पंजाब में BJP को लग सकता है बड़ा झटका प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने दिया इस्तीफ़ा !
बताया जा रहा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। हालाँकि पार्टी की तरफ़ से बताया गया ऐसा कोई इस्तीफ़ा प्रदेश अध्यक्ष ने नहीं दिया है। ये बातें विपक्षी दलों द्वारा प्रचारित की जा रही है।
पंजाब के विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा राज्य की सत्ता में क़ाबिज़ नहीं हो पाई लेकिन राज्य में अपने संगठन को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी प्रयास के बीच पार्टी को अब बड़ा झटका लगा है बताया जा रहा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। हालाँकि पार्टी की तरफ़ से बताया गया ऐसा कोई इस्तीफ़ा प्रदेश अध्यक्ष ने नहीं दिया है। ये बातें विपक्षी दलों द्वारा प्रचारित की जा रही है।
दरअसल पंजाब में बीते कई दिनों से यह चर्चा चल रही थी कि बीजेपी के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। ये चर्चा तब शुरू हुई जब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ प्रदेश कार्यकारिणी की ज़रूरी बैठकों से दूरी बनाए थे और अब जब उनके इस्तीफ़े की बात निकलकर सामने आई है तो भले हाई पार्टी इस ख़बर का खंडन कर रही है लेकिन जाखड़ कने इस पूरे मामले में चुप्पी साधी हुई है। राज्य के सियासी जानकारों की माने तो लोकसभा चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू को की हार के बावजूद केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया, इस फ़ैसले को लेकर जाखड़ नाराज़ चल रहे थे। बताते चले कि रवनीत सिंह बिट्टू को बीजेपी ने राजस्थान से राज्यसभा भेजा है।
जाखड़ कब बने थे प्रदेश अध्यक्ष
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक एक साल पहले पंजाब में पार्टी को मज़बूत करने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने पंजाब इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए कांग्रेस के पूर्व नेता सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। बताते चले कि पंजाब में कांग्रेस के क़द्दावर नेताओं में से एक सुनील जाखड़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद मई 2022 में कांग्रेस का दामन छोड़कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हुए थे। सुनील जाखड़ दो बार विधायक और एक बार पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके है। जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी में भी प्रदेश अध्यक्ष पद संभाल चुके है। ऐसे में अब ये देखना दिलचस्प होगा की भाजपा ए दिग्गज नेता क्या जाखड़ को मना पाते है या फिर वो फिर से कोई नए सियासी दल में शामिल होकर राजनीति करेंगे