हरियाणा चुनाव से पहले बड़ा झटका, कांग्रेस विधायक राव दान सिंह की संपत्ति जब्त, जानिए पूरा मामला
हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक राव दान सिंह के खिलाफ ईडी की कार्रवाई ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में उनकी 44 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, जिससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम के तौर पर पेश कर रही है, जबकि कांग्रेस इसे राजनीतिक साजिश बता रही है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए मतदाताओं की गिनती शुरू होने में अब सिर्फ 7 दिन बचे हैं, और राज्य का सियासी पारा आसमान छूने लगा है। इस बार चुनावी मैदान में भाजपा और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। लेकिन, इस बार चुनाव प्रचार के बीच एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसने कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच के दौरान कांग्रेस विधायक राव दान सिंह और उनके बेटे से जुड़ी संस्थाओं की 44 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है। यह कार्रवाई चुनाव से ठीक पहले होने के कारण सियासी गलियारों में हलचल मचा रही है।
कौन हैं राव दान सिंह?
65 वर्षीय राव दान सिंह हरियाणा की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के चार बार के विधायक हैं। वह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ और व्यवसायी हैं, जो हरियाणा की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं। राव दान सिंह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह भाजपा के धर्मबीर सिंह से हार गए थे।
आगामी विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने उन्हें फिर से महेंद्रगढ़ सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। महेंद्रगढ़ समेत हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्तूबर 2024 को मतदान होने वाला है, और चुनाव परिणाम 8 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे। लेकिन अब ईडी की कार्रवाई ने उनके चुनाव प्रचार में भूचाल ला दिया है।
क्या है ईडी की कार्रवाई?
ईडी ने गुरुवार को बताया कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस विधायक राव दान सिंह, उनके बेटे अक्षत सिंह और उनसे जुड़ी संस्थाओं की 44 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को जब्त किया है। यह कार्रवाई हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित कोबन रेजीडेंसी के 31 फ्लैट और हरसरू गांव में 2.25 एकड़ जमीन की कुर्की के रूप में की गई है। इसके साथ ही सनसिटी प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और आईएलडी समूह से जुड़ी संस्थाओं के दिल्ली, गुरुग्राम, रेवाड़ी (हरियाणा) और जयपुर (राजस्थान) स्थित फ्लैट और भूमि को भी कुर्क किया गया है। ईडी की यह कार्रवाई चुनावी माहौल में कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है।
यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 1,392.86 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़ा है। दरअसल, यह केस एलाइड स्ट्रिप्स लिमिटेड नामक एक कंपनी के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था। इस कंपनी पर बैंक लोन धोखाधड़ी के गंभीर आरोप हैं, और जांच में यह बात सामने आई कि इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर बैंकों से लोन लेकर उसका गलत तरीके से उपयोग किया। ईडी ने अपनी जांच में दावा किया कि इस कथित बैंक लोन धोखाधड़ी से अर्जित की गई राशि से 19 करोड़ रुपये राव दान सिंह और उनके परिवार से जुड़ी संस्थाओं को प्राप्त हुए थे। इस मामले में ईडी ने कहा, "राव दान सिंह और उनके परिवार के सदस्य अभी तक जांच में शामिल नहीं हुए हैं।" यह मामला हरियाणा चुनाव के ठीक पहले सामने आने के कारण कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान को भी प्रभावित कर सकता है, खासकर महेंद्रगढ़ जैसे संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र में, जहां से राव दान सिंह उम्मीदवार हैं।
चुनावी माहौल पर असर
हरियाणा चुनाव की गर्मी में यह मामला सियासी चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा पहले से ही कांग्रेस पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में घिरी होने के आरोप लगा रही थी, और अब इस कार्रवाई से उसे चुनावी लाभ मिलने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है और इसे चुनावी माहौल में बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के नेताओं ने राव दान सिंह पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि वह भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, और उनकी संपत्तियों को जब्त किया जाना इस बात का सबूत है।
वहीं, कांग्रेस ने इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह चुनाव से पहले विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव के ठीक पहले ईडी की कार्रवाई एक सोची-समझी रणनीति है। भाजपा अपने विरोधियों को कमजोर करने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।"
हरियाणा के मतदाता अब इस मामले को लेकर क्या रुख अपनाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। जहां एक ओर भाजपा इसे चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमले तेज कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीति से प्रेरित कदम बता रही है। अब देखना यह है कि आगामी दिनों में इस मामले की जांच किस दिशा में जाती है और हरियाणा के मतदाता इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेते हैं।