BJP का लिट्टी-चोखा प्लान, फेल करेंगे केजरीवाल !
दिल्ली में संभवत चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे...और ऐसे में सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं…कोई यात्रा के जरिए वोटर्स का मन टटोलने की कोशिश कर रही है तो कोई वोटर्स से सीधे चर्चा में जुटी हुई है.
दिल्ली में संभवत चुनाव अगले साल फरवरी में होंगे। और ऐसे में सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं।कोई यात्रा के जरिए वोटर्स का मन टटोलने की कोशिश कर रही है तो कोई वोटर्स से सीधे चर्चा में जुटी हुई है। सबसे ज़्यादा चर्चा बीजेपी के लिट्टी चोखा पर चर्चा अभियान की हो रही है। नाम से साफ है अभियान का मकसद पूर्वांचली वोटर्स को लुभाने का है। अब आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के लिए अभियान की काट ढूंढ निकाली है। क्या है आपका प्लान आपको बताते हैं इससे पहले कुछ आँकड़ों पर नज़र डालते हैं।
दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स की संख्या
दिल्ली में कुल मतदाता- करीब 1 करोड़ 52 लाख 1 हजार 936। इनमें से पूर्वांचली वोटर्स- क़रीब 40 से 42 लाख ।
आँकड़ों पर नज़र डालें तो दिल्ली में पूर्वांचली वोटर्स अच्छा ख़ासा प्रभाव छोड़ते हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों की सबसे बड़ी चुनौती पूर्वांचली वोटरों को अपने साथ जोड़ने की है।और इसी चुनौती से पार पाने में जुट गई है आम आदमी पार्टी।
बीजेपी से छिटक कर AAP के साथ पूर्वांचली
दिल्ली की सियासत में पूर्वांचली वोटर एक समय में बीजेपी का मजबूत वोट बैंक माना जाता रहा है। लेकिन पिछले काफ़ी समय से ये वोट आम आदमी पार्टी के साथ हैं. और इस बार भी आम आदमी पार्टी इन वोटों को किसी भी हाल में अपने हाथ से जाने नहीं देगी।
ग्राफ़िक्स- लोकसभा में बीजेपी का साथ विधानसभा में झटका
इस बार लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने पूर्वांचली सीट उत्तर पूर्वी सीट पर कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा था। इस सीट पर बीजेपी के मनोज तिवारी लगातार जीत दर्ज करते आए हैं। और इस बार भी ऐसा ही हुआ। मनोज तिवारी की पूर्वांचली वोटर्स पर अच्छी खासी पकड़ है। जिसके आगे कन्हैया चारों खाने चित हो गए। वहीं, कन्हैया को टिकट देने के समर्थन में आम आदमी पार्टी कभी नहीं थी। कांग्रेस तो बीजेपी के वोट क़िले में सेंध नहीं लगा पाई लेकिन आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचली वोटर्स को अपनी तरफ़ मोड़ने में कामयाब रहती है। साल 2014 और 2019 लोकसभा के बाद हुए विधानसभा चुनावों में ज़्यादातर मतदाता आम आदमी पार्टी के साथ थे। किराड़ी, बुराड़ी, उत्तम नगर, संगम विहार, बादली, गोकलपुर, जनकपुरी, मटियाला, द्वारका, नांगलोई, करावल नगर, विकासपुरी, सीमापुरी जैसी विधानसभा सीटों पर पूर्वांचली मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं।
2020 में पूर्वांचली बहुल सीटों पर नतीजे
बुराड़ी- AAP के संजीव झा जीते । BJP के शैलेंद्र कुमार और कांग्रेस के प्रमोद त्यागी को हराया। बादली- AAP के अजेश यादव जीते। BJP के विजय कुमार और कांग्रेस के देवेंदर यादव को हराया। देवेंदर यादव दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं ।किराड़ी- AAP के रितुराज गोविंद । BJP के अनिल झा और कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी कैंडीडेट मोहम्मद रियाजद्दीन खान को हराया । उत्तम नगर- आप के नरेश बालियान जीते । BJP के कृष्ण गहलोत और आरजेडी के शक्ति कुमार बिश्नोई को हराया। करावल नगर- AAP के दुर्गैश पाठक जीते। BJP के मोहन सिंह बिष्ट और कांग्रेस के अरविंद सिंह को हराया । सीमापुरी- AAP के राजेंद्र पाल गौतम जीते। बीजेपी के संत लाल और कांग्रेस के वीर सिंह को हराया। बदरपुर- BJP के रामवीर सिंह बिधूड़ी जीते ।AAP के राम सिंह नेताजी और कांग्रेस के प्रमोद कुमार यादव को हराया । द्वारका- AAP के विनय मिश्रा जीते। BJP के प्रधुमन राजपूत और कांग्रेस के आदर्श शास्त्री को हराया। संगम विहार- AAP के दिनेश मोहनिया जीते। जेडीयू के शिवचरण लाल गुप्ता और कांग्रेस की पूनम आज़ाद को हराया। पटपड़गंज- AAP के मनीष सिसोदिया जीते ।BJP के रविंदर सिंह नेगी और कांग्रेस के लक्ष्मण रावत को हराया। गोकलपुर- AAP के सुरेंद्र कुमार जीते । BJP के रंजीत सिंह और कांग्रेस के एसपी सिंह को हराया ।मटियाला- AAP के गुलाब सिंह जीते। BJP के राजेश गहलोत और कांग्रेस के सोमेश्वर शौक़ीन को हराया।
