एक हादसे ने बदल दिया विदेशी हेनरिक्स का धर्म, ईसाई धर्म छोड़ सनातन धर्म में की वापसी | Varanasi
महादेव की काशी में दिखी सनातन धर्म की ताकत
सनातन धर्म में वापसी कराने के साथ ही हेनरिक्स से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक भी करवाया गया। तो वहीं मौके पर मौजूद जितेंद्रानंद सरस्वती ने उनकी घरवापसी पर बताया…
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, महामंत्री, अखिल भारतीय संत समिति हेनरिक्स ने सनातन धर्म की दीक्षा लेने से पहले भारतीय वस्त्र धारण किये और अनुष्ठान में बैठे और इस दौरान सनातन की पूरी प्रक्रिया का पालन किया। सनातन में वापसी के बाद हेनरिक्स का नाम केशव हो गया है और उनका गोत्र कश्यप रखा गया है। सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने रुद्राभिषेक भी किया।
पूरे विधि विधान के साथ सनातन धर्म अपनाने वाले हेनरिक्स ने बताया कि साल 2021 में दरअसल लिथुआनिया में उनका एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें वो बुरी तरह से घायल हो गये थे। हालात ये हो गये थे कि उन्हें करीब छ महीने तक अस्पताल में ही गुजारना पड़ा था। इसी दौरान उनके सपने में भगवान श्रीकृष्ण आये, जिनसे प्रभावित होकर हेनरिक्स गीता का पाठ करने लगे। अध्यात्म से उनका ऐसा जुड़ाव हुआ कि काशी आकर सनातन धर्म में वापसी कर ली।
मेरा नाम हेनरिक्स है और मैंने अपनी इच्छा से सनातन धर्म में वापसी की है क्योंकि ये मेरी खुशी थी। मैं सनातन धर्म और गीता के बारे में और भी ज्यादा जानना चाहता हूं। 2021 में मदर्स डे के दिन पुल से गिरकर मैं घायल हो गया था, मुझे दिमागी चोट लगी थी जिसकी वजह से 6 महीने तक अस्पताल में रहा। मेरे लिये ये बहुत ही संघर्ष भरा दिन था। भगवान श्रीकृष्ण को मैं धन्यवाद देता हूं जिनसे मैं जुड़ा और मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होने की ताकत मिली, हरे कृष्णा हरे रामा।
लिथुआनिया के रहने वाले हेनरिक्स ने अपना ईसाई धर्म भी छोड़ दिया और नाम भी छोड़ दिया। अब से उनका नाम केशव है। अखिल भारतीय संत समिति की ओर से जिसका प्रमाण पत्र भी उन्हें दिया गया। आपको बता दें ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी विदेशी की सनातन धर्म में वापसी हुई हो। इससे पहले अमेरिकन न्यूजिशियन जैरी गार्सिया ने भी जिंदगी भर सनातन धर्म का पालन किया था और निधन के बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन भी ऋषिकेश में गंगा में प्रवाहित किया गया था।