Advertisement

जॉर्ज सोरोस पर फिर आमने-सामने BJP कांग्रेस, शशि थरूर और हरदीप पुरी में तकरार !

15 साल पहले अमेरिका में एक डिनर पार्टी हुई थी. अब इस डिनर पार्टी को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आपने सामने हैं आख़िर क्यों देखिए.
जॉर्ज सोरोस पर फिर आमने-सामने BJP कांग्रेस, शशि थरूर और हरदीप पुरी में तकरार !

जब संसद में विपक्ष अडानी को लेकर सरकार पर हावी था, तब बीजेपी ने अमेरिका के विवादित उद्योगपति जॉर्ज सोरोस को मुद्दा बना कर गांधी परिवार को घेरा। राहुल गांधी के अडानी राग की काट बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस से ढूंढी। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस के साथ मिल कर भारत को अस्थिर करना चाह रहे हैं। अब फिर एक बार देश की सियासत में जॉर्ज सोरोस का नाम हाईलाइट हो रहा है और इस बार बात 15 साल पुरानी है, जिस पर भिड़ गए हैं कांग्रेस सांसद शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी।

दरअसल, शशि थरूर ने जॉर्ज सोरोस मामले में हरदीप सिंह पुरी को बीच में घसीटा। उन्होंने दावा किया था कि 2009 में उनकी जॉर्ज सोरोस से मुलाकात अमेरिका में हरदीप पुरी के घर में हुई थी। उस दौरान हरदीप सिंह पुरी ने जॉर्ज सोरोस को डिनर पर बुलाया था और हरदीप सिंह पुरी तब अमेरिका में भारत के राजदूत थे। शशि थरूर का यह दावा उस वक्त आया जब बीजेपी कांग्रेस नेताओं और जॉर्ज सोरोस की पिछली मुलाकातों का हवाला देते हुए दोनों के संबंध जोड़ रही थी। अब शशि थरूर ने बीजेपी से जॉर्ज सोरोस के कनेक्शन जोड़ दिए। हालांकि, हरदीप सिंह पुरी ने शशि थरूर पर पलटवार कर इसे ख़ारिज कर दिया। हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कांग्रेस के दावे को ख़ारिज किया। पोस्ट में हरदीप सिंह पुरी ने कहा,

“कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ दोस्त भ्रम फैलाने में माहिर हैं। मेरे संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के बाद शशि थरूर विदेश राज्य मंत्री के रूप में न्यूयॉर्क पहुंचे थे। मैंने उन्हें और उनके साथी को नाश्ते और फिर डिनर पर बुलाया था। मैं न्यूयॉर्क में नया था, लेकिन शशि थरूर ने वहां काफी समय बिताया था। इसलिए उन्होंने ही मुझे डिनर के लिए मेहमानों की लिस्ट दी, जिसमें जॉर्ज सोरोस का नाम भी था।”

शशि थरूर का जवाब

शशि थरूर और हरदीप सिंह पुरी के बीच जॉर्ज सोरोस विवाद अब और गर्मा गया। थरूर ने उनके पोस्ट पर जवाब देते हुए कहा,“प्रिय हरदीप, हमारी यादें अलग-अलग हैं। आपके शानदार डिनर में ऐसे कई मेहमान मौजूद थे जिनसे मैं पहले कभी नहीं मिला था। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि हम दोनों न्यूयॉर्क या जिनेवा में अपने शुरुआती दौर में किसी से भी अपने संपर्कों को नकार दें।”

इस तरह से शशि थरूर ने हरदीप सिंह पुरी के दावे को ख़ारिज कर दिया। यह विवाद बीजेपी कार्यकर्ता के एक X पोस्ट के बाद उठ खड़ा हुआ, जिसमें थरूर ने जॉर्ज सोरोस को अपना दोस्त करार दिया था। पोस्ट में दावा किया गया था कि शशि थरूर ने जॉर्ज सोरोस की भारत में रुचि को लेकर सराहना की थी। जिस पर थरूर ने पलटवार करते हुए कहा था कि, “मेरी मुलाकात हरदीप सिंह पुरी के घर पर ही अमेरिका में सोरोस से हुई थी, इसके बाद उनके कोई संबंध नहीं रहे। ना ही जॉर्ज सोरोस भारत में किसी फाउंडेशन से जुड़े हैं।”


कौन हैं जॉर्ज सोरोस?

  • यहूदी परिवार में जन्में जॉर्ज सोरोस अमेरिका के उद्योगपति हैं।
  • 1992 में उन्होंने शॉर्ट सेलिंग से बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद किया।
  • शेयर बाजार से करीब 44 अरब डॉलर कमाए।
  • सोरोस का फाउंडेशन ओपन सोसाइटी 120 देशों में काम करता है।
  • अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी को लाखों डॉलर दान में देकर चर्चा में आए।
  • अमेरिका में हजारों शरणार्थियों की एंट्री करवाने के आरोप लगे।
  • जॉर्ज सोरोस पर वित्तीय समझ के कारण अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर करने का आरोप लगा।
  • अमेरिका, तुर्की, ब्रिटेन जॉर्ज सोरोस को मानते हैं खतरा।
  • तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन ने सोरोस पर तुर्की को बांटने का आरोप लगाया।

जॉर्ज सोरोस भारत में विवादित क्यों?

  • साल 2020 में वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम में जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी और सरकार की नीतियों की आलोचना की थी।
  • जॉर्ज सोरोस ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की भी आलोचना की थी।
  • जॉर्ज सोरोस ने मोदी सरकार पर विभाजनकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया।
  • जॉर्ज सोरोस ने पीएम मोदी को लोकतंत्र के लिए ख़तरा पैदा करने वाला नेता बताया था।
  • बीजेपी ने जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी को घरेलू मामलों में विदेशी हस्तक्षेप करार दिया।

फ़िलहाल तो भारतीय सियासत में जॉर्ज सोरोस फिर से गूंज उठे हैं, भले ही यह गूंज नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर वार के जरिए सुनाई दे रही हो। शशि थरूर और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच यह "तेरा मेहमान, ये मेरा मेहमान" वाला खेल चल रहा है, जो जारी ही है। इस खेल में आखिरी दांव किसका होगा, यह देखने वाली बात होगी।

Advertisement

Related articles

Advertisement