मुकदमे दर्ज हैं |



मुख्तार अंसारी समेत उसके परिवार पर 101 केस दर्ज हैं, अकेले मुख्तार अंसारी पर कई जिलों में हत्या के 8 मुकदमे समेत 65 मामले दर्ज हैं जिसकी जेल में ही मौत हो गई | मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा अंसारी पर 11 मुकदमे, बेटे अब्बास अंसारी पर 8 तो छोटे बेटे उमर अंसारी पर 6 केस दर्ज हैं, मुख्तार अंसारी की बहू निखत पर 1 मुकदमा दर्ज है, जबकि भाई अफजाल अंसारी पर 7 मामले और दूसरे भाई सिगबतुल्लाह अंसारी पर 3 केस दर्ज हैं | 


मुख्तार अंसारी की पत्नी, बेटे, बहू हो या भाई अफजाल और सिगबतुल्लाह अंसारी, सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज है | लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव को गाजीपुर से चुनाव लड़ाने के लिए अफजाल अंसारी ही मिले हैं | ऐसा लगता है गाजीपुर में सपा के पास कोई साफ सुथरी छवि वाला नेता ही नहीं बचा है | तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने पारस नाथ राय को टिकट देकर मैदान में उतारा है, जो पेशे से एक शिक्षक हैं | अब आप ही बताइये गाजीपुर की जनता को किसे अपना सांसद चुनना चाहिए? एक शिक्षक को या फिर माफिया मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को? 

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