BJP नेता का चौंकाने वाला दावा,लालू की वजह से तेजस्वी नहीं बन पा रहे मुख्यमंत्री!

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अब 7 से 8 महीने का समय बचा है। ऐसे में राज्य में सियासी दलों के बीच तलाक बयान बाजी लगातार तेज होती जा रही है। एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरेगी तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी इंडिया गठबंधन राजद के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। राजद के प्रमुख लालू यादव ने रविवार को मोतिहारी में दावा किया कि 'कोई माई का लाल' तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनने से नहीं रोक सकता।लालू यादव के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई है। इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा ने दावा किया कि लाल यादव कभी भी अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बना पाएंगे। इस राह में कोई और दाल का नेता बाधक नहीं बल्कि खुद लाल यादव ही सबसे बड़े बाधक है। उन्होंने दावा किए हुए कहा कि लाल यादव ने अपने सत्ता के दौरान जिस तरह के पाप किए हैं। उनके कारण उनके परिवार के लोग राजनीति में कभी भी सम्मान नहीं प्राप्त कर सकेंगे।
लालू ने बिहारी शब्द को गाली बना दिया
बिहार की राजधानी पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार शब्द को अगर पूरे देश में एक गली के तौर पर देखा जाता है तो इसमें सबसे बड़ी खलनायक की भूमिका खुद लाल यादव ने निभाई है। उनका हर व्यवहार और उनके परिवार का कार्य, बिहार के लोगों को देशभर में लज्जित करता है। ऐसी मानसिकता के लोग बिहार को गौरवान्वित और सम्मानित होने नहीं देना चाहते हैं। अब समय आ गया है कि बिहार के लोग इससे मुक्ति पाए वरना आगे ऐसा मौका नहीं मिल पाएगा।
सनातन धर्म को भूल गई आरजेडी
बिहार में विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य के तमाम बड़े सियासी दलों के नेता रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी दे रहे हैं। इसको लेकर खूब राजनीति भी हो रही है। इन मुद्दों को लेकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा राजद के लोग सनातन संस्कृति से दूर जा चुके हैं और दूसरे धर्म के ठेकेदार बनकर उभरे हैं। जो भी व्यक्ति धर्म को हथियार के रूप में इस्तेमाल करता है उसे पर क्या ही बोलना धर्म को सबक है। सभी का धर्म पर अधिकार है लेकिन धर्म के नाम पर एक व्यक्ति अपनी मानसिकता को झलकता है तो जवाबदेही भी उसी की बनती है।
बताते चलें कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने सरकारी आवास पर रमजान के अवसर पर रोजगारों को दावत इफ्तार पर आमंत्रित किया था। इसमें बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान समेत कई बड़ी हस्तियां और गण व्यक्ति नीतीश कुमार के आमंत्रण पर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे।