बेटे के राज में 'बीफ', पिता के राज में 'क्रॉस', हिंदु आस्था के साथ सिर्फ खिलवाड़ करती आई है ये पार्टी! जानिए क्या है मामला
बेटे यानी की जगन मोहन रेड्डी की सरकार में तिरूपति की रसोई में बीफ की घुसपैठ हो जाती है। दूसरी तरफ कांग्रेसी पिता के राज में मंदिर में क्रॉस वाले स्तंभ पर विवाद हो जाता है। हालांकि दोनों ही वक्त खुद को बचाने की कोशिश की गई है। क्या है पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट में
आंध्र प्रदेश के Tirupati Mandir में प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल पाए जाने का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। ये थमने का नाम भी नहीं ले रहा है। हिंदुओं के धार्मिक भावना के आहत करने वाली इस खबर से बवाल मचा हुआ है। इसी बीच ये मामले राजनीतिक रूप भी ले चुका है। आस्था को चोट पहुंचाने वाली मिलावट के आरोप पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी के राज में लग रहें है। जिसके बाद से ही जगन मोहन रेड्डी और उनके राज में तिरुपति मंदिर का प्रशासन करने वाले देवस्थानम बोर्ड से जुड़े लोग सवालों के कटघरे में खड़े है।
हालांकि इन सब के बीच पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने सभी रिपोर्ट को खारिज किया और अपने बचाव में बयान देते हुए कहा कि लड्डुओं के घी के लिए टेंडर प्रक्रिया हर छह महीने में होती है, और मानदंड कई दशकों से नहीं बदले हैं। टेंडर डालने वालों को NBL प्रमाणपत्र और गुणवत्ता का प्रमाणपत्र देना होता है। TTD घी से नमूने लेकर प्रमाणित होने वालों को ही टेंडर देता है। TDP धार्मिक मामले का राजनीतिकरण कर रही है। हमने अपने शासनकाल में 18 बार कई चीजों को अस्वीकार किया था।”
अब जगन मोहन रेड्डी कुछ भी कहे लेकिन लोगों का उबाल देखकर लग रहा है। कि ये मामला शांत इतनी आसानी से तो नहीं होगा। क्योंकि ये पहला मामला नहीं है जब हिंदू आहत हुए है। 2007 का एक मामला एक बार फिर सभी के याद आने लगा है जब YSR ने मंदिर में क्रॉस वाले स्तंभ का ऑर्डर दिया था। दरअसल 2007 में भाजपा और कई हिंदु संगठन ने आरोप लगाया था कि TTD ने मंदिर के एक कार्यक्रम के लिए जिन स्तंभ का ऑर्डर दिया था वो क्रिसचन के holy sign cross जैसा दिखता है। बता दे कि वार्षक महोत्सव के लिए 250 स्तंभ का ऑर्डर बेंगलुरू की एक कंपनी को दिया था। प्लास्टर ऑफ पेरिस से इसे निर्माण किया जाना था। जब स्तंभ का एक सैंपल तिरुपति पहुंचा तो इसे देख भयंकर विवाद बरपा स्तंभ को कथित तौर पर क्रॉस जैसे दिखने की वजह से तोड़ दिया था। हालांकि TTD or YSR की सरकार के अधिकारियों ने इस डिजाईन का बचाव किया था। अधिकारियों का कहना था कि ये स्तंभ राम मंदिर के डिजाईन से मिलता जुलता बनाया गया है। पर लोग ये बात माने को तैयार नहीं थे। लोगों का कहना था कि YSR ईसाई है इसलिए स्तंभ का डिजाइन ऐसा बनाया गया है। और इस वजह से YSR को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।
तो कुल मिला कर देखे तो दोनों ही मामले काफी चिंताजनक है। बेटे यानी की जगन मोहन रेड्डी की सरकार में तिरूपति की रसोई में बीफ की घुसपैठ हो जाती है। दूसरी तरफ कांग्रेसी पिता के राज में मंदिर में क्रॉस वाले स्तंभ पर विवाद हो जाता है। हालांकि दोनों ही वक्त खुद को बचाने की कोशिश की गई है।