अयोध्या की रामलीला: 41 करोड़ दर्शकों ने लुटाया प्यार, ऑनलाइन रिकॉर्ड टूटा
अयोध्या की फिल्मी रामलीला ने 2024 में नया रिकॉर्ड बनाया है। 41 करोड़ लोगों ने इसे ऑनलाइन देखा, जो पिछले साल के 40 करोड़ दर्शकों का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। यह रामलीला 26 भाषाओं में दुनिया के 40 से अधिक देशों में प्रसारित हो रही है, और इसमें प्रमुख फिल्मी कलाकार जैसे बिंदु दारा सिंह, मनीष पाल, और मालिनी अवस्थी शामिल हैं। रामलीला का प्रसारण दूरदर्शन और यूट्यूब पर हो रहा है, जिससे इसे वैश्विक स्तर पर भारी लोकप्रियता मिली है।
अयोध्या में आयोजित रामलीला ने इस साल नया कीर्तिमान स्थापित किया है। फिल्मी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत यह रामलीला, जो 2020 में शुरू हुई थी, अब दुनिया के 40 देशों में प्रसारित हो रही है। 41 करोड़ दर्शकों ने सिर्फ तीन दिनों में इसे ऑनलाइन देखा, जिसके साथ ही पिछले साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है। इस वर्ष रामलीला का लाइव प्रसारण 26 भाषाओं में हो रहा है, जिसे दूरदर्शन, यूट्यूब और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म पर देखा जा सकता है। प्रमुख कलाकारों में बिंदु दारा सिंह, मनीष पाल और मालिनी अवस्थी शामिल हैं।
रामलीला का वैश्विक आकर्षण इस बात से देखा जा सकता है कि यह अमेरिका, रूस, थाईलैंड, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देशों में भी देखी जा रही है। फिल्मी रामलीला समिति के अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि यह आयोजन अब हर साल लाखों लोगों के दिलों में जगह बना चुका है।
फिल्मी कलाकारों की अदाकारी
रामलीला में बिंदु दारा सिंह श्रीराम की भूमिका में हैं, जबकि मनीष पाल और रवि किशन जैसे कलाकार भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं। अभिनेत्री भाग्य श्री, शीबा, और ऋतु शिवपुरी ने भी इस मंचन में अपने अदाकारी से इसे और भी खास बना दिया है। इसके अलावा, पद्मश्री मालिनी अवस्थी शबरी की भूमिका निभाते हुए विशेष आकर्षण बनी हुई हैं।
इस आयोजन की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूट्यूब और दूरदर्शन जैसे प्लेटफार्म पर इसे करोड़ों लोगों ने देखा। तीन दिनों के भीतर 41 करोड़ दर्शकों द्वारा इसे देखे जाने का रिकॉर्ड बना है, और उम्मीद है कि यह आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर सकता है।
रामलीला का डिजिटल युग में प्रसार
2020 में शुरू हुई यह रामलीला अब वैश्विक मंच पर छा चुकी है। हर साल ऑनलाइन दर्शकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसका डिजिटल प्रसारण भारत के अलावा अन्य 40 देशों में भी हो रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि आधुनिक युग में भी भारतीय संस्कृति और परंपराओं का महत्व कम नहीं हुआ है।
अयोध्या की फिल्मी रामलीला ने इस साल एक नया मुकाम हासिल किया है। 41 करोड़ दर्शकों ने इसे ऑनलाइन देखा, जिससे यह भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजनों में से एक बन गई है। डिजिटल युग में इस तरह के आयोजनों का प्रसारण न केवल भारतीय संस्कृति को जीवित रखने का काम कर रहा है, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर भी पहुंचा रहा है।