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संसद के बाहर सांसदो में खूनी लड़ाई, जंग का मैदान बन गई संसद

तुर्की की संसद में शुक्रवार को बवाल हो गया. यहां पक्ष और विपक्ष के सांसदों में जमकर लात घूंसे-चले, जिसके वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।
संसद के बाहर सांसदो में खूनी लड़ाई, जंग का मैदान बन गई संसद

आपने सदन के भीतर नेताओं के बीच नोकझोंक, नेताओं का हा-हुल्ला, चिल्लम-चिल्ली, सदन के वॉकआउट, बहसबाजी अक्सर सुनी होगी।लेकिन सदन के बाहर आने के बाद किसी के बीच कभी बहस होते हुए नहीं देखी होगी।लेकिन अगर  ऐसी तस्वीर देखने को मिले जिसमें सांसद एक दुसरे पर थप्पडों की बौछार कर रहे हो,लात-घूंसे बरसा रहे हो तो शायद आप दंग रह जाएंगे।लेकिन ऐसा हुआ है तुर्की की संसद के बाहर , जहां दर्जनों सांसद आपस में एक दुसरे के उपर थप्पड़ों की बौछार करते हुए दिखाई दिए है।

मामला 16 अगस्त का है,जब एक जेल में बंद सांसद को लेकर तुर्की की संसद के बाहर सांसदों में मारपीट हो गई।वीडियों में देखा गया है की सांसद एक दुसरे को मारने पर उतारु है।जब ये मारपीट खत्म हुई उसके बाद संसद की सीढियों पर खुन के धब्बे भी दिखाई दिए।

दरअसल  विपक्षी पार्टी का एक सांसदलंबे वक्त से जेल में बंद है, और विपक्षी पार्टी चाहती थी की उस सांसदको जेल से बाहर कर दिया जाए।लेकिन सत्ता पक्ष इसके लिए राजी नहीं था।इस मसले को लेकर सांसदो में मारपीट हो गई, जिस सांसदकी रिहाई की मांग की जा रही है थी उनका ना कैन अटाले है।अब कैन अटाले का विवाद क्या है वो भी समझ लिजिए।खबरों के मुताबिक 2013 में तुर्की में एक प्रदर्शन किया गया, इस प्रदर्शन का मकसद था तत्कालीन सरकार को उखाड़ फेंकना।लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाए, उसके बाद अटाले पर आरोप तय हुए और 2022 में उन्हे 18 साल की सजी सुना दी गई।लेकिन जेल में बंद रहने के बाद भी 2023 में उन्हे सांसद चुना गया।

हालांकि संसद ने उन्हें सांसद नहीं माना और सांसदी रध्द कर दी।सासंदी रध्द करने का मामला कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने संसद के कदम को अमान्य माना।और सांसदी को बहाल कर दिया।जिसके बाद से उनके सहयोगी उनकी रिहाई की मांग कर रहे है।लेकिन शायद एर्दोगन सरकार अटाले को रिहा नहीं करना चाहती है।बस इसी बात को लेकर विवाद हो गया और विवाद मारपीट में बदल गया।और मारपीट के बाद नौबत खून खराबे तक आ पहुंची।लेकिन शुक्र है भारत में ऐसा नजारा देखने को नहीं मिलता।भले ही नोकझौक हो जाए, वॉकआउट हो जाए लेकिन मामला मारपीट तक नहीं पहुंचता।

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