BJP नेताओं ने सोनिया गांधी का किया तीखा विरोध, राष्ट्रपति मुर्मु पर दिया था विवादित बयान
कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर विवादित बयान देते हुए उन्हें बेचारी महिला कहा। इस पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है।

संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है, शीतकालीन सत्र के तरह इस सत्र की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष के बीच तीखी बयानबाज़ी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दरअसल, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर विवादित बयान देते हुए उन्हें बेचारी महिला कहा। इस पर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी पर हमलावर है। पूरे देश से बीजेपी के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने सोनिया गांधी की तीखी आलोचना की।
सोनिया गांधी का बयान निंदनीय: संबित पात्रा
भारतीय जनता पार्टी के नेता संबित पात्रा ने कहा, "आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सरकार के कामों का लेखा जोखा दिया। देश भर के लोगों ने इसे सुना और सराहा। लेकिन, दुखद है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति के लिए जो बयान दिया, वह बहुत निंदनीय है। सोनिया गांधी ने उन्हें बेचारी कहा। मैं स्पष्ट रूप से कहूंगा कि राष्ट्रपति कभी बेचारी नहीं हो सकती हैं। भारतवर्ष एक गणतंत्र है और विश्व का सर्वोच्च लोकतंत्र है। इस लोकतंत्र की वह प्रथम नागरिक हैं, वह आदिवासी समाज से आई महिला हैं। आदिवासी समाज से आने वाली महिला कभी बेचारी नहीं हो सकती है। सोनिया गांधी के शब्द अनुचित हैं।" वही,कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "हमारी सरकार के काम सोनिया गांधी को कहां से अच्छे लगेंगे। इसलिए वह ऐसे बयान दे रही हैं।"
राष्ट्रपति पद का अपमान: गौरव सावंत
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी द्वारा की गई टिप्पणी पर कहा, "कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति पद का अपमान किया है। एक उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस प्रकार से संबोधित करना न केवल उस व्यक्ति का बल्कि पूरे राष्ट्र के प्रति अनादर दर्शाता है। सोनिया गांधी को देश से माफी मांगनी चाहिए।" इसके बाद उन्होंने सांसद पप्पू यादव के राष्ट्रपति पर 'लव लेटर' वाले बयान पर कहा, "पप्पू यादव जैसे लोग लोकतंत्र को नहीं समझते। जिस संविधान को आज 75 साल पूरे हुए हैं, उसी संविधान के आधार पर हम लोकसभा और राज्यसभा में पहुंचते हैं। इन लोगों को बोलते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि वे संविधान का सम्मान करें।"
पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी का ज्ञान नहीं
सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, "सोनिया गांधी को पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी का भी ज्ञान नहीं है। देश की जनता इसलिए उनको नकार रही है। बजट के पहले दिन राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करती हैं। इसके बाद बजट पर चर्चा होनी शुरू हो जाती है। देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए ऐसी टिप्पणी नहीं की जा सकती है। इस टिप्पणी के बाद सोनिया गांधी सदन में रहने लायक नहीं हैं। उनको तुरंत माफी मांगनी चाहिए।" भाजपा नेता दिनेश शर्मा ने कहा, "आदिवासी, भालू, बंदरों का जिक्र रामायण तक में आता है। एक आदिवासी महिला पर टिप्पणी कांग्रेस की आंतरिक दशा को दर्शाता है। उनको इस पर माफी मांगनी चाहिए।"
बता दें कि कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह अंत तक काफी थकी हुई नजर आ रही थीं। सोनिया गांधी ने कहा, “वह बेहद थकी हुई लग रही थीं और आखिर में बोलने में भी कठिनाई हो रही थी। बेचारी महिला।” वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति के भाषण पर प्रतिक्रिया दी। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने इसे उबाऊ करार दिया और कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं थी।