Dior बैग पर ट्रोलिंग के बीच जया किशोरी ने दी सफाई, कहा- "मैं साधु नहीं, एक सामान्य लड़की हूं"
प्रसिद्ध कथा वाचक जया किशोरी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें महंगे Dior ब्रांड के बैग के साथ देखा गया। कुछ लोगों ने दावा किया कि यह बैग जानवर के चमड़े से बना है और इसकी कीमत लाखों में है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा।
कथा वाचिका और प्रसिद्ध धार्मिक वक्ता जया किशोरी का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है। इस वीडियो में उन्हें एक महंगे Dior ब्रांड के बैग के साथ देखा गया, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसकी कीमत लाखों में है और वह जानवर के चमड़े से बना हुआ है। इस दावे के बाद से सोशल मीडिया पर लोग उन्हें आलोचना का शिकार बना रहे हैं और इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे धर्म और सनातनी मूल्यों से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ जया किशोरी के जीवनशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
जया किशोरी ने इस मामले में अपने विचारों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनके बैग में कहीं भी लेदर का इस्तेमाल नहीं हुआ है और यह कस्टमाइज्ड बैग है। आइए जानते हैं कि आखिर इस पूरे विवाद में उन्होंने क्या-क्या कहा और उनकी ओर से क्या सफाई दी गई।
वायरल हुआ Dior बैग का वीडियो: क्या है मामला?
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जया किशोरी Dior ब्रांड के एक स्टाइलिश बैग के साथ नजर आईं। इस बैग को लेकर कुछ लोगों ने दावा किया कि इसकी कीमत लाखों में है और यह जानवर के चमड़े से बना है। जैसे ही यह वीडियो सामने आया, वैसे ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने उनके इस बैग को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां शुरू कर दीं। कई लोगों ने उनके जीवनशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया और कहा कि एक धार्मिक वक्ता होने के नाते उन्हें ऐसी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
जया किशोरी का जवाब
इन ट्रोल्स और आरोपों के बीच जया किशोरी ने स्पष्ट रूप से अपना पक्ष रखते हुए वीडियो में कहा, “मैं एक साधारण लड़की हूं, कोई साधु-संत नहीं हूं।” जया किशोरी ने यह भी कहा कि वह हमेशा से स्पष्ट रही हैं कि वह त्याग का जीवन नहीं जीती हैं, बल्कि साधारण जीवन में ही संतोष महसूस करती हैं। वह अपने श्रोताओं और खासतौर पर युवाओं को हमेशा यह कहती हैं कि मेहनत करें, पैसा कमाएं और अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी को नहीं कहा कि पैसा कमाना गलत है या इसे त्याग दें। मैं तो यही कहती हूं कि मेहनत करें और खुद को एक अच्छी जिंदगी दें।” जया किशोरी ने स्पष्ट किया कि उनका Dior बैग पूरी तरह कस्टमाइज्ड है और इसमें लेदर का कोई उपयोग नहीं हुआ है। कस्टमाइज्ड का मतलब है कि बैग को उनकी मर्जी के अनुसार तैयार किया गया है। उन्होंने कहा, “यह बैग हमने अपनी पसंद के हिसाब से बनवाया है और कंपनी के बारे में हम गारंटी नहीं ले सकते, लेकिन इस बैग में कहीं भी लेदर का इस्तेमाल नहीं है।” उन्होंने यह भी बताया कि बैग पर उनका नाम लिखा है, जो इस बात का प्रतीक है कि यह कस्टमाइज्ड है।
#WATCH कोलकाता: कथा वाचक जया किशोरी ने कहा, "वह बैग कस्टमाइज्ड बैग है और उसमें कहीं भी लेदर नहीं है... कस्टमाइज्ड का मतलब होता है कि आप इसे अपनी मर्जी से बनवा सकते हैं। इसलिए इस पर मेरा नाम भी लिखा है। मैंने कभी लेदर इस्तेमाल नहीं किया और ना ही कभी करूंगी। जो लोग मेरी कथा में आए… pic.twitter.com/zUgiiepNBK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 29, 2024
धार्मिक संतों और आध्यात्मिक व्यक्तियों को आमतौर पर त्याग और संयम का प्रतीक माना जाता है। यह अपेक्षा की जाती है कि वे एक साधारण जीवन जिएं और किसी भी तरह के भौतिक सुखों से दूर रहें। लेकिन, समय के साथ समाज के इस दृष्टिकोण में भी बदलाव आ रहा है। जया किशोरी जैसे युवा वक्ता, जो धर्म और अध्यात्म को युवाओं के बीच प्रसारित करते हैं, इस धारणा को थोड़ा बदल रहे हैं।
जया किशोरी का कहना है कि एक व्यक्ति को अध्यात्म का प्रचार करते हुए भी सामान्य जीवन जीने का अधिकार है। उनका मानना है कि आज के समाज में हमें सभी का सम्मान करना चाहिए और एक धार्मिक वक्ता के रूप में भी वे सामान्य जीवन शैली अपना सकती हैं। उनके अनुसार, अध्यात्म का मतलब यह नहीं कि इंसान अपने जीवन की इच्छाओं को दबा दे।