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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक अल्पसंख्यक संस्थान ! सुप्रीम कोर्ट ने 57 साल पुराना फैसला रद्द किया।

सुप्रीम कोर्ट ने साल 1967 के अजीज बाशा के फैसले 4:3 के बहुमत को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। हालांकि इस मामले पर आखिरी फैसला सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच करेगी।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक अल्पसंख्यक संस्थान ! सुप्रीम कोर्ट ने 57 साल पुराना फैसला रद्द किया।
 देश के सबसे नामी और पुराने विश्वविद्यालयों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 57 साल पुराना फैसला रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने  फैसला सुनाते हुए कहा है कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है। सीजेआई चंद्रचूड़  की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया है। हालांकि इस फैसले के बाद अभी सारी चीजें क्लियर नहीं हुई है इस यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे को लेकर अभी भी विवाद बना हुआ है। आगे का अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच पर छोड़ दिया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी फैसले में क्या कहा 


सुप्रीम कोर्ट ने साल 1967 के अजीज बाशा के फैसले 4:3 के बहुमत को रद्द कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि साल 1965 में ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जे देने को लेकर विवाद शुरू हुआ था। उस दौरान केंद्र सरकार ने एएमयू एक्ट में संशोधन कर स्वायत्तता को खत्म कर दिया था। फिर साल 1967 में अजीज बाशा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उसे दौरान 5 जजों की बेंच ने यह फैसला सुनाया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। हालांकि इनमें एएमयू पार्टी नहीं थी। साल 1972 में इंदिरा गांधी की सरकार ने यह माना कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। इसके बाद फिर विरोध शुरू हो गया। साल 1981 में इंदिरा गांधी सरकार ने इस एक्ट में संशोधन किया और बताया कि यह संस्थान मुसलमानों द्वारा स्थापित किया गया है। उस दौरान सरकार द्वारा लिए गए फैसले के बाद इसे अल्पसंख्यक संस्थान मान लिया गया था।
लेकिन 2006 में एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में एमडी,एमएस की 50% सीटों को मुस्लिमों को आरक्षित करने को लेकर मामला हाई कोर्ट पहुंच गया था। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। जिसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एएमयू सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। 

एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान है कि नहीं 3 जजों की बेंच लेगी आखिरी फैसला 


सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अब 3 जजों की बेंच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक विवाद में आखिरी फैसला लेगी। इस फैसले के बाद यह तय हो जाएगा कि इस यूनिवर्सिटी का क्या दर्जा होगा। बता दें कि संविधान 30 के तहत किसी भी धार्मिक या भाषायी अल्पसंख्यकों को शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उनके प्रशासन का अधिकार है। 
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