यूपी उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने बनाया सीक्रेट प्लान, हरियाणा की तर्ज़ पर होगी बड़ी तैयारी
दस साल से हरियाणा की सत्ता में क़ाबिज़ रहने के बावजूद इस चुनाव में बीजेपी एंटी इंकम्बेंसी समेत कई मुद्दों पर घिरी हुई थी लेकिन बेहतरीन चुनावी रणनीति के चलते भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में प्रचंड बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। इस शानदार जीत के बाद अब बीजेपी की नजर उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंकाया है। शायद इतने बहतरीन परिणाम की उम्मीद ख़ुद बीजेपी के कई नेताओं को भी नहीं रही होगी। दस साल से हरियाणा की सत्ता में क़ाबिज़ रहने के बावजूद इस चुनाव में बीजेपी एंटी इंकम्बेंसी समेत कई मुद्दों पर घिरी हुई थी लेकिन बेहतरीन चुनावी रणनीति के चलते भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में प्रचंड बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया। इस शानदार जीत के बाद अब बीजेपी की नजर उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर है।
दरअसल, हरियाणा विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम बदलने वाला जो फार्मूला अपनाया था। उसका फायदा चुनावी नतीजों के रूप में सामने आया। मार्च 2024 में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने ओबीसी फॉर्मूले को अपनाया था। जो इस चुनाव में रामबाण साबित हुए। अब बीजेपी यूपी में लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई उपचुनाव के माध्यम से करना चाहती है। यही वजह है कि हरियाणा वाला फार्मूला यूपी में अपनाने जा रही है। जिसके तहत ओबीसी वोटर्स को साधने के लिए फिर से एक चुनावी रणनीति को दोहराने की योजना बना रही है। बताते चले कि लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन ने लगातार केंद्र पर आरक्षण खत्म करने और ओबीसी विरोधी मानसिकता होने का आरोप लगाकर लगाते हुए चुनाव प्रचार पर बल दिया है लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने सैनी को सीएम बनाकर विपक्षी गठबंधन के आरोप का सटीक जवाब दिया। जिसका नतीजा हरियाणा विधानसभा चुनाव में सामने आया है। ऐसे मगर बात उत्तर प्रदेश की करें तो राज्य में 50% से अधिक मतदाता ओबीसी वर्ग से आते हैं। यही वजह है कि यूपी में भी अब बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इंडिया गठबंधन के ओबीसी वाले मुद्दे पर जवाब देने की प्लानिंग कर रहा है।
जल्द चलाएगी विशेष अभियान
उत्तर प्रदेश में ओबीसी वर्ग से जुड़े वोटरों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा अभियान अलग से शुरू करेगी। इस पहल के जरिए भाजपा संदेश देगी कि वह ओबीसी के अधिकारों और आरक्षण की रक्षा करेंगे। जिससे मतदाताओं की चिंता दूर हो और वह भारतीय जनता पार्टी के तरफ अपना रुख करें। हाल ही में आरएसएस और बीजेपी के बीच बैठक हुई थी। जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि ओबीसी अधिकारों के लेकर जो राज्य में गलत धारणा बनी है। उसे दूर करने का रास्ता निकाले। बीजेपी के एक दिक्कत नेता ने कहा कि हरियाणा में हमने सभी 36 समुदायों के साथ खड़े होने का प्रयास किया है। इसी का नतीजा है कि यहां कांग्रेस की करारी हार हुई। अब हमारी प्लानिंग आने वाले चुनाव में भी यही रहेगी कि हम सभी समुदाय सभी बिरादरी को साथ लेकर चले और जनता का अधिक से अधिक समर्थन लें।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए इंडिया गठबंधन और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार दिया है जबकि अन्य दल अभी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किए हैं।