Advertisement

महाराष्ट्र में अखिलेश और झारखंड में तेजस्वी ने बढ़ा दी हलचल क्या चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में पड़ेगी टूट !

चुनावी राज्य में राजनीतिक दल पूरी तैयारी के साथ जुटे हुए हैं महाराष्ट्र के बाद करें तो राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों सिंगल फेज में 20 नवंबर को मतदान होंगे जबकि झारखंड में दो पेज में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में चुनाव की तारीख नजदीक आते ही इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले राजनीतिक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मामला सेटल होता दिखाई नहीं दे रहा है।
महाराष्ट्र में अखिलेश और झारखंड में तेजस्वी ने बढ़ा दी हलचल क्या चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में पड़ेगी टूट !
चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। ऐसे में चुनावी राज्य में राजनीतिक दल पूरी तैयारी के साथ जुटे हुए हैं महाराष्ट्र के बाद करें तो राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों सिंगल फेज में 20 नवंबर को मतदान होंगे जबकि झारखंड में दो पेज में 13 और 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में चुनाव की तारीख नजदीक आते ही इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाले राजनीतिक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मामला सेटल होता दिखाई नहीं दे रहा है। 


दरअसल, विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद से ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी और झारखंड में सत्ताधारी इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग से लेकर गुत्थी सुलझा नहीं पा रही है। बात अगर झारखंड की करें तो यहाँ पर ललौ यादव की पार्टी और महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी की एंट्री ने सीट बंटवारे को पेचीदा बना दिया है।


झारखंड में क्यों फ़ंस रहा मसला

दरअसल, झारखंड विधानसभा में इंडिया ब्लाक में सीट शेयरिंग के लिए रविवार को राँची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बैठक हुई।जिसमें कांग्रेस और आरजेडी के नेता भी मौजूद रहे। इस बैठक में हेमंत सोरेन ने इस बात को साफ़ किया कि गठबंधन 81 विधानसभा में साथ चुनाव लड़ेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली बार से इस बार का गठबंधन थोड़ा अलग है क्योंकि पिछले चुनाव में कांग्रेस और आरजेडी साथ थी जबकि इस बार लेफ़्ट पार्टी भी गठबंधन का हिस्सा बन गई है। अभी तक सीट शेयरिंग की मुताबिक़ JMM और कांग्रेस 81 में से 70 सीट पर मिलकर चुनाव लड़ेगी जबकि बची हुई 11 सीट पर आरजेडी और लेफ़्ट पार्टी समेत अन्य पार्टी आपस में बटेंगे। इसके बाद अनुमान इस बात का है की 70 में से JMM 41 और 29 सीट पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतरेगी। जबकि अन्य11 सीटों में 7 आरजेडी और 4 वाम दलों को मिली हैं। सीट शेयरिंग का मामला क्लीयर होने के बाद आरजेडी के सांसद मनोज झा ने दुःख जताते हुए कहा है कि "जब सभी दल के नेता रांची में ही मौजूद हैं तो हम इस बात से दुखी हैं कि गठबंधन की बनावट की प्रक्रिया में हमें शामिल नहीं किया गया। सारे फ़ैसले 'मैगी टू मिनट नूडल्स' नहीं होते हैं। हमारे पास तमाम विकल्प खुले हैं।" मनोज झा के इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि  अगर आरजेडी के आलाकमान संतुष्ट नहीं हुए तो पार्टी गठबंधन से अलग ज़्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है।


महाराष्ट्र में अचानक कैसे हुई उथल-पुथल 

झारखंड की तरह महाराष्ट्र में भी महाविकस अघाड़ी में में भी चुनाव की तारीख़नज़दीक आने के बावजूद मामला फँसता हुआ दिखाई दे रहा है। इस गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और शरद पावर की एनसीपी के बीच सीट बँटवारे के बाद अब मामला पेचीदा हो गया है। यहाँ पर समाजवादी पारत्य ने महाविकास अघाड़ी में 12 सीट की माँग कर दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ख़ुद महाराष्ट्र का दौरा कर राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा दिया है। शनिवार को उन्होंने धुले विधानसभा सिटी सीट से उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी है। जिसके बाद राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर नए विवाद की स्थिति बन गई है  क्योंकि गठबंधन में शामिल कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी अपनी सीटों कोसमाजवादी पार्टी को नहीं देना चाहती है। हालाँकि इन सबके बीच पार्टी नेताओं का मानना है की जल्द सभी दलों के आलाकमान मिलकर सारे मसले को सुलझ देंगे।


ग़ौरतलब है कि सपा और कांग्रेस के बीच यूपी की नौ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भी दोनों दलों की बीच बात नहीं बन पा रही है। ख़बर है कि सपा 7 सीट पर अपने उम्मीदवार उतार रही है जबकि कांग्रेस को जो दो सीट दी जा रही है। उससे कांग्रेस नाराज़ है और हो सकता है की कांग्रेस इस उपचुनाव से पूरी तरह किनारा करते हुए ख़ुद को अलग कर लें और बाहर से सपा को समर्थन दे। हालाँकि इस हलचल को लेकर राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोग ही इस बात का इंतज़ार कर रहे है की सीट शेयरिंग का मसले का कब पूरी तरह से समाधान होगा।
Advertisement

Related articles

Advertisement