पड़ोसी दुश्मन चीन-पाक में दहशत का माहौल ! भारत के पास आ रहा सबसे खतरनाक हथियार ! जानें खासियत ?
पड़ोसी मुल्क चीन-पाकिस्तान की अब खैर नहीं है। क्योंकि भारत अपने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा इजाफा करने जा रहा है। बता दें कि भारत के मंत्रमंडलीय रक्षा समिति ने 80,000 करोड़ रुपए की डील की मंजूरी दे दी है। यह डील अमेरिका के साथ हुई है।
दुश्मन पड़ोसी मुल्क चीन-पाक की हालात खराब है। क्योंकि भारत दिन ब दिन अपने रक्षा क्षेत्र में ताकतवर बन रहा है। दुश्मनों की आंखों में आंखे डालकर बात कर रहा है। दोनों देश के कई साजिशों को नाकाम कर रहा है। ऐसे में भारत की रक्षा के लिए अब एक और खतरनाक हथियार आ चुका है। यह इतना खतरनाक है कि सेना की मदद के साथ हमला करने में भी मास्टर है। भारत के सुरक्षा मामलों ने अमेरिका से 80,000 करोड़ रुपए के हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है। इससे रक्षा बलों की ताकत में काफी बड़ा इजाफा होगा। इन हथियारों का इस्तेमाल थल सेना और जल सेना में होगा।
भारतीय सेना की बढ़ी ताकत 80,000 करोड़ रूपए हथियारों की डील मंजूर
आपको बता दें कि बुधवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रमंडलीय समिति ने अमेरिका के साथ 80,000 करोड़ रुपए के हथियारों की डील मंजूर कर दी है। इस डील में 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदे जाएंगे। इनमें भारतीय नौ सेना के लिए 15 और भारतीय सेना के साथ वायु सेना के 8-8 यूनिट दिए जाएंगे। इन हथियारों से भारत अपने नौसैनिक शस्त्रागार को मजबूत करेगा। पनडुब्बियों का निर्माण स्वदेश में इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल यह डील काफी दिनों से लटकी हुई थी। लेकिन भारतीय नौसेना काफी दिनों से इस डील के लिए जोर कर रही थी। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट द्वारा मंजूर यह दूसरी सबसे बड़ी डील है।
आखिर क्या है प्रीडेटर ड्रोन ?
भारतीय सेना में शामिल होने वाला प्रीडेटर ड्रोन एक हथियार है। जो सशस्त्र,बहु-मिशन, मध्यम ऊंचाई वाला,दीर्घ-स्थायी रिमोट से संचालित वाला ड्रोन है। बता दें कि इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खुफिया जानकारी एकत्र करने,जमीनी सैनिकों को बेस रक्षा की सहायता देने के साथ युद्ध की सामग्री क्षमता को पहुंचाने के लिए किया जाता है।
क्या है प्रीडेटर ड्रोन की खासियत ?
भारतीय सेना में शामिल होने वाले प्रीडेटर ड्रोन में कई खासियत है। इनमें लोइटर समय, वाइड-रेंज सेंसर,मल्टी-मोड संचार सूट और सटीक हथियारों को देखते हुए। उच्च-मूल्य, कम समय और समय-संवेदनशील लक्ष्यों के विरुद्ध हमला करने में सबसे खतरनाक है। वहीं समन्वय और टोही करने की एक अनूठी क्षमता भी प्रदान करता है। इस प्रीडेटर ड्रोन से कई बड़े मिशन में इस्तेमाल हो सकता है। जैसे खुफिया जानकारी,काफिला, किसी छापे की निगरानी,मार्ग की निगरानी,टोही, नजदीकी हवाई सहायता,लड़ाकू खोज और बचाव, सटीक हमला,बड़ी-लेस जैसी चीजे शामिल है। इस तरह के मिशन में इसकी क्षमता काफी कारगर है। यह एक रीमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट का हिस्सा है। इसमें कुछ और भी खासियतें हैं। जैसे कि 4 सेंसर/हथियार से लैस एयरक्राफ्ट,ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन,प्रीडेटर प्राइमरी सैटेलाइट लिंक और कई खूबियां हैं। यह 24 घंटे के मिशन के रखरखाव और संचालन भी शामिल है।
इस हथियार को कहीं भी ले जाया जा सकता है
बता दें कि प्रीडेटर ड्रोन विमान दुनिया भर में कहीं भी रिमोट से संचालित होगा। इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है। इसे कभी भी अलग किया जा सकता है और कंटेनर में लोड किया जा सकता है। वहीं ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम और पीपीएसएल को सी-130 हरक्यूलिस फ्लाइट गाड़ी में लाया जा सकता है। ये 5000 गुना 75 फुट हार्ड-सरफेस रनवे पर ग्राउंड डेटा टर्मिनल एंटीना के लिए स्पष्ट लाइफ-ऑफ-विजन के साथ काम किया जा सकता है। यह टेकऑफ और लैंडिंग के लिए लाइफ-ऑफ- विजन कम्युनिकेशन भी प्रदान करता है। वहीं पीपीएसएल विमान और सेंसर के लिए ओवर द हाॅरिजन कम्युनिकेशन प्रदान करता है।
भारत की इस बड़ी डील पर कई और देशों की नज़रे थी। ऐसे में चीन-पाकिस्तान के साथ बाकी जो देश भारत को आंख दिखाते हैं। वह भी इस सौदे से हैरान और डरे हुए नजर आ रहे हैं।