भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला का हमला 'हेमंत सोरेन ने वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को दी छूट'
भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बंग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोरेन पर संथाल परगना में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन पर चुप्पी साधने और इसे अपने वोट बैंक से जोड़ने का आरोप लगाया। पूनावाला ने सोरेन की इस टिप्पणी को भी निशाने पर लिया जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल में जनसांख्यिकीय बदलाव की बात स्वीकार की, जहां भाजपा की सरकार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर एक बड़ा राजनीतिक हमला बोला है। उनके बयान में कुछ गंभीर आरोप और राजनीतिक विश्लेषण छिपे हुए हैं, जो देश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं।
शहज़ाद पूनावाला के अनुसार, हेमंत सोरेन ने सार्वजनिक मंच पर राष्ट्रवादियों और जनता द्वारा चुने गए नेताओं को "चूहा" कहकर संबोधित किया। यह बयान न केवल सियासी गलियारों में हलचल मचाने वाला है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल भी उठाता है, क्या यह बयान सोरेन की व्यक्तिगत सोच का परिणाम था या उनके राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा?
बंग्लादेशी घुसपैठ और झारखंड का सियासी परिप्रेक्ष्य
पूनावाला ने हेमंत सोरेन पर यह भी आरोप लगाया कि वे बंग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर चुप्पी साधे रहते हैं, खासकर संथाल परगना इलाके में, जहां यह समस्या गंभीर होती जा रही है। यह इलाका झारखंड के राजनीतिक नक्शे में बेहद अहम है, और यहाँ की आबादी में हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है।
पूनावाला का आरोप है कि सोरेन इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इसलिए बचते हैं, क्योंकि यह उनके वोट बैंक से जुड़ा हुआ मामला है। यह सवाल उठता है कि क्या सोरेन अपनी राजनीतिक मजबूरियों के चलते ऐसे संवेदनशील मुद्दों से निपटने में असफल हो रहे हैं?#WATCH | Delhi: BJP spokesperson Shehzad Poonawalla says, "...Jharkhand CM Hemant Soren calls nationalists and people elected by the public 'chooha'. But he doesn't say anything about the Bangladeshi infiltrators who enter Santhal Pargana and encroach on land, because this… pic.twitter.com/w9ydiMPM0o
— ANI (@ANI) September 26, 2024
पूनावाला ने पश्चिम बंगाल में हुए जनसांख्यिकीय बदलावों का हवाला देते हुए कहा कि यह बदलाव वाम दलों और तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सरकारों के दौरान हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह से आबादी का स्वरूप बदला है, वही स्थिति झारखंड में भी उत्पन्न हो रही है। झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है, लेकिन मुख्यमंत्री सोरेन इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। पूनावाला के बयान के बाद, इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि झारखंड हाई कोर्ट ने भी जनसांख्यिकीय बदलावों पर चिंता जताई है। अदालत ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर जवाब तलब किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। यह सवाल उठता है कि क्या हेमंत सोरेन इस गंभीर मुद्दे को नज़रअंदाज कर रहे हैं, या फिर यह उनके वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है?
वैसा आपको बता दें कि, हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रमुख, ने अपने सियासी करियर में कई चुनौतियों का सामना किया है। लेकिन हाल के समय में उन पर बंग्लादेशी घुसपैठियों और संथाल परगना के जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने कई बार सोरेन को घेरा है, लेकिन सोरेन की चुप्पी इस मुद्दे पर सवाल खड़े करती है।
क्या यह गठबंधन में दरार का संकेत है?
पूनावाला के बयान से एक और बात पर सबका ध्यान खींचा है। उनका कहना है कि "INDI गठबंधन की एक पार्टी गठबंधन की दूसरी पार्टी को निशाना बना रही है, उन्होंने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन ने अनजाने में ही सही, लेकिन यह स्वीकार कर लिया है कि पश्चिम बंगाल में जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है।" ऐसे में यह सवाल भी उठता है, कि क्या INDI गठबंधन के भीतर सियासी असहमति और दरार पैदा हो रही है? अगर ऐसा है, तो यह गठबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है। भाजपा प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि INDI गठबंधन का कोई ठोस मिशन या दृष्टि नहीं है, और इसमें शामिल दल केवल अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में जुटे हुए हैं।
भाजपा के इस हमले से झारखंड की सियासत में हलचल मचना तय है। पूनावाला का बयान यह संकेत देता है कि भाजपा ने अब झारखंड में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का फैसला कर लिया है। संथाल परगना इलाके में बंग्लादेशी घुसपैठ और जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मुद्दा, भाजपा की राजनीतिक रणनीति का अहम हिस्सा बन