19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक, 20 को शपथ ग्रहण, कौन बनेगा नया मुख्यमंत्री?
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद बीजेपी अब अपने नए मुख्यमंत्री का चुनाव करने जा रही है। पहले 17 फरवरी को होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक अब 19 फरवरी को होगी, जिसमें सभी 48 नवनिर्वाचित विधायक केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में नया मुख्यमंत्री चुनेंगे। 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
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दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहुमत हासिल किया और अब नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले 17 फरवरी को प्रस्तावित भाजपा विधायक दल की बैठक को दो दिन आगे बढ़ा दिया गया है और अब यह बैठक 19 फरवरी को होगी। इस बैठक में भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों द्वारा नेता चुना जाएगा, जो दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में 20 फरवरी को शपथ लेंगे।
विधायक दल की बैठक में क्या होगा खास?
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के 48 नवनिर्वाचित विधायक इस बैठक में भाग लेंगे। इस दौरान केंद्रीय नेतृत्व द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक सभी विधायकों से राय लेंगे और उनके विचारों के आधार पर भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे। इस प्रक्रिया के तहत दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री का नाम तय होगा। दिल्ली की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा किसे मुख्यमंत्री बनाएगी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, इस रेस में कई बड़े नाम सामने आ रहे हैं। नई दिल्ली से विधायक प्रवेश वर्मा, दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय इस दौड़ में शामिल हैं। हालांकि, अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व के हाथ में होगा।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह 20 फरवरी को होगा। इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और तरुण चुग को सौंपी गई है। खबरों के अनुसार, यह एक भव्य समारोह होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। वैसे आपको बता दें कि इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। पार्टी ने कुल 70 में से 48 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की है, जबकि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को सिर्फ 22 सीटें ही मिलीं। 10 वर्षों तक दिल्ली पर राज करने वाली 'आप' को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। वही कांग्रेस की बात करें तो दिल्ली की राजनीति में कभी मुख्य भूमिका निभाने वाली कांग्रेस इस बार भी अपना खाता नहीं खोल पाई। पिछली बार की तरह इस बार भी पार्टी को कोई सीट नहीं मिली। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है और इससे पार्टी की स्थिति और कमजोर होती नजर आ रही है।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत उनकी पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस चुनाव में हार गए। वहीं, पूर्व मंत्री आतिशी ने अपनी सीट बचाने में सफलता पाई है। चुनावी हार के बाद आम आदमी पार्टी के अंदर भी असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं और हार की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है।
अब सबकी निगाहें 19 फरवरी को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक पर टिकी हैं, जहां दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाएगा। इसके बाद 20 फरवरी को भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा, जो दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगा। देखना होगा कि भाजपा किसे दिल्ली की बागडोर सौंपती है और नई सरकार किन नीतियों के साथ राजधानी की जनता को नए वादों का भरोसा दिलाएगी।