Akash Anand की BSP में हुई वापसी तो वहीं उनके ससुर पर Mayawati ने किया बड़ा ऐलान !
लगता है बीएसपी में अब सबकुछ ठीक हो गया है इसीलिये सबसे पहले खुद आकाश आनंद ने अपनी बुआ मायावती से माफी मांगी तो वहीं कुछ ही देर बाद मायावती ने भी सख्त चेतावनी के साथ ही अपने भतीजे को माफ भी कर दिया और ससुर अशोक सिद्धार्थ से दूर रहने की हिदायत भी दे डाली !

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की चार बार सत्ता संभाल चुकीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने जब अपने भतीजे आकाश आनंद को राजनीति में उतारा तो यही अटकलें लगाई जाने लगीं कि मायावती अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आकाश आनंद को तैयार कर रही हैं. लेकिन कुछ महीनों पहले कुछ ऐसा हुआ की भड़कीं मायावती ने एक झटके में दूध से मक्खी तरह अपने ही भतीजे को पार्टी से निकाल कर बाहर दिया था. क्योंकि उन पर अपने ससुर के साथ मिलकर बीएसपी के खिलाफ ही गुटबाजी करने के आरोप लगने लगे थे. लेकिन लगता है बीएसपी में अब सब कुछ ठीक हो गया है. इसीलिये सबसे पहले खुद आकाश आनंद ने अपनी बुआ मायावती से माफी मांगी तो वहीं कुछ ही देर बाद मायावती ने भी सख्त चेतावनी के साथ ही अपने भतीजे को माफ भी कर दिया और ससुर अशोक सिद्धार्थ से दूर रहने की हिदायत भी दे डाली।
दरअसल इसी साल बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पहले पार्टी के दिग्गज नेता और आकाश आनंद को पार्टी के खिलाफ गुटबाजी करने के आरोप में बीएसपी से निकाला था. तो वहीं उसके बाद आकाश आनंद को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. लेकिन लगता है अब आकाश आनंद को भी अपनी गलती का अहसास हो गया है. इसीलिये उन्होंने सिलसिलेवार किये गये कई ट्वीट में बीएसपी सुप्रीमो मायावती से माफी मांगते हुए कहा कि"BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीया बहन कु. मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं, आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को व खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा, यही नहीं बल्कि कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्ववीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से आदरणीया बहन जी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है और आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा"
भतीजे आकाश आनंद ने पहले अपनी गलती के लिए माफी मांगी फिर कम से कम सियासी मामले में ससुराल वालों से दूर रहने का प्रण लिया तो बुआ मायावती का भी दिल पिघल गया और उन्होंने भी एक आकाश आनंद की बीएसपी में वापसी के लिए हरी झंडी दिखाते हुए एक ट्वीट में कहा"आकाश आनन्द द्वारा एक्स पर आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने व सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया है"
आकाश आनंद को माफ करने के साथ ही मायावती ने एक बात और साफ कर दी कि जब तक वो स्वस्थ हैं. बीएसपी में उनका कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। चाहे वो उनका अपना भतीजा आकाश आनंद ही क्यों ना हो. इस मामले में दो टूक जवाब देते हुए मायावती ने कहा"वैसे अभी मैं स्वस्थ्य हूं और जब तक पूरी तरह से स्वस्थ्य रहूंगी, मान्यवर कांशीराम जी की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट के लिए पूरे जी-जान व तन्मयता से समर्पित रहकर कार्य करती रहूंगी, ऐसे में मेरे उत्तराधिकारी बनाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है, मैं अपने निर्णय पर अटल हूं व रहूंगी"
बात यहीं खत्म नहीं होती. मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को तो माफ कर दिया। लेकिन उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के लिए अभी भी मायावती का दिल नहीं पिघला। और भविष्य में भी लगता है कि उन्हें माफ नहीं करेंगी। इसीलिये एक और ट्वीट में मायावती ने साफ कर दिया कि"वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने और आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर वह लोगों से लगातार सम्पर्क करता रहा है और आज उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है, लेकिन आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं, उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है"
बीएसपी सुप्रीमो मायावती का ये तेवर बता रहा है कि पिछले कई सालों से उनकी पार्टी भले ही यूपी की सत्ता से दूर हो गई हो. इस लोकसभा चुनाव में एक सांसद भी नहीं जीत पाया हो. लेकिन मायावती के तेवर में कोई कमी नहीं आई है. पार्टी को लेकर वो अब भी उतनी सख्त हैं जैसे सत्ता में रहते हुए थीं. इसीलिये वक्त आया तो पार्टी हित के लिए उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को भी पार्टी से निकालने में कोई देर नहीं लगाई। और अब पार्टी में वापसी भी कराई तो सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर माफी मांगने के बाद. इसी बात से समझ सकते हैं कि मायावती उन नेताओं में नहीं हैं जो इतनी आसानी से परिवारवाद के सामने घुटने टेक देंगी. आकाश आनंद को सबक सिखा कर उन्होंने पार्टी के बाकी नेताओं को भी संदेश दे दिया है कि अभी भी बीएसपी की सर्वेसर्वा वही हैं. और जब तक स्वस्थ रहेंगी तब तक उन्हीं के पास बीएसपी की कमान रहेगी।कोई उनका उत्तराधिकारी नहीं होगा।