Abdullah के CM बनते ही Smriti Irani ने याद दिलाई Shyama Prasad Mukharjee की वो बात !
आजादी के बाद तेरह मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली, और सभी ने भारत के संविधान नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के संविधान के नाम पर शपथ ली। लेकिन साल 2024 में जब विधानसभा चुनाव हुए और नेशनल कॉन्फ्रेंस जीतकर सत्ता में आई, तो उमर अब्दुल्ला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, और इस बार जम्मू-कश्मीर के संविधान की नहीं, बल्कि हिंदुस्तान के संविधान की शपथ ली।
मोदी के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में यही सबसे बड़ा बदलाव आया है। अब देश के संविधान के नाम पर ही जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री भी शपथ लेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह है देश की सत्ता में बैठी मोदी सरकार, क्योंकि इसी मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का साहस दिखाया। अब जम्मू-कश्मीर में भी "एक देश, एक प्रधान और एक संविधान" चलता है। यानि अब जम्मू-कश्मीर का कोई भी नेता देश के संविधान की शपथ लेकर ही मुख्यमंत्री बनेगा। यही है मोदी सरकार की ताकत, जिसके सामने उमर अब्दुल्ला को भी झुकना पड़ा। यही वजह है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अब्दुल्ला की शपथ वाली वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा… "एक देश, एक विधान, एक प्रधान"।
तो वहीं पत्रकार दिलीप मंडल ने भी उमर अब्दुल्ला के शपथ पर लिखा…"बधाई... एक देश, एक संविधान। जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री राज्य के संविधान की शपथ लेता था, आज उसने भारत के संविधान की शपथ ली है। कांग्रेस ने अनुच्छेद 370 को स्थायी बना दिया था, लेकिन मोदी की जिद ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और संविधान निर्माताओं के सपने को साकार कर दिया।" GFX OUT
बीजेपी नेता अशोक सैनी ने भी अब्दुल्ला के शपथ पर लिखा, "कश्मीर के मुख्यमंत्री के 2009 और 2024 के शपथ ग्रहण के बीच का अंतर ध्यान से सुनिए और तय करिए कि देश जीता है या हारा है। यह केंद्र की बीजेपी सरकार के सत्ता में होने का प्रभाव ही है कि भारत में 'एक देश, एक प्रधान, एक निशान, एक संविधान' का श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना साकार हुआ है।"
जो लोग पूछते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद क्या बदलाव आया है, अब्दुल्ला का शपथ ग्रहण इसी सवाल का करारा जवाब है। यह काम पहले भी हो सकता था, लेकिन पहले की कांग्रेस सरकारों ने चुनावी वोट बैंक की वजह से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 नहीं हटाया। जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान और अलग झंडा था। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में भी सिर्फ तिरंगा लहराता है और देश का संविधान चलता है।