Narendra Modi के सबसे बड़े विश्वासघाती निकले Amit Malviya, BJP आईटी सेल का अब टूटेगा घमंड
बीजेपी के पक्ष में हवा बनाने वालों को मालवीय से गंभीर शिकायत
किसी भी राजनीतिक दल के लिए वक़्त देने वाले सबसे अहम होते हैं। अपना संसाधन लगाकर पार्टी के लिए काम करने वाले सबसे ज़रूरी होते हैं। लेकिन अमित मालवीय की नज़रों में ये सब बिल्कुल उल्टा है। जिसने पार्टी के लिए काम किया, समय दिया, रणनीति के मुताबिक़ सारे फ़ैसलों को माना। मालवीय ने उन सबको एक झटके में ख़ारिज कर दिया। वैसे भी कहते हैं कि घमंड का ग़ुब्बारा, ज़्यादा दिनों तक आसमान में नहीं टिकता है। ठीक यही हुआ है, अमित मालवीय के साथ। और ये बात सिर्फ़ बीजेपी के लिए काम करने वाले लोग ही नहीं जानते। ये जानने वाले ये भी जानते हैं कि बात अब बहुत दूर तक चली गई है।
इसे एक उदाहरण के साथ समझिए। कोई आपके साथ रहता है। दिन रात आपके लिए काम करता है। हर घंटे आपकी बेहतरी के लिए सोचता है। और जब वक़्त आए, उसके बारे में सोचने की तो आप उससे मुँह मोड़ लें। ये गलती नहीं तो क्या है। ठीक यही काम अमित मालवीय करता है। और तो और अपने तो उनकी सारी कहानी जानते ही हैं। विरोधियों को भी पता है कि मालवीय की पॉलिटिक्स क्या है।
ऐसी बातें मालवीय के विरोधी भी कहते हैं, खुलकर कहते हैं। डंके की चोट पर कहते हैं। सवाल ये कि, अमित मालवीय को लेकर आख़िर वो ऐसी बातें क्यों कहते हैं। तो इसका जवाब वही है, अमित मालवीय का घमंड। शायद इस लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद मालवीय का भी ऐसा ही हाल है। और इसका ख़ामियाज़ा बीजेपी ही भुगत रही है। आप पूछेंगे कैसे तो इसे ऐसे समझिए।
- मालवीय के झूठ से बीजेपी को झटका लगा है !
- मालवीय बीजेपी के वोटरों को गुमराह करता है !
- अमित मालवीय बीजेपी के लिए लायबिलिटि है !
वसीम बरेलवी का एक शेर भी है। ‘आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है। भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है।’बस इतनी सी बात में अमित मालवीय की पूरी कहानी छिपी है। कहते हैं कि अपनों के साथ भी उनका झूठा कारोबार और काले अख़बार का व्यापार अब बहुत बड़ा हो गया है।
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक़ जीत नहीं मिली है। नारा तो था चार सौ पार का, लेकिन कहानी बीच में ही रूक गई। अब कहा जा रहा है कि ये सब अमित मालवीय की गलत रणनीति की वजह से हुआ है। चुकि मालवीय के हाथों में आईटी सेल की ज़िम्मेदारी है। और आज की तारीख़ में चुनावों में सोशल मीडिया की भूमिका सबसे अलग होती है। ऐसे में उनकी ग़लत और दिशाहिन रणनीति ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। ये बात यूँ ही नहीं कही जा रही है। अब टीएमसी के एक प्रवक्ता के ट्वीट को देखिए। जिसमें साफ़ साफ़ लिखा है कि अमित मालवीय की विदाई बीजेपी आईटी सेल हेड के पद से तय है। ट्वीट में लिखा है कि बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय को बीजेपी जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा सकती है। टीएमसी प्रवक्ता रीजू दत्ता ने लिखा है कि अमित मालवीय ने बीजेपी को पूरे देश में एक तरह से फँसा दिया है। रीजू दत्ता ने बीजेपी के ऐसे फ़ैसले को स्वाग्तयोग्य बताया है।
पता नहीं, टीएमसी प्रवक्ता के पास ये ख़बर कहां से आई। लेकिन ये तो सच है कि अमित मालवीय ने बीजेपी की भलाई से ज्यादा बीजेपी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। अब जरा पीछे चलिए, अमित मालवीय के ख़िलाफ़ विरोधियों ने भी बड़ी लंबी लिस्ट तैयार की है। एक सच तो ये भी है कि अमित मालवीय से बीजेपी का एक बड़ा वर्ग भी नाराज़ है। ख़ासकर छोटे शहरों और ग्रामीण भारत में बीजेपी के लिए दिन रात काम करने वाले कार्यकर्ता।
मालवीय से बीजेपी कार्यकर्ता नाराज़ क्यों ?
- मालवीय के झूठ का बचाव कार्यकर्ताओं को करना पड़ता है
- ज़मीनी हालात से अलग मालवीय सोशल मीडिया पर लिखते हैं
- कांग्रेस पर किए गए कई ट्वीट का उलटा असर हुआ है
- कई चुनाव से पहले मालवीय ने ग़लत सूचनाएँ फैलाई
वक़्त रहते ही अगर अमित मालवीय ने सब कुछ ठीक नहीं किया तो ये सब ख़ुद के लिए ही उल्टा पड़ा जाएगा। ख़ुद के लिए महँगा पड़ेगा। और पार्टी को जो नुक़सान होगा। वो तो अलग है ही। कहते हैं कि राजनीति में अपनों का साथ सबसे अहम होता है। अगर अपनों का साथ नहीं हुआ तो नुक़सान होना तय है। ये बातें अमित मालवीय को जितनी जल्दी समझ आ जाए उतना ही अच्छा है।