बिहार चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे गुट ने राहुल गांधी को दी नसीहत, क्या सच में INDIA गठबंधन में पड़ गई दरार !
बिहार में महागठबंधन की स्थिति को भांपते हुए शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा की पार्टी को INDIA अलायंस की स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए.

बिहार में इस साल के अंतिम महीनों में और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने है. इन दोनों राज्यों में सियासी दलों ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. ऐसे में बात अगर बिहार की करें तो इस राज्य में चुनावी लड़ाई बड़ी दिलचस्प होने वाली है. सत्तारूढ़ एनडीए एक बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का दावा कर रहा है वही दूसरी तरफ विपक्ष की इंडिया महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद के बीच मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर स्थिति कुछ स्पष्ट नजर नहीं आ रही. बिहार में महागठबंधन की स्थिति को भांपते हुए शिवसेना यूबीटी ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा की पार्टी को INDIA अलायंस की स्थिति के बारे में बात करनी चाहिए.
कांग्रेस को शिवसेना यूबीटी ने दी नसीहत
दरअसल, शिवसेना यूबीटी मुखपत्र सामना में सांसद संजय राउत ने इंडिया गठबंधन को लेकर अपने विचार रखे है, पार्टी का मानना है आने वाले कुछ महीनों में बिहार फिर पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव होने है. इसको लेकर कांग्रेस को इंडिया गठबंधन में शामिल घटक दलों से बातचीत करनी चाहिए, क्योंकि इधर बीच महागठबंधन में शामिल दलों के बीच आपसी बातचीत कम हो गई है. ऐसी ही स्थिति रही तो एनडीए को चुनावों में इसका फ़ायदा मिलेगा. सामना में अहमदाबाद में हुए कांग्रेस अधिवेशन का ज़िक्र भी किया गया. पार्टी के अधिवेशन में विपक्षी गठबंधन के बारे में भी कांग्रेस को जवाब देना चाहिए था. INDIA अलायंस की स्थिति पर बात होनी चाहिए. सामना के संपादकीय में कहा गया कांग्रेस के अधिवेशन में पार्टी ने सिर्फ अपनी बात की और विपक्ष के महागठबंधन पर चर्चा तक नहीं हुई. लोकसभा चुनाव बीतने के बाद आज INDIA गठबंधन की स्थिति क्या है. शिवसेना ने सवाल क्या कि गठबंधन है भी यह अब दब गया है. इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस के अध्यक्ष की है. पार्टी को बीजेपी की तानाशाही से लड़ना है तो आगे आना पड़ेगा.
बिहार और बंगाल पर चर्चा जरूरी
शिवसेना यू बीटी ने मुख्यपत्र सामना में अपने लिखे लेख में गुजरात पश्चिम बंगाल और बिहार के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के रुख को जानना चाहा, बिहार में लाल यादव की आरजेडी जबकि गुजरात और पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन में कांग्रेस के साथ सहयोगी दल के रूप में आम आदमी पार्टी और ममता बनर्जी की टीएमसी भी चुनावी मैदान में होंगे. इसलिए कांग्रेस को सभी सहयोगी दलों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए और जिस तरीके से एनडीए इंडिया गठबंधन के में दरार की बातों को मीडिया में कह रहा है इसे खरीद करने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए.
बताते चलें कि गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस पार्टी ने 8 और 9 अप्रैल को अधिवेशन आयोजित किया था जिसमें पार्टी के देशभर से सभी दिग्गज नेता शामिल हुए थे. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने संबोधन दिए थे और पार्टी के जनाधर को आगे बढ़ाने की रणनीति पर अपने विचार रखे थे लेकिन विपक्ष की इंडिया गठबंधन को लेकर इस अधिवेशन में किसी भी नेता ने कोई बयान नहीं दिया और अब यही वजह है कि शिवसेना उद्धव ठाकरे के गुट ने कांग्रेस पार्टी को बड़ी सलाह डाली है.