इस बार भी इसी समीकरण को देखते हुए आम आदमी पार्टी रणनीति बना रही है। पार्टी की पहली और दूसरी लिस्ट में भी इस पर ख़ास ध्यान दिया गया है।
AAP की पहली लिस्ट।
ब्रह्म सिंह तंवर- छतरपुर। अनिल झा- किराड़ी। दीपक सिंघला- विश्वास नगर। सरिता सिंह- रोहतास नगर । बीबी त्यागी- लक्ष्मी नगर। राम सिंह- बदरपुर। जुबैर चौधरी- सीलमपुर । वीर सिंह धींगान- सीमापुरी ।
गौरव शर्मा- घोंडा । मनोज त्यागी- करावल नगर । सोमेश शौकीन- मटियाला।
आप की पहली लिस्ट में जो सीटें पूर्वांचली वोटर्स से जुड़ी हैं उनमें करावल नगर, मटियाला, सीमापुरी, किराड़ी और बदरपुर हैं। बीजेपी अभी जहां लिट्टी चोखा चर्चा अभियान शुरू ही कर रही है वहीं आम आदमी पार्टी ने यहां उम्मीदवारों की तस्वीर भी साफ़ कर दी है।अब कैंडीडेट सीधे तौर पर मतदाताओं से संपर्क साधने में जुट गए हैं। चुनाव में अभी वक़्त है ऐसे में उम्मीदवार अपने अपने क्षेत्रों में जाकर जनता को लुभाने, मनाने और फ़ुरसत से आप की नीति रीति को बता रहे हैं।
बीजेपी पर हावी AAP का प्लान
प्रत्याशियों के ऐलान में अक्सर बीजेपी ज़्यादा जल्दी में दिखती है। जिसके ज़रिए पार्टी ये संदेश देने की कोशिश में होती है कि यहां सब ठीक है और हमारी तैयारी पूरी है। लेकिन इस मामले में आम आदमी पार्टी दो नहीं चार कदम आगे निकली।और पहली लिस्ट में ही बीजेपी के प्लान पर भारी पड़ती दिखी।
AAP की दूसरी लिस्ट
दिनेश भारद्वाज- नरेला ,सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू- तिमारपुर
मुकेश गोयल- आदर्श नगर
जसबीर कराला- मुंडका
राकेश जाटव धर्मरक्षक- मंगोलपुरी
प्रदीप मित्तल- रोहिणी
पूर्नदीप सिंह(सैबी)- चांदनी चौक
प्रवेश रतन- पटेल नगर
राखी बिड़लान- मादीपुर-
परवीण कुमार- जनकपुरी ,बिजवासन- सुरेंद्र भारद्वाज
पालम- जोगिंदर सोलंकी
मनीष सिसौदिया- जंगपुरा
प्रेम कुमार चौहान- देवली ,अंजना पारचा- त्रिलोकपुरी-
अवध ओझा- पटपड़गंज
विकास बग्गा- कृष्णा नगर
नवीन चौधरी (दीपू)- गांधी नगर
पदमश्री जितेंदर सिंह शंटी- शाहदरा
आदिल अहमद खान- मुस्तफाबाद-
आप की दूसरी लिस्ट पर नज़र डालें तो इनमें पूर्वांचली मतदाताओं वाली पटपड़गंज, देवली, जनकपुरी मेन सीटें हैं। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 18 से 20 सीटों पर इन यूपी, बिहार, और झारखंड से आए मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
पटपड़गंज से अवध ओझा को टिकट देने के मायने।
2025 के विधानसभा चुनाव में मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट के बजाय जंगपुरा सीट से किस्मत आजमाएंगे। माना जा रहा है कि सीट के सियासी समीकरण को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने यह बड़ा फेर बदल किया है। सिसोदिया की सीट बदल कर और पटपड़गंज सीट से अवध ओझा को उतारकर बड़ा सियासी दांव केजरीवाल ने चला है। पटपड़गंज ब्राह्मण और गुर्जर वोटरों का दबदबा है। इसके अलावा यहाँ बड़ी संख्या में पूर्वांचली वोटर्स हैं।
अवध ओझा के उतरने से ब्राह्मण समाज के वोटों का सियासी लाभ आम आदमी पार्टी को मिल सकता है। पटपड़गंज इलाके में काफी कोचिंग सेंटर चलते हैं, जहां पर बड़ी संख्या में लोग प्रतियोगी परीक्षा और सीए की तैयारी करते हैं। माना जा रहा है कि अवध को इसीलिए आम आदमी पार्टी ने पटपड़गंज से प्रत्याशी बनाया है।अवध ओझा एक मशहूर शिक्षाविद, मोटिवेशनल स्पीकर और कोचिंग टीचर के तौर पर जाने जाते हैं। ऐसे में अवध ओझा के ज़रिए युवा वोटर्स आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं। साथ ही अवध ओझा का वास्ता यूपी से है ऐसे में वो यूपी के वोटर्स को लुभाने में भी कामयाब होंगे।
पूर्वांचली वोटर्स और भव्य छठ पूजा ।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में छठ पूजा का आयोजन बड़े लेवल पर किया जाता है। बात चाहे छठव्रतियों के लिए घाट बनाने की हो या रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के रुकने के इंतज़ाम की। हर साल छठव्रतियों के लिए दिल्ली में तमाम इंतज़ाम सरकार की ओर से किए जाते रहे हैं। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के मंत्री, नेता और कार्यकर्ता भी छठ मनाने श्रद्धालुओं के बीच पहुँचते हैं।
अभी तक के आम आदमी पार्टी के कदम की बात करें तो दिल्ली में उनके पास बीजेपी और कांग्रेस से बेहतर तैयारी है।साथ ही पार्टी ये भी मैसेज देना चाहती है कि चुनाव रणनीति में वो विरोधियों से काफी आगे है।