CM की कुर्सी के लिए छिड़ी जंग के बीच शंकराचार्य ने बताया किसे बनाना चाहिए Maharashtra का CM ?
Maharashtra: नतीजों के एक हफ्ते गुजर जाने के बावजूद Modi अभी यही तय नहीं कर पा रहे हैं कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा तो वहीं इसी बीच BJP के धुर विरोधी माने जाने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस समस्या का ऐसा तोड़ निकाला है जिससे मोदी भी खुश हो जाएंगे !
महाराष्ट्र में चुनाव हो गये। जनता ने मोदी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत भी दे दिया। लेकिन इसके बावजूद मोदी महाराष्ट्र की जनता को मुख्यमंत्री नहीं दे पाए। 23 नवंबर को महाराष्ट्र के साथ झारखंड के नतीजे भी आए जहां हेमंत सोरेन ने 29 नवंबर को सीएम पद की शपथ भी ले ली। लेकिन नतीजों के एक हफ्ते गुजर जाने के बावजूद मोदी अभी यही तय नहीं कर पा रहे हैं कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा। तो वहीं इसी बीच बीजेपी के धुर विरोधी माने जाने वाले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस समस्या का ऐसा तोड़ निकाला है जिससे मोदी भी खुश हो जाएंगे।
दरअसल ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती एक ऐसे शंकराचार्य हैं। जिन्हें मोदी विरोधी बताया जाता रहा है। यहां तक कि खुद शंकराचार्य साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया था। लेकिन इसके बावजूद समय समय पर शंकराचार्य पीएम मोदी की तारीफ भी करते रहते हैं। यहां तक कि उन्हें अपना आशीर्वाद भी दे चुके हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद जब बीजेपी नीत महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर किचकिच मची हुई है। तो वहीं इसी बीच शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सीधे सपाट शब्दों में बता दिया है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री किसे होना चाहिए।
जिस काशी से पीएम मोदी सांसद हैं। उसी काशी में रहने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने एक बयान में कहा कि वो चाहते हैं कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ही बनाना चाहिए। क्योंकि उन्हीं के मुख्यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र में गाय को राजमाता का दर्जा दिया गया था। इसीलिये शंकराचार्य चाहते हैं कि शिंदे को ही सीएम की कुर्सी सौंपी जानी चाहिए।
महाराष्ट्र के सीएम पद के लिए शिंदे की वकालत शंकराचार्य से जब पूछा गया कि ज्यादा सीटों की वजह से देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया जा सकता है तो। इस सवाल पर अविमुक्तेश्वरानंद ने जवाब दिया कि हमने तो महायुति को जीतने का आशिर्वाद दिया था। ऐसे में अगर फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं तो हमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन शिंदे को सीएम बनाते हैं तो अच्छा रहेगा।
शिंदे के समर्थन में शंकराचार्य इसलिये हैं क्योंकि उन्हीं के सीएम रहते गाय को महाराष्ट्र में राज माता का दर्जा दिया गया था। और शंकराचार्य गाय के लिए ही लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन फडणवीस को भी अगर मोदी सीएम की कुर्सी सौंपते हैं तो इसमें भी शंकराचार्य को कोई समस्या नहीं है। क्योंकि सरकार तो महायुति की ही रहेगी। वैसे आपको बता दें शिंदे ने खुद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ कर दिया है कि। "दिल्ली में पीएम मोदी और अमित शाह सीएम को लेकर जो फैसला लेंगे वो हमें स्वीकार है, हमें किसी भी तरह की कोई नाराजगी नहीं है, राज्य के विकास के काम में साथ देने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया"
शिंदे ने तो अपनी तरफ से साफ कर दिया कि उन्हें पीएम मोदी का हर फैसला मंजूर होगा। लेकिन अंदरखाने में चर्चा ये भी है कि सीएम पर फंसे पेंच की वजह से नाराज शिंदे अपने गांव चले गये हैं। तो वहीं दूसरी तरफ फडणवीस को सीएम बनाने की चर्चा चल रही है ।लेकिन जिस तरह से "सीएम बनने के लिए फडणवीस ने साल 2019 में अजीत पवार का समर्थन लेकर भोर में ही जाकर शपथ ले ली और 5 दिन के बाद ही इस्तीफा देना पड़ा गया और फिर इसके बाद मुख्यमंत्री होने के बावजूद साल 2022 में डिप्टी सीएम जैसे पद पर अपना डिमोशन स्वीकार कर लिया "
तो क्या ऐसे नेता को दोबारा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। या फिर जिस शिंदे की वजह से बीजेपी साल 2022 में महाराष्ट्र की सत्ता में आई। उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहिए। या कोई और नया चेहरा लाना चाहिए।