CJI बनने से पहले Justice Sanjiv Khanna ने उठाया बड़ा कदम, Morning Walk पर जाना छोड़ा !
दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना रोज सुबह दिल्ली के मशहूर लोधी गार्डन में मॉर्निंग वॉक पर जाते हैं और करीब दस किलोमीटर तक अकेले ही मॉर्निंग वॉक करते रहते हैं, लेकिन अब यह सब कुछ बंद कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने से पहले ही उन्हें प्रोटोकॉल के तहत भारी भरकम सुरक्षा दी गई है, और प्रोटोकॉल के तहत संजीव खन्ना को मॉर्निंग वॉक पर भी सुरक्षाकर्मियों के साथ ही जाना पड़ता है। बस यही काम जस्टिस संजीव खन्ना से नहीं हो रहा है। वह नहीं चाहते कि सुरक्षाकर्मियों के घेरे में रह कर मॉर्निंग वॉक पर जाएं, इसीलिए उन्होंने मॉर्निंग वॉक पर जाना बंद करना ही बेहतर समझा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बयान में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा:
"मैं दिल्ली में हर सुबह लोधी गार्डन एरिया और अपने घर के आसपास कई किलोमीटर तक अकेले टहलता हूं, लेकिन अब जब मुझे CJI की शपथ लेनी है तो मॉर्निंग वॉक पर सुरक्षाकर्मियों के साथ जाने की सलाह दी गई है। मुझे इसकी आदत नहीं है, इसलिये मैंने सिक्योरिटी के साथ मॉर्निंग वॉक पर जाने से इंकार कर दिया।"
खबरों के मुताबिक जस्टिस संजीव खन्ना एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें अकेले सैर करना पसंद है और वह अक्सर खुद ही कार ड्राइव करके अपने दोस्तों से मिलने भी पहुंच जाते हैं, लेकिन प्रोटोकॉल के तहत अब ऐसा नहीं हो सकेगा क्योंकि वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं। इसलिये उन्हें प्रोटोकॉल के तहत तगड़ी सुरक्षा दी गई है।
कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
- भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे जस्टिस खन्ना
- 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के CJI पद की शपथ लेंगे
- जस्टिस संजीव खन्ना को विरासत में वकालत मिली है
- पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं
- चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे
- इंदिरा सरकार के इमरजेंसी लगाने का विरोध किया था
- नेताओं को बिना सुनवाई जेल भेजने का विरोध किया था
- 1977 में वरिष्ठता के आधार पर उनका CJI बनना तय था
- हंसराज की जगह एमएच बेग को SC का CJI बनाया गया
- इसके विरोध में हंसराज ने सुप्रीम कोर्ट से इस्तीफा दे दिया था
- अपने चाचा हंसराज खन्ना से संजीव खन्ना बेहद प्रभावित थे
- 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की
- जस्टिस खन्ना ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से वकालत शुरू की
- साल 2005 में जस्टिस खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने
- 2019 में जस्टिस खन्ना का प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर हुआ
आपातकाल के दौरान इंदिरा सरकार से टकराने वाले तत्कालीन जज हंसराज खन्ना को उस वक्त भले ही वरिष्ठता के आधार पर सीनियर होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नहीं बनने दिया गया और आज उन्हीं के भतीजे जस्टिस संजीव खन्ना उसी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। 11 नवंबर को ही पद की शपथ लेने जा रहे जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल हालांकि सिर्फ छह महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हो जाएंगे।