पश्चिम बंगाल में एक दिन जरूर लागू होगी आयुष्मान भारत योजना : रूपा गांगुली
भाजपा नेता और पूर्व अभिनेत्री रूपा गांगुली ने गुरुवार को कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना, आयुष्मान भारत पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने विशेष रूप से इस योजना के पश्चिम बंगाल में लागू न होने पर खेद व्यक्त किया और कहा कि "एक दिन जरूर वह दिन आएगा जब पश्चिम बंगाल में भी आयुष्मान योजना लागू होगी।"
आयुष्मान भारत योजना, जिसे प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के नाम से भी जाना जाता है, केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका उद्देश्य भारत के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिकों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त चिकित्सा कवरेज प्रदान करना है। यह योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है, लेकिन कुछ राज्यों में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है, जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है।
रूपा गांगुली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन का जिक्र करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने एक स्वास्थ्य कार्यक्रम में यह कहा था कि आयुष्मान योजना सभी वर्गों के लिए बनाई गई है। दुर्भाग्यवश, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों ने इसे लागू नहीं किया है।" गांगुली का कहना है कि आयुष्मान योजना का लाभ उन सभी लोगों तक पहुंचना चाहिए जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जिन्हें उच्च चिकित्सा खर्च का सामना करना पड़ता है।
राजनीतिक तनाव के कारण हो रही योजना की अनदेखी
गांगुली के बयान से साफ झलकता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच के राजनीतिक तनाव ने इस योजना को प्रभावित किया है। भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि "केंद्र सरकार की कोई भी परियोजना, जिसमें जनहित का ध्यान रखा गया है, राज्य सरकार द्वारा लागू नहीं की जाती है, और इसी वजह से जरूरतमंदों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पाता है।"
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एक दिन स्थितियां जरूर सुधरेंगी और पश्चिम बंगाल में भी आयुष्मान योजना को लागू किया जाएगा। रूपा गांगुली के इस बयान ने स्थानीय जनता में इस मुद्दे पर चर्चा को और भी तेज कर दिया है, और लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही वे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर भी रूपा गांगुली ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हैं, वे देश के केंद्रीय मंत्री के तौर पर आए थे।"
उनके अनुसार, 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की अवधारणा पर चर्चा होनी चाहिए। "लगातार चल रहे चुनाव के चलते सरकारी योजनाओं और सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में रुकावटें आती हैं।" रूपा गांगुली का मानना है कि यदि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का नियम लागू होता है, तो देश के विकास में अधिक गति लाई जा सकती है और जनता को भी विभिन्न सुविधाओं का लाभ सीधे और बिना रुकावटों के मिल सकेगा।
इस बीच रूपा गांगुली ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों द्वारा किए गए मशाल रैली के समर्थन में अपनी आवाज उठाई। उन्होंने इसे "जायज" आंदोलन करार दिया और डॉक्टरों के मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि जूनियर डॉक्टरों को अपनी शिकायतें केवल सीबीआई ही नहीं, बल्कि सीधे मुख्यमंत्री के पास भी लेकर जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि "एक डॉक्टर को पीटा गया, यह न केवल निंदनीय है, बल्कि इसके पीछे के दोषियों को बेनकाब करना भी आवश्यक है।"
गांगुली ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को सनग्लास और मास्क पहनकर सीबीआई ऑफिस जाना चाहिए ताकि वे मुख्य दोषियों की पहचान कर सकें। "हमें त्वरित न्याय चाहिए," उन्होंने जोर देते हुए कहा। इस बयान के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जनता में जागरूकता और अधिकारियों से न्याय की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं।
रूपा गांगुली के बयानों से यह साफ है कि वे आयुष्मान योजना जैसे राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को सभी नागरिकों तक पहुंचाने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि इन योजनाओं से हर वर्ग को लाभ मिल सकता है, परंतु राजनीतिक असहमति के कारण जनता वंचित रह रही है।