BJP सरकार से पंगा लेने वाले कांग्रेसी विधायक को Ravindra Bhati ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जिला बाड़मेर की बायतू विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बीजेपी सरकार के बजट का विरोध करते करते। ठाकुर का कुआं वाली कविता सुना दी। जिस पर उन्हें बाड़मेर की ही शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी ने सदन में ही मुंहतोड़ जवाब दिया।
Manoj Jha : आज से ठीक दस महीने पहले साल 2023 के सितंबर महीने में बिहार के तेज तर्रार आरजेडी सांसद Manoj Jha ने देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद में ठाकुरों वाली एक कविता सुनाई थी।जिस पर देश भर में बवाल मच गया था। यहां तक कि ठाकुरों के अपमान का आरोप लगाकर उनका खूब विरोध किया गया था। वो कविता थी ठाकुर का कुआं।
मशहूर कवि ओम प्रकाश वाल्मीकि की लिखी हुई इसी कविता पर अब राजस्थान की विधानसभा में संग्राम छिड़ गया है। क्योंकि राजस्थान की बीजेपी सरकार की ओर से जारी किये गये बजट पर जब चर्चा शुरू हुई तो।कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने भी आरजेडी सांसद मनोज झा की तरह ठाकुर का कुआं वाली कविता सुना कर बीजेपी सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की।और ये आरोप लगा दिया कि बजट में सबकुछ ठाकुरों के लिए है।
जिला बाड़मेर की बायतू विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे।कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बीजेपी सरकार के बजट का विरोध करते करते। ठाकुर का कुआं वाली कविता सुना दी।जिस पर उन्हें बाड़मेर की ही शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रवींद्र भाटी ने सदन में ही मुंहतोड़ जवाब दिया। और किले और महलों की शौर्य गाथा सुनाते हुए बता दिया कि यह महल शौर्य और गाथा के प्रतीक हैं. यह किले, ये महल अर्पण, समर्पण और तर्पण के प्रतीक हैं. जब कभी मुगल आक्रांताओं के हमले हुआ करते थे तो हमारी बहन-बेटियों की इज्जत बचाने के लिए यही किले और महल काम आया करते थे. यह किले मुश्किल समय में उन शरणगतों को शरण देने के लिए काम आया करते थे।
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी को शायद ये उम्मीद थी कि ठाकुर का कुआं की कविता पर सत्ता संभाल रही भजन लाल सरकार से कोई जवाब आयेगा। लेकिन उससे पहले ही राजपूत विधायक रवींद्र भाटी ने उन्हें ठाकुर का कुआं वाली कविता पर कुछ इसी तरह से मुंहतोड़ जवाब दे दिया। क्योंकि यहां बात राजपूतों के सम्मान की थी। इसीलिये उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। सदन में ही उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर रवींद्र भाटी के इस जवाब की खूब तारीफ हो रही है। पत्रकार शुभम शुक्ला ने लिखा। "कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने विधानसभा के अंदर खड़े होकर "ठाकुर का कुआं" नामक शिगूफा छोड़ा, भाजपा सरकार पर निशाना साधने के बहाने वास्तव में उन्होंने समाज में नफरत का जहर घोलने का काम किया, उनके इस बयान पर विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने भी अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि ऐसा राजस्थान है मेरा, ऐसा रंग रंगीला, ऐसा हरियाला, ऐसा अपनापन-भाईचारे और प्रेम वाला राजस्थान है, सोचिए रवींद्र भाटी और हरीश चौधरी दोनों बाड़मेर जिले से आते हैं, हरीश जी कांग्रेस से विधायक हैं तो रवींद्र सिंह निर्दलीय, लेकिन दोनों में अंतर देखिए, एक 27 साल के युवा विधायक सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं, एक युवा विधायक सामाजिक समरसता की बात करता है, एक युवा भाईचारे की बात करते हैं, दूसरी तरफ उम्र में बड़े होकर भी विधानसभा में ऐसी बयानबाजी? क्या संदेश दे रहे हैं समाज में?
राकेश शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा। "मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि हरीश चौधरी जैसे जातिवादी को विधानसभा में सभी विधायकों द्वारा पार्टी लाइन से ऊपर उठकर जवाब दिया जाना चाहिए था, हम रवींद्र सिंह भाटी को अकेला नहीं छोड़ सकते वो हमारा भाई है, सर्व समाज की बात करता है, इन जातिवादियों को अब पानी पिलाने का समय आ गया है"
कौशल सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा। "कांग्रेस के विधायक ने जैसे ही ठाकुरों के बारे में गलत बोला, एक मर्द विधायक ने तुरंत बोला कि रिफाइनरी कौन खा गया ? जातियों के नाम पर वोट सभी मांगते हैं लेकिन जब वोट का एहसान उतारने का वक्त आता है तो ये नेता खामोश हो जाते हैं, रविन्द्र सिंह भाटी एक कोहिनूर है"
एक राजपूत होकर रवींद्र भाटी ने कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी को ठाकुर का कुआं वाली कविता पर जिस तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया है। सोशल मीडिया पर उस बयान की कुछ इसी तरह से तारीफ हो रही है। क्योंकि बीजेपी खेमे में भले ही खामोशी छाई रही हो। लेकिन रवींद्र भाटी खामोश नहीं बैठे। उन्होंने उसी विधानसभा में कांग्रेसी कैलाश चौधरी को जवाब देना बेहतर समझा।